तुमसे टकरा कर
आज जो
हवा का झोंका आया है
सच कहूँ ,,
उसमे न वफ़ा है
उसमे न मोहब्बत है
सिर्फ गुरुर
सिर्फ घमण्ड
सिर्फ खूबसूरती पर
इठलाना ,,इतराना है ,,अख्तर
आज जो
हवा का झोंका आया है
सच कहूँ ,,
उसमे न वफ़ा है
उसमे न मोहब्बत है
सिर्फ गुरुर
सिर्फ घमण्ड
सिर्फ खूबसूरती पर
इठलाना ,,इतराना है ,,अख्तर
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