तुम्हारे लहजे में
मेरी बेबसी देखकर
जो ख़ुशी है ,,
सच वोह बरक़रार रहे
यही में चाहता हूँ
तुम जो कर रहे हो
शायद वही प्यार का खेल है
में जो कर रहा हूँ
मोहब्बत इसे ही कहते है ,,,अख्तर
मेरी बेबसी देखकर
जो ख़ुशी है ,,
सच वोह बरक़रार रहे
यही में चाहता हूँ
तुम जो कर रहे हो
शायद वही प्यार का खेल है
में जो कर रहा हूँ
मोहब्बत इसे ही कहते है ,,,अख्तर
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