भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भावी सुपर सुप्रीमो ,,राहुल गांधी के संगठन
में निष्पक्ष इलेक्शन आदेशों को ,,कुछ मठाधीश कचरे की पेटी में डालकर
बंदरबांट कर हमेशा की तरह से ,,इलेक्शन फार्मूले के खिलाफ सेलेक्शन
फार्मूले से संगठन पर फिर क़ब्ज़ा कर संगठन की वही पूर्ववत दुर्गति बरक़रार
रखना चाहते है ,,जबकि राहुल गांधी बार बार निष्पक्ष चुनाव पर ज़ोर दे रहे
है ,,इसके पहले लाख तकलीफो और विरोध के बावजूद उनके निर्देशों पर यूथ
कांग्रेस ,,छात्र कांग्रेस के आंतरिक चुनाव ईमानदारी से हो चुके है ,देश भर
में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के तहत बूथ इकाइयो से लेकर
ब्लॉक अध्यक्ष ,,जिला अध्यक्ष राष्ट्रिय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू
हो गयी है ,,15 मई तक सदस्य्ता अभियान की अंतिम तिथि थी ,,लेकिन राहुल
गांधी के निर्देशों पर नियुक्त प्रदेश निर्वाचन अधिकारी ,जिला निर्वाचन
अधिकारी ,,तात्कालिक प्रदेश और जिला कमेटियां इस मामले में गंभीर नहीं है
,उन्होंने पहले से ही इलेक्शन प्रणाली ,,वोटिंग प्रणाली को धता बनाकर
,,सेलेक्शन प्रणाली का माहौल बनाना शुरू कर दिया है ,,हालात यह है के
कांग्रेस के संविधान के अनुसार सदस्यों की सदस्य्ता छानबीन ,सहित कई
प्रक्रियाएं मात्र औपचारिक बनकर रह गयी है ,,इस मामले में राहुल समर्थक जो
हर हाल में राहुल गाँधी के निर्देशानुसार बैलेट पर गुप्त चुनाव चाहता है
,,उनके और बंदरबांट करने वाले गुपचुप अपने मनचाहे गिरवी लोगो को संगठन में
अध्यक्ष बनाने वाले लोगो के बीच में ठन गयी है ,,राहुल समर्थको की स्पष्ट
राय है के संविधान की प्रक्रिया को धता बताकर अगर प्रदेश निर्वाचन अधिकारी
या फिर जिला ,,ब्लॉक निर्वाचन अधिकारियो ने राहुल के इलेक्शन फार्मूले के
खिलाफ चमचो के लिए सेलेक्शन फार्मूला अपनाया तो वोह लोग इस गैर संवैधानिक
कार्यवाही का खुला विरोध करेंगे ,,शिकायत करेंगे ,, आवश्यकता पढ़ी तो मामले
को संगठन की शीर्ष अदालत तक ले जाएंगे ,,कनूनी कार्यवाही करेंगे
,,केंद्रीय कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के मधु सूदन मिस्त्री ने संगठन की बूथ
इकाइयों सहित सभी पदों के लिए निष्पक्ष चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी
है ,,संगठन के संविधान में इस मामले में निष्पक्ष चुनाव के नियम स्पष्ट है
जिसमे हर हाल में चुनाव होना ही है ,,,इसके पूर्व क्या सावधानियां ,,क्या
प्रक्रिया होगी उसे किसी ने भी अब अंगीकार नहीं किया है ,,चुनाव अधिसूचना
के तहत 15 मई तक सदस्य्ता की अंतिम तिथि थी ,दो माह में 14 जुलाई तक सूचि
तैयार होकर ऐ आई सी सी पहुंच जाना चाहिए थी ,जो अभी तैयार नहीं हुई है
,,छानबीन समिति नहीं बनी है ,,6 अगस्त को अंतिम सूचि का प्रकाशन होना है
,,7 से 20 अगस्त तक प्राथमिक कमेटी अध्यक्ष और प्रतिनिधियों के बूथ वाइज़
चुनाव होना है ,,ब्लॉक कमेटियों का गठन होना है ,,जबकि दूसरे फेज़ में पहचान
पत्र बनाना ,,21 अगस्त से 4 सितम्बर तक जिला कांग्रेस के 6 प्रतिनिधि एक
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य का चुनाव होना है ,,तीसरे फेज़ में 5
सितम्बर से 15 सितम्बर तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों का निर्वाचन
होना है ,,,चौथे फेज़ में 16 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक प्रदेश कांग्रेस
अध्यक्ष और 16 ओक्टुबर से 25 अकटूबर तक प्रदेश के ऐ आई सी सी सदस्यों के
चुनाव होना है ,,पांचवे फेज़ में सी डब्ल्यू सी के सम्मेलन फिर राष्ट्रीय
अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया की घोषणा उक्त कार्यक्रमों के बाद होगी
,,,संगठन चुनाव में संविधान के प्रावधान के तहत ,,हर चुनाव में पंद्रह
प्रतिशत सहवृत सदस्य होंगे जिसमे छह में से दो महिलाये आवश्यक रूप से होंगी
,,संगठन संविधान के मुताबिक़ हर स्तर पर हर चुनाव में बाईस प्रतिशत दलित
,,अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित पद होंगे ,,जबकि तेंतीस प्रतिशत पद महिलाओं
के लिए आरक्षित होंगे ,,इन तेंतीस प्रतिशत महिला आरक्षित पदों में भी
प्रतिशतता के आधार पर बाइस प्रतिष दलित अल्पसंख्यकों का निर्वाचन होगा ,,इस
तरह से पचपन प्रतिशत आरक्षित पदों को लेकर अभी तक किसी भी ज़िले ,,बूथ में
सीटों को चिन्हित कर आरक्षित नहीं की गयी है ,,,जो प्रदेश निर्वाचन ,,जिला
निर्वाचन ,,ब्लॉक निर्वाचन अधिकारियो को करना होगा ,,,सदस्य्ता अभियान में
मनमानी और अनियमितताओं के आरोपों से संगठन की खिल्ली उड़ रही है ,,कांग्रेस
के विधान में पांच साल का कार्यकाल बदल कर कार्यकाल तीन साल कर दिया गया
,है ,सो रूपये का क्रियाशील सदस्य की प्रक्रिया समाम्प्त कर दी गयी ,,है
,,कूल मिलकर कांग्रेस में सदस्य्ता अभियान में सदस्यों की संख्या को लेकर
चौधरी बनने की प्रथा खत्म कर लोकतान्त्रिक व्यवस्था क़ायम की गयी है ,,लेकिन
निर्वाचन अधिकारियो को अभी तक यह संदेश नहीं दिया गया है के किसने कितने
सदस्य बनाये है ,,उनके नाम के खाते के सदस्य देखकर क़तई प्रभावित होकर
उन्हें संगठन का मठाधीश नहीं मानना है ,,विधि विरुद्ध बनाये गए संगठन
सदस्यों पर कोई कार्यवाही नहीं है ,, संवैधानिक प्रावधान के अनुसार
कांग्रेस प्रदेश कमेटी सदस्य्ता अभियान के तहत ,,जिला कमेटियों को सदस्य्ता
आवेदन पत्र देंगे ,,जिला कमेटियां इच्छित पदाधिकारियों ,,सदस्यों ,,को
आवेदन वितरित करेगी जिसका रिकॉर्ड संधारित होगा , अगर जिला कमेटियां
सदस्य्ता आवेदन देने में गड़बड़ करती है तो शिकायत मिलने पर ही अनुशासनात्मक
कार्यवाही कर प्रदेश कमेटी आवेदन दे सकती है ,,लेकिन सभी आवेदन अधिकतम
आवेदन प्रदेश कमेटियों ने जिस को चाहा विधि विरुद्ध दे दिए ,,आवेदन
प्रक्रिया के तहत एक व्यक्ति को 1250 आवेदन से अधिक आवेदन नहीं दिए जा सकते
फिर एक व्यक्ति को दस दस हज़ार से भी ज़्यादा डायरियां कैसे मिल गयी
,,विधायक ,,सांसदों को यह आवेदन 2500 देने का प्रावधान है ,,कई जगह पर एक
भी सांसद ,एक भी विधायक नहीं है फिर भी खैरात की तरह आवेदन बांटे गए है
,,कोई भी व्यक्ति जितने आवेदन लेगा उतने ही आवेदन गिनकर जमा कराएगा , अगर
भरे हुए आवेदन है तो उनका हिसाब होगा ,,खाली आवेदन लौटाने का हिसाब अलग
होगा ,,लेकिन कई प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में खाली आवेदन वापस नहीं दिए गए
है जो डिफॉलटर प्रर्किया में माना जाएगा और ऐसे लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे
,,,सामान्य प्रक्रिया में कई सदस्य बनाने वाले मठाधीशो ने क्रियाशील सदस्य
की तरह पहले से ही एक डायरी के प्रमुख पृष्ट वाले सदस्य को क्रियाशील
मनाकर सो रुपए पृथक से जमा कराये है यह उनकी संविधान जानकारी का अभाव ही
कहा जाएगा , ,,कांग्रेस के इलेक्शन फार्मूले को धता बताकर सेलेक्शन
फार्मूले के तहत मनमानी करने वाले गुट से जुड़े लोग ,,अपने अपने प्रदेश और
ज़िले की सूचियों को लेकर प्रदेश निर्वाचन अधिकारी ,,जिला निर्वाचन
अधिकारियो को संविधान की भावना के विपरीत गुमराह करने में जुटे है वोह लोग
,,सदस्य्ता सूचि में किसने कितने सदस्य बनाये यह सूचि अलग से देकर चुनाव
