कोटा उद्योग नगरी ,,शैक्षणिक नगरी ,, पर्यटन नगरी होगा ,, लेकिन एक कड़वा सच
यह भी है ,,के यहां , अपराधियों का संरक्षण ,,भी है ,,उनकी फसल भी उगती है
,,तो सियासी और पुलिस सांठ गांठ के भी कई क़िस्से है ,,ऐसे में ,,इस कोटा
शहर की हर अपराध प्रणाली से ,,पूर्व परिचित ,,राजधानी में विशेष रूप से,,,
बहुपक्षीय अपराधियों की नाक में नकेल डालकर,,, कोटा लौटकर आने वाले,,
,पुलिस अधीक्षक अंशुमान भोमिया के लिए ,,,कई कठोर चुनौतियां है ,,सभी जानते
है ,,कप्तान के मिजाज़ से,,, थानों का मिजाज़ बनता है ,,पुलिस का मिजाज़
बनता है ,,अपराधियों में भी,, विशेषज्ञ ग्रुप ,,पुलिस कप्तान की कार्यशैली
को देखकर ,,अपने अपराध के तोर तरीकों में बदलाव लाता है ,,जैसे पूर्व पुलिस
अधीक्षक सट्टे और पुलिस प्रताड़ना के सख्त खिलाफ थे ,तो खुलकर शहर में
सट्टा कभी नहीं चला ,,आम जनता से प्रताड़ना जैसा दुर्व्यवहार न हो ,इसका
पूरा ध्यान रखा गया ,वर्तमान में पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया ने ,,,अपने
पूर्व अनुभवों के आधार पर ,,एक विशेष टीम पर भरोसा जताया है ,वोह कितने
वफादार,,कितने कर्तव्यनिष्ठ होंगे,, यह तो वक़्त बताएगा ,,लेकिन फिलहाल
,,पुलिस अधीक्षक की अपराध नियंत्रण व्यवस्था को लेकर,,,, सर्वत्र प्रशंसा
का माहौल है ,,पुलिस अधीक्षक की पुलिसिंग कामयाब है ,,कोटा में अपराधियों
की धरपकड़ ,,मोटर साइकल चोर गिरोह ,,हथियार रखने वाले अपराधियों की गेंग
पकड़ी जा रही है ,,धनाढ्य युवकों ,,व्यक्तियों को ,,अपने जाल में फंसा कर,,,
बलात्कार के मुक़दमे दर्जकरवाकर ,,उन्हें ब्लेकमेल करने वाली महिलाओं और
उनके समर्थकों की गेंग का ,,,पर्दाफाश हो रहा है ,,,थानों में भी वर्तमान
हालात नियंत्रित नज़र आ रहे है ,,लेकिन फिर भी ,,,कोटा में बीट प्रणाली का
पुनर्गठन ,,हर बीट क्षेत्र की क्रॉस चेकिंग की ज़रुरत है ,,सट्टे
व्यापारियों पर निगरानी ,,,नौजवान बाइकर्स पर सख्ती के अलावा ,,कार चालकों
की जांच भी ज़रूरी है,,, ,क्योंकि वर्तमान में लम्पट अपराधी ,,,या तो,,,,
हेलमेट पहनकर ,,दुपहिए वाहन पर होते है ,,या फिर कार में बढे आराम से अपराध
कर रहे है ,,वोह जानते है कार में कोई चेकिंग नहीं ,,शराब पीकर बैठो
,,शराब पीकर चलाओ ,,सीट बेल्ट लगाओ या मत लगाओ ,,कोई जाँच नहीं है ,,मोटर
साइकल पर जाने वाला अपराधी समझता है हेलमेट पहनो ,,हर नाकेबंदी से पार हो
जाओ ,,क्योंकि पुलिस की नज़र तो,, बिना हेलमेट वाले पर है ,,कोटा में बाहर
के छात्र छात्रों के आने के बाद ,,स्थानीय होटलों में जिस्मफरोशी का
व्यापार भी बढ़ा है ,,ऐसे में हर होटल ,,हर हॉस्टल के बाहर,, सी सी टी वी
कैमरे लगवाकर उनकी प्रति सप्ताह समीक्षा हो ,,जांच हो ,,निगरानी हो ,,कोटा
के महत्वपूर्ण स्थानों पर ,,चौराहों पर ,,सी सी टी वी केमेरे लगाए भी जाएँ
,उनका संरक्षण और मेंटिनेंस के साथ उनकी निगरानी भी हो ,,,पुलिस अधीक्षक को
विश्वसनीय पुलिसकर्मियों की टीम बनाकर थानों के कामकाज की भी समीक्षा करना
होगी ,,,,,प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा सिविल मामलों को क्रिमनल मामले बनाने
की परम्परा रुकना चाहिए ,,,बी सी और ब्याजखोरों द्वारा महिलाओं का शोषण खूब
किया जा रहा है ,,खाली चेक ,,और स्टाम्प लिखापढ़ी के बाद कार्यवाहियों पर
भी नियंत्रण होना ज़रूरी है ,,,दहेज़ प्रताड़ना के मामलों में ईमानदारी से
