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31 मार्च 2017

अप्रेल फूल ,,,,चॉसर के कैंटरबरी टेल्स

अप्रेल फूल ,,,,चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में "नन्स प्रीस्ट्स टेल" में 'सिन मार्च बिगन थर्टी डेज एंड टु ' का उल्लेख किया गया है।, चॉसर का मतलब संभवतः मार्च के 32 दिन के बाद से है यानी 2 मई,,] जो इंग्लैण्ड के किंग रिचर्ड II की बोहेमिया की एन के साथ सगाई की सालगिरह की तारीख है, जो 1381 में हुई थी। हालांकि पाठक ऊपरी तौर पर इस लाइन का गलत मतलब "32 मार्च" अर्थात 1 अप्रैल के रूप में लगाते हैं।, चॉसर की कहानी में अहंकारी मुर्गे शॉन्टेक्लीर को एक लोमड़ी द्वारा चालाकी से फंसा लिया जाता है।
1508 में एक फ्रांसीसी कवि ने एक प्वाइजन डी एवरिल (अप्रैल फूल, जिसका शाब्दिक अर्थ है "अप्रैल फिश") का सन्दर्भ दिया, जो एक संभावित छुट्टी की तरफ इशारा करता है।, 1539 में फ्लेमिश कवि 'डे डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजा था।, 1686 में जॉन ऑब्रे ने इस छुट्टी को "मूर्खों का पवित्र दिन" कहा जो पहला ब्रिटिश संदर्भ है।, 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को "शेर की धुलाई देखने" के लिए धोखे से टावर ऑफ लंदन में ले जाया गया था।, "अप्रैल फूल" का नाम 'फीस्ट ऑफ फूल' की तरह प्रतिध्वनित होता है जो मध्यकाल में 28 दिसम्बर को मनाया जाने वाला एक छुट्टी का दिन था।,
मध्य काल में यूरोपीय शहरों में न्यू ईयर्स डे 25 मार्च को मनाया जाता था।, फ्रांस के कुछ हिस्सों में न्यू ईयर्स सप्ताह भर चलने वाली छुट्टी थी जो 1 अप्रैल को ख़त्म होती थी।, इसीलिए यह संभव है कि अप्रैल फूल्स की शुरुआत इसीलिए हुई कि जिन लोगों ने 1 जनवरी को इसे मना लिया था उन लोगों ने दूसरी तिथियों को यह दिन मनाने का मज़ाक उड़ाया था।, नव वर्ष दिवस के रूप में 1 जनवरी का इस्तेमाल सोलहवीं शताब्दी के मध्य तक फ्रांस में आम था[4] और इस तिथि को एडिक्ट ऑफ रुसिलोन द्वारा 1564 में आधिकारिक तौर पर अपना लिया गया।
अठारहवीं सदी में इस समारोह को अक्सर नोह के काल की ओर वापस जाने के समान समझा जाता था। 1789 में प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार के लेख के अनुसार इस दिन की शुरुआत का संबंध उस दिन से है जब नोह ने पानी कम होने से पहले ही अपने कबूतरों को बहुत जल्दी भेज दिया था; उसने ऐसा हिब्रू महीने की पहली तारीख को किया जिसका संदर्भ अप्रैल से है।,,,हिन्दू या फिर मुस्लिम सन्स्क्रति में इस अप्रेल फूल का कोई महत्व नहीं है ,,हाँ हम साल भर का लेखा जोखा लेकर ,,आत्मचिंतन कर सकते ,है ,हमने क्या खोया ,,क्या पाया ,,हमने कितनो को मुर्ख बनाया ,,हम कितने से मुर्ख बने ,,,अख्तर

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