सियासत
कोई रोज़गार नहीं होती ,सियासत खिदमत सिर्फ खिदमत होती है ,,अपने नेता के
प्रती वफ़ादारी का सुबूत होती है ,,समाजसेवा ,,पार्टी के प्रति समर्पण होती
है ,,सियासत किसी के ईमानदाराना रोज़गार को प्रभावित भी नहीं करती है
,,,सियासत ईमानदारी की मिसाल भी होती है ,,,यह कड़वा सच उदाहरण बनकर बताने
वाले शिक्षाविद प्रगति इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमेन डॉक्टर ज़फर प्रगति आने
सच कर दिखाया है ,,डॉक्टर ज़फर मोहम्मद हर दिल अज़ीज़ ,,कोंग्रेस सहित आम
समाजसेवियों के चहेते भी है ,,वोह लोगो के दुःख दर्द में कन्धे से कन्धा
मिलाकर साथ रहते है ,तो कोंग्रेस कार्यालय में आज़ादी के जश्न ,,गणतन्त्र
दिवस के जश्न पर लहराए जाने वाले तिरंगे के गवाह भी होते है ,,तो इस मौके
पर लोगो में मिठास की खुशियां बाँट कर मिठाई वितरित करने के गवाह भी बनते
है ,,खुद को पूर्वमंत्री शान्तिधारीवाल के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रखने
वाले ,,डॉक्टर ज़फर ,,,अल्पसंख्यको के कल्याणकारी कार्यक्रमो के सारथि बनते
है ,,तो उर्दू अदब को बढ़ावा देने के लिए ,,राष्ट्रिय मुशायरे के आयोजक भी
बनते है ,,अपने नेता के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा यह है के नेता की
उपेक्षा कर कोई भी इन्हें कितना ही बढ़ा पद ,,कितना ही बढ़ा ऑफर दे ,,तो यह
सादगी से उसे ठुकराकर ,,अपने नेता के प्रति समर्पण को ज़िंदाबाद कहते है
,,,कोटा के शिक्षाविद डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ,,समाजसेवा और सियासत में सक्रिय
है ,,यह हज के वक़्त ,,,हज प्रशिक्षण शिविर के मुख्य प्रबंधक होते रहे है
,,तो समाज के दूसरे कामकाजों में ,,अपनी सियासी पेचीदगियों के बाद भी,,,
पेश पेश रहते है ,,कांग्रेस संगठन से जुड़कर,,, डॉक्टर ज़फ़र अपने साथियों के
साथ मिलकर,,, हाड़ोती के एक छत्र कोंग्रेसी नेता,,, शान्तिकुमार धारीवाल के
नेतृत्व में कांग्रेस को ज़िंदाबाद कह रहे है ,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने कोटा
में ,,,ही उन्नीस जनवरी उन्नीस सो अट्ठावन को जन्म लिया ,,कोटा राजकीय
महाविद्यालय में ही आपने,,, छात्र जीवन से राजनीति का पाठ पढ़ा ,,,फिर बी ऐ
बाद,,, बी एड किया ,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद को शान्तीधारीवाल ने जिलाप्रमुख पद
पर रहते हुए शिक्षक का नियुक्ति पत्र दिया बस ,,तब से ही,,, डॉक्टर ज़फ़र
मोहम्मद शांतिधरीवाल के निकटतम और वफादार साथियों में से,,, प्रमुख हो गए
,,,,,सरकारी सेवा के दौरान ही डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने ड्राइंग में एम ए किया
फिर भूगोल में बीज और तेल उत्पादन विषय पर,,, डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त
कर ,,,गुरूजी से महागुरुजी ,,,यानि अध्यापक से डॉक्टर बन गए ,,,,डॉक्टर ज़फ़र
ज़ीरो से हीरो बनने वाली ,,,ऐसी शख्सियत है ,,,जिसने निरपराध तरीके
से,,,,अपनी महनत ,,लगन ,,ईमानदारी से खुद को स्थापित किया ,,शिक्षाविद के
रूप में,,,, खुद को बुलंद किया ,,प्रगति स्कूल की शुरआत से ,,,करोड़ों करोड़
के ,,,प्रगती इंटरनेशनल स्कूल के आज ,,,,आप संचालक है ,,,ख़ुशी की बात यह है
के ,,,इनके बी एड कॉलेज ,,एस टी सी कॉलेज सहित सात संस्थाएं है जिसमे गरीब
छात्र छात्राओं को फीस में भी छूट मिलती है तो,,,, उनको इनकी संस्था की
तरफ से,,, आवश्यक सुविधाये भी उपलब्ध कराई जाती है ,,,,शिक्षा एक व्यवसाय
है ,,,लेकिन शिक्षा को एक सेवा एक खिदमत के तोर पर भी,,, ज़िम्मेदारी से आप
निभा रहे है ,,,कांग्रेस संगठन में आप शांतिधरीवाल को अपना गुरु ,,,अपना
मॉडल एम्बेसेडर मानते है और विकट परिस्थितियों में भी,,, आप हमेशा हर दम
शान्तिधारीवाल ज़िंदाबाद के नारे के साथ ,,,उनके साथ रहे है ,,डॉक्टर ज़फ़र
मोहम्मद आल इण्डिया मुस्लिम बैकवर्ड क्लासेज़ कांग्रेस संगठन के प्रदेश
अध्यक्ष है ,,जबकि मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के राष्ट्रीय महासचिव है
,,,,,आप कोटा जिला कांग्रेस में लगातार ,,,नो साल उपाध्यक्ष पद पर रहे,,
फिर हज कमेटी के जिला समन्वयक बनाये गए ,,शांति समिति की संभागीय सदस्य रहे
,,कोटा नगरनिगम में सहवारित वार्ड पार्षद रहे और सत्ता पक्ष के दौरान
,,,कांग्रेस प्रदेश संगठन में सचिव पद पर रहकर ,,,कई ज़िलों के स्वतंत्र रूप
से प्रभारी भी रहे ,,,नेतृत्व क्षमता ,,समाजसेवा में अग्रणी ,,,लोगों के
कामकाज में ,,,आगे रहकर काम आना इनकी फितरत है ,,बिना किसी घमंड के सादगी
और सहजता से ,,,,सभी से मिलना इनका रोज़ का दस्तूर है ,,,शांतिधारीवाल की
वफादारी,,,, इस क़दर के सारी दुनिया भी,,, इनके अगर खिलाफ हो तो,,,, यह
शांतिधारीवाल का साथ ,,,,,किसी भी कीमत पर,,,, छोड़ने को तैयार नहीं ,,,वोह
कहते है ,,,,जिस नेतृत्व ने मुझे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया ,,,उस नेतृत्व
से मुंह मोड़ना,, अहसान फ़रामोशी है और यह ,,,,मेरी फितरत में हरगिज़ हरगिज़
नहीं ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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