राजस्थान सरकार शिकायत निवारण की बानगी देखिये ,वर्ष ,2014 में मुख्यमंत्री
 राजस्थान सरकार को  अभिभाषक परिषद कोटा द्वारा भेजे  ज्ञापन पर  18 जुलाई 
2017 पुरे तीन साल बाद नगरविकास न्यास द्वारा आवंटित भूखंड विवाद पर विचार 
करते हुए ,शीघ्र निस्तारण के निर्देश नगरविकास न्यास को जारी किये गए है 
,,,कोटा अभिभाषक परिषद के सदस्यों को कांग्रेस शासन में ,वकीलों को आरक्षित
 दर पर भूखंड आवंटित किये गए थे ,,लेकिन रियायती दर को लेकर वकील और सरकार 
में ठन गयी और भाजपा के वर्तमान सांसद ओम बिरला जो उस
 वक़्त विधायक थे ,,विधायक भवानी सिंह राजावत ,,चंद्रकांता मेघवाल 
,,प्रह्लाद गुजंल सहित कई भाजपा नेताओं ने वकीलों को धरने स्थल पर पहुंचकर 
उनकी पीठ थपथपाते हुए लिखित ,,वचन दिया था ,के वकीलों की मांग जायज़ है 
,,उन्हें रियायती दर से भी बहुत कम एक रूपये टोकन पर प्लाट दिए  जाना चाहिए
 ,,इन लोगो ने कोटा प्रेस को खुले रूप से सार्वजनिक तोर पर सीना ठोक कर 
बयान भी दिया था ,,के हमारी सरकार आते ही दस दिन में वकीलों  को रियायती दर
 पर भूखंड मिल जाएंगे ,, खुद मुख्यमंत्री ने भी वकीलों को परिवर्तन यात्रा 
के दौरान तात्कालिक अध्यक्ष मनोजपुरी  की उपस्थिति में आश्वस्त किया था 
,,सरकार बदली ,,वायदा करने वालों की सरकार आ गयी ,,लेकिन वकीलों ने इन 
नेताओ के ज़मीर को नहीं जगाया ,,इनसे सवालात नहीं किये ,,भूखंडो के बारे 
इन्होने वायदा वफ़ा क्यों नहीं किये कोई सवाल सार्वजनिक रूप से नहीं किया 
,,सरकार बदलते ही भूखंडो को लेकर वकीलों के आंदोलन में परिवर्तन हुआ ,,और 
पत्र ,ज्ञापन तक कार्यवाही  सिमट गयी ,,उस दौरान तात्कालिक अध्यक्ष नरेश 
शर्मा ,,महासचिव प्रमोद शर्मा ने जून 2014 में मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया
 को ज्ञापन भेज कर  ,,वकीलों को भूखंड रियायती दर पर आवंटित करने 
,,विसंगतिया दूर करने की मांग की थी ,, कोटा अभिभाषक परिषद के तीन अध्यक्ष 
बदले ,,इसके बाद कई ज्ञापन जिलाकलेक्टर के ज़रिये भेजे गए ,,कमेटी बनी 
,,वार्ता हुई ,,भूखंड रियायती दर पर देने से तो साफ़ इंकार हुआ ,,लेकिन जो 
क़ीमत कांग्रेस के वक़्त रखी थी ,,उस क़ीमत पर ब्याज ,,पेनेल्टी पर मामला आकर 
अटक गया ,,पत्रों से मांग की  जाती रही ,हाल ही सात  जुलाई जनसुनवाई के 
कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री से भी मिले ,,लेकिन राजस्थान 
सरकार ने तीन साल पुरानी  तात्कालिक महासचिव प्रमोद शर्मा के ज्ञापन पर 
वर्तमान में  अट्ठारह जुलाई को एक संदेश के माध्यम से सुचना दी ,,आपकी  
शिकायत का निस्तारण कर दिया गया है ,,पोर्टल पर तलाशा तो पता चला तीन साला 
पुराने ज्ञापन को नगर विकास न्यास कोटा को भेजकर आदेशित किया है के ,प्रकरण
 का शीघ्र निस्तारण करे ,,,,है न मज़ेदार बात ,,वकीलों की शिकायत के यह हाल 
है तो फिर और समस्याओ के निस्तारण की बानगी क्या होगी आप  समझ सकते है अब 
,,नए ज्ञापन ,,नयी शिकायतों का नंबर कब आएगा ,,देखते है ,,अख्तर खान अकेला 
कोटा राजस्थान

 
 

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