आज़ादी के नाम पर ,, क़ानून तोड़ने ,,राष्ट्रभक्ति के नाम पर गुंडागर्दी करने
,,,राहजनी ,,आतंकवाद का माहौल बनाकर ,,,देश की आंतरिक सुरक्षा ,,क़ानून
व्यवस्था ,,को धता बताकर ,,डर और खौफ का माहौल ,,इससे पराकाष्ठा वाला शायद
कभी नहीं होगा ,,,और नीरो बंसी बजाने की कहावत भी इससे बढ़ी चरितार्थ नहीं
होगी ,,,प्रधानमंत्री साहिब गोरक्षको की गुंडागर्दी की पोल खोलते है
,,लेकिन यह गोरक्षक अपराधी विचारधारा के लोग ,,सड़को पर बेहूदगी करने से
प्रधानमंत्री के निर्देशों के बाद भी नहीं चूकते ,,प्रधानमंत्री
उनका क़ानून इसके बावजूद भी ऐसे लोगो का बाल भी बांका नहीं कर पाता ,,तब
समझमे आता है के एक आदरणीय प्रधानमंत्री भी इन लोगो के आगे कैसे बेबस लाचार
है जो कह तो सकते है ,समझ सकते है ,,लेकिन इनके खिलाफ क्विक और सख्त एक्शन
नहीं ले सकते ,,ऐसी बेबसी ,,ऐसी लाचारी पहले कभी नहीं ,,किसी प्रधानमंत्री
साहिब की थी ,,अटूट बहुमत वाले है साहिब तो ,,गठबंधन ,,अल्पमत के
प्रधानमंत्री भी इतने बेबस लाचार नहीं थे ,,,अख्तर
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