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08 जुलाई 2017

एक हवा हवाई खबर ,,,,उदयपुर हाई कोर्ट बेंच खुलने वाली है

एक हवा हवाई खबर ,,,,उदयपुर हाई कोर्ट बेंच खुलने वाली है ,,कोटा संभाग भी उदयपुर क्षेत्राधिकार में रहेगा ,,झूंठी सिर्फ झूंठी है ,,लेकिन एक सच तो है ,,कोटा के वकील अपने अधिकारों के प्रति सजग सतर्क नहीं रहे ,,वोह बिखर गए है ,,वोह संघर्षविहीन होकर उनके अपने हको के लिए भी संघर्ष नहीं कर पा रहे है ,,राजस्थान के वकीलों को निर्भीकता से जंग लड़कर इंसाफ दिलाने की पहचान रखने वाले कोटा के वकील न जाने क्यों ,,किस वजह से खामोश ,,बेबस लाचार है ,,कोटा में हाईकोर्ट बेंच की मांग तो दूर की बात ,,खुद वकीलों के प्लाट मामले में भी सरकार से संघर्ष नहीं कर पा रहे है ,,वकीलों के खिलाफ मुक़दमे है लेकिन वोह मुक़दमे भी अब तक हटवाए नहीं गए है ,,,कोटा के वकीलों में यह बदलाव सत्ता के बदलाव के साथ साथ अचानक क्यों आया इसकी कोई खास वजह समझ में नहीं आयी है ,लेकिन हाईकोर्ट बेंच सहित कई मुद्दों पर संघर्ष करने वाला कोटा का वकील ,,कोटा के वकीलों के आत्मस्वाभिमान के लिए संघर्ष करने वाला कोटा का वकील ,,सरकारों को झुकाने वाला कोटा का वकील ,,आज वकीलों को कांग्रेस शासन में आरक्षित दर पर दिए गए भूखंडो की क़ीमते कम नहीं करवा सके ,,क़ीमते कम करवाना तो दूर ,,अतिरिक्त चार्ज भी कम नहीं करवा सके ,,दो साल से पत्रावली नगर विकास न्यास मुख्यमंत्री के बीच की भूल भुलय्या में है ,,लेकिन एक इंच पत्रावली आगे नहीं बढ़ी उलटे वापस आने की खबर है ,,अफ़सोस सद अफ़सोस कोटा में वर्तमान सांसद ने वकीलों के धरने पर आकर सीना ठोक कर कहा था ,,वकीलों के संघर्ष रिजस्टर में तहरीर लिखकर हस्ताक्षर किया था ,,के भाजपा सरकार लाओ ,भाजपा सरकार के आते ही दो महीने में एक रूपये वर्ग फिट वकीलों को प्लाट में दिलवाऊंगा ,,अफ़सोस सद अफ़सोस खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने विपक्ष में रहते ,,परिवर्तन यात्रा के दौरान अपने भाषण में दहाड़ मारकर कहा था के कांग्रेस वकीलों का शोषण कर रही है ,,हमारी सरकार आते ही हम सभी रियायतें दे देंगे ,,विधायक भवानी सिंह राजावत ,,चंद्रकांता मेघवाल , इन मुद्दों पर खूब बोले थे ,,तहरीर लिखकर खुद ने वचन दिया था ,,सरकार आते ही ,,हम वकीलों की प्लाट समस्या का समाधान करवा देंगे इतनी दूर ,,रावतभाटा रोड वकीलों को प्लाट देना गैरवाजिब बताते हुए कहा था यही आसपास एक रूपये वर्गफीट में वकीलों को प्लाट दिलवाये जायहेगे ,,,,प्रह्लाद गुंजल विधायक ने तो फिर भी हाईकोर्ट मामले को विधानसभा में उठाने की कोशिश की है ,,लेकिन वकीलों के प्लाट की क़ीमत निर्धारण मामले में वोह भी कुछ नहीं कह पाए ,,कुछ नहीं कर पाए ,है ,,बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष के समक्ष कोटा में इन नेताओ का यह वायदा आज हवा हवाई है ,,हमारे वकील साथी सत्तापक्ष की पार्टी के जिला अध्यक्ष है ,,कई सदस्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी है ,,लेकिन प्लाट की क़ीमत कम करने की समस्या जस की तस है ,,पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने कोटा के वकीलों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों की अवज्ञा कर ,,वकीलों को आरक्षित दर पर प्लाट दिलवाये थे ,,क़ीमत कम करने को लेकर विवाद हुआ ,,हड़ताल हुई ,,रास्ते रोके गए ,,घेराव ,अर्धनग्न प्रदर्शन ,,पुतलादहन ,,तीसरे की बैठक तक कर डाली गयी ,,उस वक़्त प्लाट देने वाले के खिलाफ वकीलों की मर्दानगी उनका जोश देखने लायक था ,,फिर भी वार्ता के दौरान कुछ न कुछ प्लाट की दरों में कमी का आश्वासन दिया गया था ,,,,तीन बार मुख्यमंत्री सहित सभी बढे मंत्रियों से वकील रूबरू होकर वार्ता कर चुके थे ,,लेकिन आधी क़ीमत की ज़िद की वजह से बात नहीं बन पायी ,,आज तीन वर्ष वायदा करने वालों की सरकार है ,,वायदा करने वाले ,लिखित में आश्वासन देने वाले सत्तापक्ष में सांसद ,,विधायक ,है लेकिन मुख्यमंत्री से एक बार भी वार्ता नहीं हो सकी ,,प्लाट की कोमतो के निर्धारण पर आज भी पत्रावली जस की तस है ,,हाल ही में नगरविकास न्यास चेयरमेन ने कोटा अदालत में पूर्व अध्यक्ष द्वारा पूंछे जाने पर ,,पत्रावली जयपुर से वापस आने की सुचना दी तो कुछ वकीलों ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए अभिभाषक परिषद में साधारण सभा बुलाकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र भी दिया है ,,कोटा में यह बदलाव क्यों कैसे ,,किसलिए ,,आया यह पता ,नहीं , लेकिन कोटा के वकीलों के खिलाफ ,,हाईकोर्ट बेंच और प्लाट आंदोलन को लेकर जो प्रदर्श हुए उन मुक़दमो में वकील मुल्ज़िम है ,,कुन्हाड़ी ,,विज्ञाननगर सहित कई थानों ने वकीलों के खिलाफ चालान पेश किये है ,,कुछ जाँच में है ,,इन मुक़दमो में मुख्य अभियुक्त सांसद ओम बिरला ,,विधायक चंद्रकांता मेघवाल ,,विधायक भवानीसिंह राजावत भी है ,लेकिन यह लोग भी इन मुक़दमो को तीन साल होने पर भी सरकार से वापस नहीं करवा सके है ,कोटा के वकीलों को इन मामलों को लेकर ,ऐसे नेताओं की ठगी ,,झूंठ फरेब ,और मुख्यमंत्री की खुली उपेक्षा को लेकर ,,चिंतन मंथन करना ही होगा ,,एक बार फिर अंगड़ाई लेकर ,,कोटा के वकीलों को झूंठ बोलने वाले ,,झूंठे वायदे करने वाले ऐसे नेताओ द्वारा लिखित में जो समर्थन रजिस्टर में दिया है ,,उस तहरीर को ,,उस वक़्त के अख़बारों में जो समर्थन खबरे प्रकाशित हुई है उन खबरों को ऐसे नेताओ की धोखेबाज़ी उजागर करने के लिए बढे बढे होल्डिंग बनाकर ,,शहर के चोराहो पर चस्पा करवाकर उन्हें बेनक़ाब भी करना चाहिए ,लेकिन ऐसा करने के लिए वकीलों को आत्मचिंतन के साथ अपने हक़ संघर्ष के लिए फिर एक जुट ,निर्गुट ,निष्पक्ष ,,गैरसियासी ,,गैरभाईसाहब वाला होना पढ़ेगा ,,काश कोटा में वकीलों का फिर से स्वाभिमान युग आ जाए ,,काश ऐसा हो ,, जाए ,,,,वकील साथियौं के खिलाफ जो आंदोलन के वक़्त के मुक़दमे है वोह वापस हो जाए ,,वकीलों को उनके प्लाट जिस रियायती दर के लिए उन्होंने इतने साल संघर्ष किया उस दर पर मिल जाए ,,कोटा में हाईकोर्ट बेंच का सर्वेक्षण शुरू हो ,जाए ,,काश ऐसा हो जाए ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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