आपका-अख्तर खान

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09 जून 2017

खूब कड़के थे ,

तुम बिजली की तरह
खूब कड़के थे ,,,
तुम बादल की तरह
खूब बरसे थे ,,,,
सब कुछ
तबाह बर्बाद करके
तुम कहाँ चले गए
तुम कहाँ चले गए,,अख्तर

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