वाह केजरीवाल ,,,देश की राजधानी ,,केंद्र सरकार के एक नोकर की किस तरह
गुलाम और बंधक है ,,इसकी पोल आज आपने दिल्ली हाईकोर्ट के ज़रिये देश की जनता
के सामने खोल कर ही रख दी ,,,अजीब नहीं लगता ,,लोकतंत्र कहते है
,,निर्वाचित सरकार है ,,और दिल्ली में कार्यरत केंद्र सरकार के भ्रष्ट
अधिकारियो को ,,दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक विभाग नहीं पकड़ सकता ,,वाह
जनाब वह भ्रष्टाचार की खुलकर बारिश करवाओ ,,दिल्ली में निर्वाचित सरकार एक
पुलिसकर्मी का ट्रांसफर नहीं कर सकता ,,दिल्ली में निर्वाचित सरकार पुलिस
के एक सिपाही को कार्यवाही के निर्देश नहीं दे सकती ,,वाह ,, देश की
राजधानी की दिल्ली सरकार ,,वोह दिल्ली जहाँ लाल किले पर आज़ादी का जश्न
मनाया जाता है ,,उस दिल्ली की आज़ादी की यह दुर्गति ,,लानत है ऐसे लोकतंत्र
पर ,,शर्म आती है ऐसे लोकतंत्र पर ,,,लेकिन शाबाश है ,,केजरीवाल के लिए
,,के उन्होंने दिल्ली को गुलाम बनाने वाले लोगो की दुनिया और देश की जनता
के सामने ,,हाईकोर्ट से आदेश खुद के खिलाफ लेकर पोल खोल कर रख दी ,,शाबाश
केजरीवाल ,,,अख्तर
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