राजस्थान में कोंग्रेस और मज़बूत बनकर उभरेगी ,,बहुत जल्द राजस्थान में
अधूरी पढ़ी कार्यकारिणियां ,,प्रकोष्ठ और ज़िला अध्यक्षो सहित ,,ब्लॉक
,,प्रदेश कार्यसमिति सदस्यो का असमंजस खत्म होगा ,,राजस्थान में तीन वर्ष
पूर्व बीमार कोंग्रेस की कमान जब सचिन पायलेट सम्भाली थी तो कोंग्रेस में
निराशा का माहौल था ,,लेकिन सचिन पायलेट के प्रयासों से ,,कोंग्रेस में
राजपा ,,भाजपा ,,निर्दलीय सहित,,कोंग्रेस के खिलाफ बागी बनकर अनुशासनहीनता
कर भीतर घात करने वाले प्रत्याक्षियों सहित दूसरी विचारधारा से जुड़े कई
लोग कोंग्रेस की तरफ आकर्षित हुए ,,उन्हें प्रदेश कोंग्रेस सहित ज़िला
कोंग्रेस में महत्वपूर्ण स्थान भी मिला है ,,अब कोंग्रेस में बगावत का
खतरा खत्म सा हो गया है ,,शुरूआती दौर में कोंग्रेस के विधायको को हराने
वाले लोगो ,,को उन्ही के क्षेत्र में प्रदेश पदाधिकारी बनाने पर पहले यह
लोग नाराज़ थे ,,वोह कहते थे हम कोंग्रेस कार्यालय में पूर्व विधायक होकर भी
नीचे बैठते है और यह कोंग्रेस को हराने वाले लोग कोंग्रेस की गद्दी पर
बैठकर उनका मुंह चिढाते है ,,लेकिन अब उन्हें भी समझ आ गयी है के कोंग्रेस
की मज़बूती के लिए यह सब ज़रूरी था ,और यह भटके हुए लोग फिर से घर वापसी पर
है अब यह लोग भी कोंग्रेस की मज़बूती के लिए कन्धे से कन्धा मिलाकर
कोंग्रेस ज़िंदाबाद कर रहे है ,,,,,वर्तमान में सचिन पायलेट के नेतृत्व में
चार विधानसभा उपचुनावों में से कोंग्रेस ने तीन विधानसभा सीटें भाजपा से
छीनी ,,जबकि महारानी वसुंधरा के गढ़ झालावाड़ में नगरपालिका चुनाव में
कोंग्रेस का परचम लहराया गया ,,,कोंग्रेस जिलापरिषद ,,पंचायत ,,पालिका
चुनाव में मज़बूत हुई ,,नियमित आंदोलनों से कोंग्रेस कार्यकर्ताओं का
आक्रामक रुख रहने से ,,कोंग्रेस की स्थिति मज़बूत हुई है ,कोंग्रेस में
गुटबाज़ी खत्म सी हुई है और अब तीन सालों में कोंग्रेस में जो न हो सका वोह
होने जा रहा है ,,,राजस्थान के उन्नीस ज़िलों में कोंग्रेस के ज़िला अध्यक्ष
अभी असमंजस में है ,,उन्हें बदला भी नहीं गया है और फिर से काम करने के लिए
भी अनुमति नहीं दी है ,,,यह असमंजस अब शीघ्र ही खत्म होकर नए अध्यक्षो की
नियुक्ति होने जा रही है ,,जबकि सन्तुलन और मज़बूत करने के लिए प्रदेश
कोंग्रेस कार्यकारिणी ,,,प्रकोष्ठो में नई नियुक्तियां सम्भव है ,,राजस्थान
के चार सो ब्लॉक अध्यक्ष प्रदेश कार्यसमिति के चार सो अध्यक्षो में से अब
बहुत जल्द नए एनर्जेटिक लोगो को नियुक्त किया जाने वाला है ,,,कोंग्रेस के
तीन साल प्रतिपक्ष के रूप में बेमिसाल रहे है ,,,कोंग्रेस ने राजस्थान में
एक नए फार्मूले के तहत ,,भाजपा के हिंदूवादी वोट को भी अपने समर्थन में ले
लिया है ,,,जबकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कोंग्रेस के हर कार्यक्रम में
हज़ारो हज़ार की भीड़ कोंग्रेस की कामयाबी का सुबूत है ,,,,,,राजस्थान में
सचिन पायलेट के नेतृत्व में अशोक गहलोत ,,सी पी जोशी ,,भँवर जितेंद्र सिंह
,,डॉक्टर चदंरभान ,,कई वरिष्ठ कोंग्रेसी नेताओं के परिजनों ,,पुत्र ,,,बहु
,,,रिश्तेदारो को कोंग्रेस के प्रदेश और ज़िला कार्यसमितियहॉं में एडजस्ट कर
कोंग्रेस को मज़बूत किया गया है ,,प्रदेश कोंग्रेस कार्यकारिणी में सचिन
पायलेट की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष मुमताज़ मसीह ,,गिर्राज गर्ग ,,विक्रम
वाल्मीकि सहित कई दिग्गज लोगो को प्रदेश के दूर दराज़ इलाक़ो से आये कोंग्रेस
जनो की समस्याएं सुनने के लिए तैनात किया गया है ,,विधि प्रकोष्ठ के खुद
सुशील शर्मा ,,मिडिया चेयरपर्सन श्रीमती अर्चना शर्मा नियमित प्रदेश
कार्यालय में उपस्थित रहते है ,,जबकि अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरपर्सन
निज़ाम कुरैशी अपनी टीम के साथ नियमित जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं
,,,,,,,,सचिन पायलेट का एम बी ऐ प्रबन्धन कोंग्रेस के लिए जीवन दान साबित
हुआ है ,,,,राजस्थान के प्रभारी गुरुदास कामत ,,,सहप्रभारी इरशाद बेग
सहित कई वरिष्ठ नेता ,,ऑब्ज़र्वर ,,हर क्षेत्र में सक्रिय हुए है ,,लगातार
उपस्थिति और कार्यक्रमो से कोंग्रेस के प्रति आकर्षण बढा है ,खुद राहुल
गाँधी राजस्थान की कई यात्राओं पर आकर बढ़ी सभाये कर चुके है ,,प्रदेश स्तर
पर हज़ारो हज़ार कार्यकर्ताओं की सेकड़ो रैलियां हो चुकी है ,,ज़िलों ,,कस्बो
और ब्लॉक स्तर पर कोंग्रेस के कार्यक्रमो से कोंग्रेस की जड़े आयाम लोगो
में मज़बूत हुई है ,,सचिन पायलेट का नेतृत्व ज़िंदाबाद हुआ है ,,,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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