मेरी जो
चाहत है न
मेरी जो
ख्वाहिश है न
उसे पूरी न करने की
ज़िद ,,तुम्हारी होगी ,,
लेकिन में कहता हूँ
तुम खुद को
अगर रोक सको
तो रोक लेना ,,,अख्तर
चाहत है न
मेरी जो
ख्वाहिश है न
उसे पूरी न करने की
ज़िद ,,तुम्हारी होगी ,,
लेकिन में कहता हूँ
तुम खुद को
अगर रोक सको
तो रोक लेना ,,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)