प्रभावित करने की कोशिशों में जुटे है ताकि मनोवैज्ञानिक दबाव के तहत
इलेक्शन के स्थान पर बंदरबांट होकर सेलेक्शन के तहत यह लोग अपनी मनमानी कर
ले ,,,निर्वाचन अधिकारियो को सिर्फ ज़िले ,,भाग संख्या ,,बूथ वाइज़ सदस्य
सूचि से मतलब है ,,ऐसे में किसने कितनी डायरियां ली ,,कितनी डायरियां भरी
इसका चुनाव प्रर्किया से कोई लेना देना नहीं है ,,ऐसे में राहुल समर्थक जो
राहुल की आवाज़ बनकर ,,इलेक्शन फार्मूले के पक्ष में है सेलेक्शन फार्मूले
के राहुल विरोधी लोगो की इस प्रकिया जिसमे सदस्य बनाने वाले लोगो के नाम
निर्वाचनं अधिकारी को देकर उन्हें प्रभावित करने का प्रयास है उसके विरोधी
है ,,निर्वाचन अधिकारी को तो बूथ पर चुनाव करवाना है ,,चुनाव के पूर्व
महिला ,,दलित ,,अल्पसंख्यक बूथों ,,का प्रतिनधियों ,,,अध्यक्षों ,,का
आरक्षण चिन्हित कर करना है जो अभी तक नहीं किये गए है ,,चुनाव प्रक्रिया
में बूथ अध्यक्ष और प्रतिनधियों के चुनाव होना है जिसकी अपनी कार्यकारिणी
होगी यह लोग ब्लॉक अध्यक्षों ,,6 जिला कांग्रेस कमेटी सदस्यों 1 प्रदेश
कॉनर्स कमेटी सदस्य और ब्लॉक कमेटी का गठन करेंगे कोटा में शहर में पांच और
देहात में सात ब्लॉक है ,,यहां उक्त ब्लॉक चुनाव प्रक्रिया के बाद
,,संबंधित निकाय नेता ,या प्रतिपक्ष स्वत निर्वाचित माना जाएगा ,देहात में
प्रधान ,,जिलाप्रमुख ,,सदस्य होंगे ,,कोटा में एक भी विधायक ,,,सांसद नहीं
है इसलिए उन्हें सदस्य नहीं बनाया जा सकेगा ,,विधान मुताबिक़ एक ब्लॉक में
छह सदस्य के हिसाब से 45 तक की कार्यकारिणी बन सकेगी जबकि कोटा देहात के
सात ब्लॉकों में यह संख्या 60 तक हो सकती है ,,,ताज्जुब इस बात पर है जिस
व्यक्ति के नाम से हज़ारो लोगो को सदस्य बनाने की खातेदारी है उसकी बैठक में
पच्चीस लोग भी नहीं आते तो फिर वोह कोनसे लोग है जिनके आवेदन प्रदेश
पदाधिकारियों को कांग्रेस का सदस्य बनाकर दिए गए है ,प्रभारियों ,,सह
प्रभारियों खुद निर्वाचन अधिकारियो की बैठक में गिनती के लोग ,खुद सदस्य
बनाने वाले लोग गायब ,,शायद ऐसा इसलिए के उन्हें यक़ीन है इलेक्शन नहीं
सेलेक्शन होगा ,,लेकिन अगर संगठन को मज़बूत करने को लेकर राहुल गाँधी के
इलेक्शन फार्मूले को मठाधीशो ने कांग्रेस के संविधान की भावना के विपरीत
,,सेलेक्शन फार्मूला अपनाया तो विद्रोह होगा और कांग्रेस का जो पुरान घिसा
पिटा चेहरा जिन चेहरों ने कांग्रेस को बहतरीन काम करने के बाद ,,प्रदेश
में सचिन पायलेट जैसे एनर्जेटिक नेता ,,देश में राहुल गाँधी ,सोनिया गाँधी
जैसे ज़िम्मेदार नेतृत्व होने के बाद भी ,,कांग्रेस को गर्क में डाल दिया है
फिर से वही चापलूस ज़िलों ,ब्लॉकों में होंगे और ज़मीन का कार्यकर्ता ज़मीन
में दफ़न हो जाएगा ,,उसके कांग्रेस को राहुल गाँधी के इलेक्शन फार्मूले के
तहत मठाधीशो से कांग्रेस को आज़ाद कराकर ,,एक नई उत्साहित ,,नयी एनर्जेटिक
,,नयी निष्पक्ष मज़बूत कांग्रेस देने का जज़्बा चकनाचूर हो जाएगा ,,इसलिए
कुछ करना होगा ,,,कुछ सोचना होगा ,,प्रदेश निर्वाचन अधिकारियो ,,जिला
निर्वाचन अधिकारियो ,,ब्लॉक निर्वाचन अधिकारियो को राहुल गाँधी के इलेक्शन
फार्मूले का सम्मान करना होगा और हर हाल में निष्पक्ष ईमानदार सिस्टम के
इलेक्शन से ही मज़बूत संगठन को खड़ा करना होगा ,,क्या हम ऐसा कर सकेंगे यह
वक़्त बताएगा कौन राहुल गाँधी की इलेक्शन भावना के खिलाफ है और कौन राहुल
गाँधी के खिलाफ मठाधीशो के समर्थक राहुल विरोधी होकर सेलेक्शन फार्मूले के
पक्ष में है ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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