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06 अगस्त 2016

किसी PM का पहला टाउनहॉल: गाय के मुद्दे पर पहली बार मोदी की सीधी बात-गोरक्षा के नाम पर


नई दिल्ली. देश में किसी प्रधानमंत्री का पहला टाउनहॉल शनिवार को दिल्ली में हुआ। ओबामा-जकरबर्ग स्टाइल में हुए इस टाउनहॉल में नरेंद्र मोदी से पूछे गए सवाल पहले से तय थे। वे सरकार की योजनाएं-उपलब्धियां बताते रहे। लेकिन डेढ़ घंटे की स्पीच के आखिर में बड़ा बयान दे दिया। गाय के मुद्दे पर सीधी बात करते हुए मोदी ने कहा- ''कभी-कभी गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग दुकानें खोलकर बैठ जाते हैं। मुझे इतना गुस्सा आता है...। सचमुच के अगर वे गोसेवक हैं तो प्लास्टिक बंद करवा दें। गायें कत्ल से ज्यादा प्लास्टिक से मर रही हैं।'' टाउन हॉल में और क्या बोले मोदी...
- पीएम बनने के बाद यह पहला मौका था जब मोदी ने गाय के मुद्दे पर खुलकर कोई बयान दिया।
- मोदी ने कहा, ''कभी-कभी गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग दुकानें खोलकर बैठ जाते हैं। मुझे इतना गुस्सा आता है...। गोवध अलग है। गोसेवक अलग हैं। पुराने जमाने में बादशाह और राजाओं की लड़ाई होती थी। बादशाह आगे गाय रखते थे। राजा समझते थे कि गाय मारी जाएगी तो पाप लगेगा। वो लड़ाई हार जाते थे। इसी चालाकी से बादशाह जीत जाते थे।''
- ''ये लोग पूरी रात एंटी सोशल एक्टिविटी करते हैं। लेकिन दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं। मैं राज्य सरकारों से अनुरोध करता हूं कि ऐसे जो स्वयंसेवी निकले हैं। अपने आप को बड़ा गोरक्षक मानते हैं। उन पर जरा डोजियर तैयार करो। 70-80 पर्सेंट ऐसे निकलेंगे जो ऐसे गोरखधंधे करते हैं, जिन्हें समाज स्वीकार नहीं करता। लेकिन अपनी बुराइयों को छुपाने के लिए वे चोला पहनकर निकलते हैं।''
- ''सचमुच के अगर वे गोसेवक हैं तो मैं आग्रह करता हूं। सबसे ज्यादा गाय कत्ल के कारण नहीं, प्लास्टिक खाने से मरती हैं। मैं गुजरात में था तो कैटल हेल्थ कैम्प लगाता था। ऐसी गायों के ऑपरेशन करवाता था। एक बार एक गाय के पेट में से दो बाल्टी से भी ज्यादा प्लास्टिक निकला। ये जो समाजसेवा करना चाहते हैं, कम से कम प्लास्टिक बंद करवा दें तो बहुत बड़ी गोसेवा होगी। स्वयंसेवा ये औरों को प्रताड़ित करने, दबाने के लिए नहीं होती। इसके लिए समर्पण, सेवा, बलिदान का भाव चाहिए।''
'लोकतंत्र के मायने ये नहीं कि एक बार वोट दे दो'
- टाउन हॉल की शुरुआत में मोदी से तीन सवाल पूछे गए। इनके जवाब की शुरुआत में उन्होंने कहा- ''देश में लोकतंत्र का सबसे सरल मतलब यह माना जाता है कि एक बार वोट दे दिया और सरकार को कांट्रेक्ट दे दिया जाता है।''
-''मैंने तुम्हें वोट दिया, अब तुम देखो। कुछ नहीं हुआ तो 5 साल बाद फिर वोट देकर नई सरकार ढूंढ लेंगे, उन्होंने नहीं किया अब तुम कर दो। इससे लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता है।''
- ''इसके लिए भारत जैसे विशाल देश में जनभागीदारी की जरूरत है। टेक्नोलॉजी के जरिए यह संभव है। स्वच्छ भारत अभियान जनभागीदारी का अच्छा एग्जामपल है।''
- ''ये सही है कि ज्यादातर राजनीति में चुनाव जीतने के बाद सरकारों का इस बात पर ध्यान रहता है कि वो अगला चुनाव कैसे जीतेंगी।''
- ''इसलिए उनकी योजनाओं की प्रायोरिटी इसी बात पर रहती है कि वो अपना जनाधार कैसे बढ़ाएं। इसके कारण जिस उद्देश्य से कारवां चलता है वो कुछ ही कदमों पर जाकर लुढ़क जाता है।''
रविशंकर प्रसाद बोले- देश जागता है, जगाने वाला चाहिए
- इसके पहले सरकार की वेबसाइट MyGov के दो साल पूरे होने के मौके पर रविशंकर प्रसाद ने इस प्रोग्राम की शुरुआत की। एक ट्वीट में प्रसाद ने कहा- देश जागता है, जगाने वाला चाहिए।
-इन्फॉर्मेशन और टेलिकम्युनिकेशन मिनिस्टर ने कहा कि सरकार जनता तक सीधे पहुंचना चाहती है। इसके लिए कोशिशें की जा रही हैं।
- उन्होंने पीएम के ‘मन की बात’ प्रोग्राम को यूनीक बताया। प्रसाद ने कहा कि 1.2 लाख लोगों ने इस प्रोग्राम के जरिए सरकार को नए आइडियाज दिए हैं। वहीं 78 लाख लोग मन की बात के लिए फोन कर चुके हैं।
- MyGov एप और वेबसाइट के बारे में प्रसाद ने कहा कि ये उन लोगों के लिए नया प्लैटफॉर्म है जो टीवी के जरिए अपनी बात नहीं कह पाते हैं।
क्या हुआ इस प्रोग्राम में?
- मोदी के पहले टाउन हॉल के लिए 2000 लोगों को इनवाइट किया गया था। हालांकि, सवाल पूछने का मौका कुछ लोगों को ही मिला। यह प्रोग्राम सरकार की MyGov वेबसाइट के लॉन्च होने के 2 साल पूरे होने पर किया गया।
- इस वेबसाइट के 35.2 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स में से केवल दो हजार को बुलाया गया।
लॉन्च हुआ पीएमओ का ऐप
- प्रोग्राम के दौरान पीएम ऑफिस को लेकर डेवलप किया गया एक ऐप भी लॉन्च किया गया।
- इस ऐप को डीयू (दिल्ली यूनिवर्सिटी) के 2 स्टूडेंट्स और उनके 3 दोस्तों ने मिलकर तैयार किया है।
क्या होता है टाउनहॉल?
- टाउनहाॅल यानी फॉर्मल या इन्फॉर्मल बातचीत का मौका। इसमें पब्लिक आइडिया और ओपीनियन देती है या सवाल-जवाब होते हैं।
- यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा टाउनहॉल के जरिए पब्लिक से बातचीत करते रहे हैं।
- पिछले साल मोदी यूएस गए थे तब मार्क जकरबर्ग ने उनके साथ टाउनहॉल किया था।
- कॉर्पोरेट सेक्टर में CEOs इस तरह का टाउनहॉल करते हैं।

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