जांच हो ,,ईमानदारी से प्रताड़ित महिला को न्याय मिले ,,लेकिन उसकी फ़र्ज़ी एफ
आई आर पर ,,ससुराल पक्ष के लोगो को प्रताड़ित न किया जाए इसके भी निर्देश
हो ,,बलात्कार की कई सूचनाओं के बाद ,,सभी जानते है अपराधी गिरफ्तार होता
है ,,बदनामी होती है और फिर पीड़िता अदालत में बयांन बदल कर पड़ला झाड़ लेते
है ,,ऐसा एक गिरोह भी सक्रिय है ,,जो ऐसी कार्यवाहियो में लगा है ,,ऐसे में
बलात्कार की शिकायतों का भी सूक्ष्म वैज्ञानिक परीक्षण हो ,,जैसा पुलिस
अधीक्षक महोदय जयपुर में ऐतिहासिक कामयाबी प्राप्त कर कर चुके है ,,,कोटा
में पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया ने यूँ तो ,जनसुनवाई में संवेदनशीलता
दिखाई है ,,,उत्पीड़ितों को इंसाफ भी मिला है ,लेकिन वर्तमान हालातो में
कोटा में गेंग पकड़ने ,,किसान आन्दोलन ,,मुख्यमंत्री का दौरा ,,किसान मेला
,,,वीडियो ,,कॉन्फ्रेंसिंग ,,मुख्यमंत्री कॉन्फ्रेंस ,,सहित कई ऐसे
कार्य्रकम रहे जो पुलिस अधीक्षक जन सुनवाई पर केंद्रीकृत न रह सके ,,ऐसे
में अगर निजी तोर पर जनसुनवाई की नियमित कोई व्यवस्था हो ,,उस पर क्रॉस
निगरानी हो ,,रेगुलर की गयी कार्यवाही पर नज़र हो ,,सी एल जी कमेटियों
,,शांति समितियों ,,बाल समितियों सहित कई अन्य सहयोगियों की सूचि की जाँच
पड़ताल कर उनका पुनर्गठन हो ,,,नए गैर राजनितिक लोगो का जुड़ाव हो ,,आम जनता
से सीधे संवाद के कार्यक्रम हो ,,तो निश्चित तोर पर सूचनाएं भी मिलेंगी
,,जनता का विश्वास भी बढ़ेगा ,,,वर्तमान विकट परिस्थितियों वी आई पी
यात्राओं ,,,मुख्य कार्यक्रमों के प्रबंधन के बाद भी ,,,पुलिस अधीक्षक
अंशुमन भोमिया के इस छोटे से कार्यकाल में ,पुलिस में जो सुधार शुरू हुए है
,,अपराध नियंत्रण के तहत मोटर सायकल चोर गिरोह सहित ,,हथियारों के तस्करों
के गिरोह की जो धरपकड़ है ,,बलात्कार के नाम पर ब्लैमेलरों के खिलाफ जो
कार्यवही है वोह प्रशंसनीय है ,,,लेकिन ट्रेफिक मामले में लूटपाट पर अंकुश
लगना भी ज़रूरी है ,,ट्रेफिक मामलों में ,जाब्ता ,,चैकिंग के अलावा ट्रेफिक
नियंत्रण पर भी अपना ध्यान दे ,,बेतरतीब चोपहिये वाहन ,,ऑटो ,,मिनीबस
,,मैजिक ,,टेम्पो सहित अन्य वाहनों ने पुराने कोटा सहित नए कोटा में
यातायात अव्यवस्थित किया हुआ है ,,जबकि ओवर लोड वाहनों के कारण भी माहौल
खराब है ,,,, ऐसे में ट्रेफिक में लगे कर्मचारियों के भी रेंडम चेकिंग
ज़रूरी हो गयी है ,,,कोटा के अख़बार और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में ग़ैरक़ानूनी
तरीके से प्रिवेंशन ऑफ़ ड्रग मैजिक एक्ट ,,के उल्न्न्घन में झोला छाप
चमत्कारिक चिकित्स्कों ,,असाध्य बिमारियों के इलाज ,,मर्दाना ताक़त की दवा
देने वालों के विज्ञापन होने से कोटा नामर्दो का शहर लगने लगा है ,और यह
चमत्कारिक ओषधि ,,तंत्र मंत्र विद्या के नाम पर शहर में मनोवैज्ञानिक तरीके
से डरा धमका कर ,,ठगी का कारोबार भी कर रहे है ,,ऐसे लोगो को थाने वाइज़
सर्वेक्षण करवाकर ,,उनके खिलाफ उनकी डिग्रियां जाँच कर कार्यवाही भी ज़रूरी
है जबकि ,,अखबारों में इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन
पर सज़ा का प्रावधान है उन्हें भी चेतावनी देकर ,,नहीं मानने पर उनके खिलाफ
निष्पक्ष निर्भीक आपराधिक कार्यववाही की आवश्यकता है ,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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