राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के क्रियाकलापो में भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोपो के बाद
मचे घमासान ,,के चक्रव्यूह में नक़वी ,,वक़्फ़ बोर्ड चेयरमेन अबूबकर नक़वी
फंस गए है ,,अगर उनके गॉड फादर इंद्रेश कुमार ने उनका इस भ्रष्टाचार में
साथ नहीं देकर पल्ला झाड़ लिया तो फिर ,,अबूबकर नक़वी का यह पद छीना जा सकता
है ,,उनसे इस्तीफा लेकर नए वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमेन पद पर ,,एडवोकेट सगीर
अहमद पूर्व विधायक धौलपुर या फिर सलावत खान को बिठाया जा सकता है
,,,,,वर्तमान में राजस्थान वक्फबोर्ड की कमान नोसिखिये प्रबन्धन के
हाथों में आने से भाजपा की लगातार किरकिरी हो रही है ,,जबकि चेयरमेन उनके
सचिव पर रिश्व्रत लेने के गम्भीर आरोप लगे है ,,हालात यह है के वक़्फ़ बोर्ड
के क्रियाकलापो ने भाजपा सरकार के लिए सर दर्द खड़ा कर दिया है ,,और अबूबकर
नक़वी की नासमझियों की वजह से भाजपा संगठन में आंतरिक कलह भी बढ़ गयी है
,,,ताज्जुब तो इस पर है के इतने गम्भीर घोटाले ,,इतना गम्भीर मुद्दा होने
के बावजूद भी इस मुद्दे पर कोंग्रेस के किसी भी बढे शीर्ष नेता का अधिकृत
बयान नहीं आया है ,,इस मामले में मात्र सदस्य नासिर अली नक़वी ,,युसूफ खान
,,शोकत खान सहित ,अल्पसंख्यक विभाग कोंग्रेस के पदाधिकारियो ने ही विरोध
जताया है जबकि कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ,,नेता प्रतिपक्ष ,,,पूर्व
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस गम्भीर मुद्दे पर अपना पक्ष ज़िम्मेदारी से
रखकर ,,खुदा की राह में समर्पित मुस्लिम समाज की इस सम्पत्ति के संरक्षण पर
लगे प्रश्नचिन्ह के बाद ज़िम्मेदारी से बोलना चाहिए था ,,चेयरमेन वक्फबोर्ड
के समर्थको का तो यह भी कथन है के टोंक से जुड़े एक साहब जिन्होंने
खुलीबगावत कर पिछले चुनाव में कोंग्रेस को हराया है ,,वोह इन दिनों
कोंग्रेस हराओ पार्टी के ख़ास होने के बाद भी ,,प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष
सचिन पायलेट के नज़दीक है और उनकी वजह से ही कोंग्रेस संगठन इस मुद्दे पर
,,,वक़्फ़ बोर्ड के खिलाफ अभी तक कोई बयान नहीं दे पाया है ,,,नेता प्रतिपक्ष
रामेश्वर डूडी ने तो नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद आज तक भी मुस्लिम समाज
की कोई समस्या नहीं उठाई है इसलिए उनसे तो इस मामले में अल्पसंख्यको को
कोई उम्मीद भी नहीं है ,,जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मुद्दे पर
अभी तक क्यों चुप है ,,शायद उनके नज़दीकी नोकरशाह मुस्लिम समाज से जुड़े लोग
जिन्हें नवाजकर उन्होंने पुरे मुस्लिम समाज को खुद से दूर कर लिया अभी तक
उन्हें कोई सलाह नहीं दे सके है ,, कोंग्रेस की मुस्लिमो के मुद्दों पर इस
तरह की उपेक्षा के आरोपो का कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने ज़ोरदार खण्डन
करते हुए कहा है ,,के कोंग्रेस अल्पसंख्यको की हितेषी पार्टी है इस मामले
में अल्पसंख्यक विभाग की तीखी नज़र है और प्रारम्भ से ही कोंग्रेस का यह
विभाग इस मुद्दे पर सजग और सतर्क रहा है ,,अल्पसंख्यक विभाग कोंग्रेस के
हाईकमान के दिशानिर्देशों पर ही कार्यरत है इसलिए ,,मुस्लिमो की आवाज़
अल्पसंख्यक विभाग उठाता है तो वोह हाईकमान द्वारा उठाई गयी आवाज़ ही मानी
जायेगी ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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