राजस्थान भी अजीब है ,,राजस्थान सरकार भी अजीब है ,,राजस्थान के मेडिकल के
नीट क्वालीफाई बच्चो को मध्यप्रदेश ,,महाराष्ट्र और कई राज्यो में नॉन
महाराष्ट्रियन ,,नॉन मध्यप्रदेशी के नाम पर मेरिट में ऊपर होने पर भी
एडमिशन देने से इंकार कर दिया जाता है ,,जबकि राजस्थान ऐसे बाहर के बच्चो
को कम नम्बरो पर भी ,,राजस्थान में बिना डोमिसाइल जांचे राजस्थान के
क्वालीफाई बच्चो का हक़ बाहरी बच्चो को दे दिया गया है ,,,,राजस्थान में
मेडिकल प्रवेश की पहली कौंसिलिंग सूचि ,डोमिसाइल कोई जांच नहीं ,,नतीजा
कई एडमिशन के बाद भी ,,पहली सूचि में जिनका नम्बर ऊपर आने वाला था ,,दूसरी
ऑफ़ लाइन कौंसिलिंग सूचि में वोह बिछड़ गए ,,नए छात्र आगे सूचि में और
जिन्हें आगे होना चाहिए था वोह बिछड़ गए ,,राजस्थान में राजस्थानी बच्चो को
छोड़ कर प्राइवेट और सरकारी कॉलेजो में फ़र्ज़ी बाहर के राजस्थानी बच्चो की
भरमार है ,,पेसिफिक सहित कुछ मेडिकल कॉलेजो ने तो न सुप्रीम कोर्ट की
मानी न सरकार के नियमो की ,,वहीँ दूसरी तरफ महाराष्ट्र ,,,मध्यप्रदेश सहित
कुछ राज्य सरकार की मिलीभगत से हाईकोर्ट से ,,कश्मीर से कन्याकुमारी तक
भारत एक ,,,संविधान में क्षेत्रीयता के नाम पर कोई भेदभाव नहीं ,,एक नीट
परीक्षा नियम को ताक़ में रख कर ,,आदेश दे दिया ,, केवल महाराष्ट्रियन
,,केवल मध्यप्रदेशी ,,केंद्र सरकार चुप ,,एकता अखण्डता की बात करने वाले
चुप ,,राजस्थान के हमदर्द चुप ,,राजस्थानियों के हमदर्द चुप ,,कोई
सुप्रीमकोर्ट नहीं गया ,,मध्यप्रदेश का डोमिसाइल मामले का आदेश पढेंगे तो
हंसी आएगी ,,सरकार की इस मिलीभगत को देखकर ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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