मनामा.
ओडिशा में एंबुलेंस न मिलने पर पत्नी की डेड बॉडी कंधे पर ढोने वाले दाना
मांझी को विदेश से मदद मिली है। बहरीन के पीएम प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल
खलीफा ने मीडिया रिपोर्ट में माझी की खबर पढ़ी। इसके बाद उन्होंने मांझी की
फैमिली को फाइनेंशियल मदद पहुंचवाई है। हालांकि, इसकी जानकारी नहीं है कि
प्रिंस की ओर से कितना अमाउंट दिया गया है। इंडियन एम्बेसी के जरिए भेजी मदद...
- गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस खलीफा बिन मांझी की खबर पढ़ने के बाद बेहद परेशान थे।
- उन्हें लगा कि वो मांझी को ऐसे नहीं छोड़ा जा सकता और उसकी मदद के लिए उन्हें कुछ करना चाहिए।
- इसके बाद पीएम ऑफिस ने बहरीन में मौजूद इंडियन एम्बेसी से कॉन्टैक्ट किया।
- एम्बेसी के जरिए पीएम ने मांझी और उसकी फैमिली की मदद के लिए कुछ रकम भेजी है।
- मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी नहीं है कि फाइनेंशियल मदद के तौर पर कितना अमाउंट दिया गया है।
- उन्हें लगा कि वो मांझी को ऐसे नहीं छोड़ा जा सकता और उसकी मदद के लिए उन्हें कुछ करना चाहिए।
- इसके बाद पीएम ऑफिस ने बहरीन में मौजूद इंडियन एम्बेसी से कॉन्टैक्ट किया।
- एम्बेसी के जरिए पीएम ने मांझी और उसकी फैमिली की मदद के लिए कुछ रकम भेजी है।
- मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी नहीं है कि फाइनेंशियल मदद के तौर पर कितना अमाउंट दिया गया है।
क्या था पूरा मामला ?
- ओडिशा के कालाहांडी में सरकारी अस्पताल में दाना मांझी की पत्नी अमंग देवी की टीबी के इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
- मांझी ने पत्नी की डेड बॉडी ले जाने के लिए एंबुलेंस की मदद मांगी, लेकिन सरकारी अस्पताल ने मना कर दिया।
- इसके बाद मांझी ने पत्नी की डेड बॉडी कंधे पर लाद 60 किमी दूर अपने गांव मेलघारा जाने का फैसला किया।
- मांझी ने कंधे पर पत्नी की डेडबॉडी लिए बिलखती बेटी के साथ करीब 10 किमी का सफर तय भी कर लिया था।
- फिर आस-पास के लोगों ने इसकी खबर कलेक्टर को दी और तब जाकर मांझीं को एम्बुलेंस मुहैया कराई गई।
- ओडिशा के कालाहांडी में सरकारी अस्पताल में दाना मांझी की पत्नी अमंग देवी की टीबी के इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
- मांझी ने पत्नी की डेड बॉडी ले जाने के लिए एंबुलेंस की मदद मांगी, लेकिन सरकारी अस्पताल ने मना कर दिया।
- इसके बाद मांझी ने पत्नी की डेड बॉडी कंधे पर लाद 60 किमी दूर अपने गांव मेलघारा जाने का फैसला किया।
- मांझी ने कंधे पर पत्नी की डेडबॉडी लिए बिलखती बेटी के साथ करीब 10 किमी का सफर तय भी कर लिया था।
- फिर आस-पास के लोगों ने इसकी खबर कलेक्टर को दी और तब जाकर मांझीं को एम्बुलेंस मुहैया कराई गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)