यह जनाज़ा
जिस शख्स का
पढ़ा है ,,
यह वही शख्स है
जिसे तुम कभी
जान कहते थे
आज तुम्हारे
एक इंकार ने
देखो इसे
बेजान बना दिया ,,,अख्तर
जिस शख्स का
पढ़ा है ,,
यह वही शख्स है
जिसे तुम कभी
जान कहते थे
आज तुम्हारे
एक इंकार ने
देखो इसे
बेजान बना दिया ,,,अख्तर
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