ऐ देश को तोड़ने की कोशिशों में जुटे लोगो ,,ऐ देश के संविधान की भावना से
इनकार कर इसे बदलने की कोशिशो में जुटे लोगो ,,ऐ देश की सन्स्क्रति को
मटियामेट करने की कोशिश में जुटे लोगो ,,ज़रा बताओ तो सही ,,यह इतनी ,,नफरत
,,इतनी बेहूदगी ,,इतना गुस्सा ,,,इतने गन्दे और भद्दे अलफ़ाज़ ,,,तुम्हारी
कोनसी परवरिश ,,तुम्हारे कोनसे संस्कार ने तुम्हे दिए है ,,,मेरा देश
,,मेरे देश की परवरिश ,,मेरे देश के संस्कार ,,मेरे देश की तहज़ीब ,,मेरे
देश का संविधान ,,मेरे देश के धर्मांध लोग ,,मेरे देश में प्रचलित
धार्मिक किताबे ,,,कोई भी कोर्स जो लिखित में है ,,कोई भी संस्था जिसका
लिखित में संविधान है ,,ऐसी सीख तो नहीं देते ,,फिर नफरत ,,,गुस्सा
,,,गालियां ,,अभद्र भाषा ,,,तुम्हारे अंदर तुम कहा से लाये हो यार ,,थोड़ा
चिंतन करो ,,खुद को बदलो ,,गुस्सा काबू में रखो ,,नफरत छोडो ,,प्यार और
सद्भाव लाओ यार ,,देश के संविधान ,,देश के क़ानून पर भरोसा करो ,,,,देश की
आस्थाओ ,,देश की सन्स्क्रति पर भरोसा करो यार ,,,,,,बदल लोग खुद को ,,यह
कुछ लोग जो सिर्फ कुर्सी के लिए तुम्हे इस्तेमाल करते है न ,,इनका अतीत
,,इनका वर्तमान और इनका भविष्य देखिये ,,,यह लोग हमे ,,तुम्हे सिर्फ टिश्यू
पेपर की तरह इस्तेमाल कर फेंक देते है ,,झांकते भी नहीं ,,असलियत समझो
,,,देश का नवनिर्माण तुम्हे और हमे मिलकर करना है ,,यह लोग तो बस व्यापार
करेंगे ,,,सरकारी सुविधाओ का लाभ लेकर मज़े करेंगे और हम यूँ ही इस्तेमाल
होते रहेंगे हम व्यक्ति की नहीं ,,हम समाज की नहीं ,,हम धर्म की नहीं ,,हम
आस्थाओ की नहीं ,,हम सियासी पार्टियों की नहीं सिर्फ और सिर्फ अपने देश के
बारे में सोचे ,,अपने पडोसी की खुशियो के बारे में सोचे ,,,,हंसे
,,मुस्कुराये ,,नफरत छोड़े ,,आओ मेरे इस भारत को हम मिलकर महान बनाये ,,,आओ
इस हिंदुस्तान को स्वर्ग बनाये ,,आओ ,,,प्लीज़ आओ ,,गले लग जाओ
,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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