भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस को महाराष्ट्र ,,खासकर मुम्बई नगरपालिका चुनाव
के नतीजो सेमें जीती हुई बाज़ी हार जाने से ,, सबक़ लेना होगा ,,कोंग्रेस के
चड्डी छाप अल्पसंख्यक विरोधी नेताओ को अब ,,,कोंग्रेस को घर बिठाना
होगा,,, अल्पसंख्यको को उनका पूरा हक़ देना होगा ,,,हाल ही में ,,मुम्बई में
कोंग्रेस टिकिट वितरण को लेकर कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग से जो टकराव हुआ
उसके बाद तो ,,कोंग्रेस को अल्पसंख्यक विभाग की अहमियत समझना होगा
,,,मुम्बई में टिकिट वितरण में कट्टरपंथी परम्परागत सोच के कोंग्रेस
पदाधिकारी बने लोगो ने ,,मुम्बई टिकिट वितरण में अल्पसंख्यक विभाग के
पदाधिकारियो और उनके प्रतिनिधि टिकिट पैनल की घोर उपेक्षा की थी ,,और ऐसे
कट्टरपंथी चड्डी छाप पदाधिकारियो से नाराज़ होकर ,,मुम्बई के पुरे कांग्रेस
अल्पसंख्यक विभाग से जुड़े सभी पदाधिकारियो ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए
थे ,,बस इस प्रबन्धन को हाईकमान सम्भाल पाने में नाकाम रहे और मुम्बई में
,,महाराष्ट्र में कोंग्रेस के चड्डी छाप पदाधिकारियो द्वारा कोंग्रेस के
ही अल्पसंख्यक विभाग,,,और प्रत्याक्षियों के मामले में घोर उपेक्षा के
कारण ,,यह नतीजे भुगतना पढ़े है ,,,,कोंग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी अब चिंतन
मन्थन कर रहे है ,,और भविष्य के किसी भी चुनाव में कोंग्रेस में छुपे
चड्डी छाप परम्परागत कट्टरपंथी नेताओ पर पूरी नज़र रखकर ,,टिकिट वितरण
,,भागीदारी ,,ज़िम्मेदारी और सिफारिशों में अल्पसंख्यक विभाग की अहमियत भी
ध्यान में रखकर फैसले लेने की सिफारिश कर रहे है ,,,अख्तर
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