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23 फ़रवरी 2017

क्लीन कोटा में कभी ऐसे डर्टी लोग शामिल नहीं थे

क्लीन कोटा में कभी ऐसे डर्टी लोग शामिल नहीं थे ,,अफसोस होता है ,,सियासत से जुडी घटना में ,,प्रशासनिक मामलों में ,,अधिकारी कर्मचारी मामलों में ,,अलग अलग समाज जिस तरह से बार बार इस कोटा की अटूट एकता को बिखेरने की कोशिश कर रहे है ,इस कोटा को बिखरा हुआ ,,टुटा हुआ ,,अंग्रेज़ो की तरह ,,डिवाइड एंड रूल ,,वाला बना रहे है ,,उससे तो सच में तो शर्मसार हु ,,एक घटना ,,उस पर कार्यवाही ,,अगर सन्तुष्ट नहीं करती ,,, तो हिम्मत करो ,,नक़ल लेकर ,,हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाओ ,,विधानसभा में अपने मुद्दे उठाओ ,,लेकिन कोटा के सुकून को ,,,कोटा के अपनेपन को ,,कोटा पर किसी भी तरह विपत्ति के वक़्त एक मुट्ठी बनकर ,,एक जुट कर मुक़ाबला करने की परम्परा को यह बाहर के लोग ,,समाजो में ,,पार्टियों में बिखेरने की जो कोशिश करते है ,,इनसे तो माफ़ी चाह लोग ,.,,दोस्तों कोटा हमारा अपना है ,,यहां की सन्स्क्रति ,,यहां की विरासत सब हमारी अपनी है ,,किसी एक पार्टी ,,किसी एक समाज की बपौती नहीं ,,फिर हम किस तरह से ,,हमारे इस कोटा के प्रशासन को ,,कोंग्रेस भाजपा ,,या फिर समाजो में बाँट सकते है ,,सभी जानते है पिछली सरकारों में कोंग्रेस के कार्यकाल में अधिकारियो को बचाने के लिए ,,भाजपा और इनके समाजो ने सियासत की थी ,,लेकिन फितरत ,,, इन अधिकारियो ने सत्ता में आकर भी वही काम किया जो पहले की सरकार में किया करते थे ,नतीजा इनको पता लगा ,,जो अधिकारी अच्छे होते है ,,उन्हें किसी के सहयोग की ज़रूरत नहीं होती ,,उनका काम बोलता है ,,और जो अधिकारी लड़ाका होते है ,,फितरती होते है वोह राज किसी का भी हो अपनी फितरत नहीं छोड़ते फिर ऐसे समाजो ,,ऐसे सियासी लोगो को हमने ,,ऐसे अधिकारियो से पिटते हुए भी देखा है ,,ऐसे समाज के ठेकेदारो को ,,ऐसे सामाजिक अधिकारियो से पिटते भी देखा है ,,प्रशासन का अपना काम है वोह तुम्हे ,,तुम उनके समाज के हो यह सोच कर तुम्हारी कोई मदद नहीं करेगा ,,,तुम अपराधी हो या फिर सही बस यही सोचकर तुम्हारी मदद करेगा ,,इसलिए दोस्तों ,,,बटवारा छोडो ,,चापलूसी ,,चमचागिरी ,,व्यक्तिगत द्वेष भाव ,,छोडो ,,कोटा की ऐसी बढ़ी घटना का राजनीतिकरण ,,समाजीकरण ,,,जातिकरण ,,करना छोडो ,,बस ,,मेरा यह कोटा ,,आपका यह कोटा ,,कैसे विकसित हो ,,कैसे एक जुट हो ,,यह कोटा कैसे अपराधियो से सुरक्षित हो आज अपराधी अगर पुलिस की पैरवी करते नज़र आते है ,या फिर अपराधियो की मदद से परदे के पीछे रहकर कोई आंदोलन ,,कोई षड्यन्त्र होता है तो ज़रा सोचो ऐसे अपराधी ,,जिन की यह मदद कर रहे है ,,उनको अपने अहसानो के बोझ तले दबा कर ,किस तरह से शहर के सुकून को ख़त्म करेंगे ,,ज़रा तहक़ीक़ात करो ,विवाद थमने के बाद ,,विवाद को हवा कोन लोग दे रहे है ,,,कोन पत्रकार है ,,कोन नेता है ,,ज़रा सोचो ,,कोन समाज के ठेकेदार है ,,जो ऐसी कार्यवाही के पक्षधर है ,,सुकून और इन्साफ के माहौल में रहने वाले लोग ,,इस घटना को एक हंसी मज़ाक़ ,,मनोरंजन का ज़रिया बनाकर ,,कोटा के सुकून से छेड़छाड़ के खिलाफ है ,,एक जुट है ,,चन्द मुट्ठी भर लोग मेरे इस कोटा के सुकून से छेड़छाड़ की इजाज़त ,,समाज के नाम पर ,,दलाली के नाम पर ,,सियासत के नाम पर नहीं कर सकते ,,,अगर हिम्मत है तो ,,हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर ऐसे मुद्दे उठाओ ,,अगर हिम्मत है तो विधानसभा में इन मुद्दों पर बात करो ,,सड़को पर मेरे इस कोटा के समाजो को बांटने की कोशिश मत करो ,,,मेरे इस कोटा में अपराधी ,,पुलिस गठनबंधन को बढ़ावा देने की कोशिश न करो ,,पुलिस की अपनी मर्यादाएं है ,,अधिकार है ,,वोह सियासत नहीं कर सकते ,,पुलिस के लोग अपने हक़ के लिए ,,विभागीय जांच में मुक़ाबला कर सकते है ,,निजी तोर पर स्वीकृति लेकर ,,,मुक़दमे कर सकते है ,,,,पुलिस के लोग एक उद्देश्य को लेकर नोकरी में आते है ,,वोह सही करते है तो उन्हें पदक मिलता है ,,गलत करते है तो ऐसे पुलिस कर्मियों को विभाग ही सजा दे सकता ,है ,जांच विचाराधीन है ,,जो होगा सामने आ जाएगा ,,जो असन्तुष्ट लोग है वोह खुद ,,आगे बढ़कर हाईकोर्ट जाए ,,बस कोटा को ,,,समाजो में नहीं बांटे ,,अपराधियो का पुलिस को समर्थन न हो ,,कोई गठजोड़ ,,न बन सके ,,कोई अपराधी अहसान बताकर फिर पुलिस का दुरूपयोग न ,करे ,,ऐसी व्यवस्थाओ पर भी हमे ध्यान देना होगा ,,फिर पुलिस अधीक्षक ,,पुलिस आई जी ,,वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है ,,पीड़ित लोग उनसे जाकर अपनी बात कहे ,,,हो सकता है कोई समाधान निकले ,,बस बहुत हुआ ,,बहुत खेल लिए ,,समाज के लोग मेरे इस कोटा के सुकून के साथ ,,किसी को भी इस कोटा के अस्तित्व से छेड़छाड़ की इजाज़त नहीं मिलना चाहिए ,,आओ हम सब मिले ,,सर्व धर्म ,,सर्व समाज ,,सभी राजनितिक दलों के बैठक बुलाकर कोई चिंतन करे ,,जो हुआ गलत हुआ ,,उन्हें बिना बिखराव के एकमत होकर कैसे दण्डित करवाये ,,कैसे इस शहर के सुकून को ,,,प्यार ,,खुलूस को फिर से ज़िंदाबाद करे ,,,,आओ ,,चले आओ ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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