यह हमारा देश है ,,जहां हज़ारो हज़ार स्वम सेवी संगठन ,,कुछ राष्ट्रवादी
स्वंम सेवी संगठन ,,कुछ हिन्दू ,,कुछ मुस्लिम ,,कुछ दलित ,,कुछ वामपंथी
,,कुछ धर्म निरपेक्ष ,,कुछ राष्ट्रप्रेमी ,,न जाने कितनी कितनी क़िस्मे है
हमारे इस देश के लोगो की ,,आठ सो सांसद ,,,कई हज़ार विधायक ,,पंच ,,सरपंच
,,वार्ड पार्षद ,,,जिलाप्रमुख ,,प्रधान ,,महापौर ,,न जाने कितने प्रतिनिधि
है ,,सियासी पार्टियां है ,,पार्टी के पदाधिकारी है ,,देश के विकास
,,समस्याओ के समाधान के लिए ,,,अरबों नहीं खरबो रूपये बर्बाद किये जा चुके
है ,,हम इण्डिया शाइनिंग की बात करते है ,,पहले कई सालो तक ,,,हम इक्कीसवी
सदी के भारत की ,,,बात करते रहे ,,पन्द्रह सूत्र ,,इक्कीस सूत्र ,,पंचशील
का सिद्धांत,,, न जाने क्या क्या हमने चलाये ,,समाज मंत्रालय बनाया
,,ग्रामीण विकास मंत्रालय बनाया ,,,पंचायत विकास मंत्रालय बनाया
,,,चिकित्सा मंत्रालय बनाया ,,लेकिन दोस्तों,,,, आज की जो तस्वीर है ,,देश
के जो हालात सामने आये है ,,,सच,,, शर्म से डूब मरने का मन करता है,,एक पति
एम्बुलेंस के अभाव में अपनी पत्नी के शव को कई किलोमीटर लपेट कर ले जाता
है तो दूसरी जगह हड्डियां तोड़कर लाश की गठरी बनाई जाती है ,,यह एक
संस्कृतिवान ,,मानवतावादी भारत देश की घटनाये है ,,,शर्म से खुद,,, डूब
मरने का मन ,,,इसलिए करता है ,,के इस सब के लिए ,,,ज़िम्मेदार हमारे
निर्वाचित लोग ,,,जो हमारा शोषण करते रहे है ,,लालकिले और दूसरी जगह से
,,,सिर्फ हमसे वोट मांगकर,,, अपने चेहरे की लाली ,,मुफ्त सुरक्षा ,,बिना
कुछ करे अपनी सम्पत्तियां ,, बैंक बेलेन्स ,,स्विस बैंक बेलेन्स बढ़ाते है
,,अपनो को फायदा पहुंचाते है ,,वोह आज तक ,,यहां तक क्यों नहीं पहुंच पाए
,,धर्मनिरपेक्ष दल हो ,,दलित समर्थक हो ,,ट्राइबल रिफॉर्मर हो ,,स्वम सेवक
हो ,,कट्टरपंथी हो ,,सभी तरह के लोग ,,,जो इस देश को जोंक बनकर ,,चूस रहे
है ,,क्या ,,,यह उन झूँठ फरेब के साथ,,, जीने वाले लोगो के मुंह पर तमाचा
नहीं है ,,,,आज आज़ाद भारत में ,,पहले कोंग्रेस ,,फिर भाजपा ,,जनता दल ,,न
जाने कोन कौन से दल ,,,सभी ने हमसे वोट लिए ,, हम ने वोट दिए ,,लेकिन ,,इन
लोगो ने आज तक ,,,इन समस्याओ के बारे में ,,,नहीं सोचा ,,विधानसभा ,,लोकसभा
,,पंचायत ,,नगरपालिका में ,,,आवाज़ नहीं उठाई ,,कई प्रशासनिक अधिकारी
,,,कलेक्टर भी रहे उन्होंने भी चुप्पी साधे रखी ,,,आज भी हमारे सांसद
,,विधायक ,,प्रधानमंत्री ,, मुख्यमंत्री नहीं बोलेंगे ,,हां यह ज़रूर
कहेंगे,,, अख़बार वाले ,,,फोटो खेंचने की जगह ,,,क्या उन्हें रोक नहीं सकते
थे ,,क्या उनकी मदद नहीं कर सकते थे ,,कर सकते थे ,,लेकिन इससे सिर्फ एक
अपराध रुकता ,,उन्हें रोज़ का होने वाला अपराध रोकना था ,,इस अपराध का सच
जनता के सामने लाना था ,,क्या यह घटनाये हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
से छुपी हुई नहीं है ,,ऐसी घटनाओ की पुनराव्रत्ति न हो ,,,क्या इसे
सर्वेक्षण के लिए ,,देश के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल केंद्र द्वारा
,,,भेजकर इन समस्याओ के समाधान के लिए,,, तात्कालिक आपात बजट ,, आपात मदद
,,नहीं करना चाहिए ,,हमारे नेता ,,हमारा मिडिया तो ,,इसके लिए ज़िम्मेदार है
ही सही ,,लेकिन सबसे बढे शर्मनाक हम है ,,सबसे बढ़ धब्बा हम है ,,जो हम हर
बार ऐसे लोगो को बिना सोचे समझे चुन लेते है ,,जो हमारे ,,हमारे देश
,,हमारे समाज ,,हमारे संसदीय क्षेत्र के हमदर्द नहीं,, सिर्फ लुटेरे होते
है ,,,आज आज़ादी के इतने साल ,,बाद भी यह भयावह तस्वीर ,,यह दिल हिला देने
वाला मंज़र ,,,इस बात का सुबूत है ,,और केंद्र सरकार ने,,, इस घटना का कोई
प्रसंज्ञान नहीं लिया है,,, ऐसे में यह सरकार कितनी संवेदनशील है ,,,कहने
की ज़रूरत नहीं ,,प्रतिपक्ष का कोई बयान नहीं ,,ज़रा ज़रा सी बात में केजरीवाल
,,कोंग्रेस ,,सपा दूसरी पार्टियां मौके पर जाने वाले लोगो ने इस तरफ अपनी
संवेदनशीलता नहीं दिखाई है ,,बात साफ़ है ,,के हमारे आज के लीडर सोचते है
,,,,,हम मस्त रहे ,,हमारे ऐश होते रहे फिर जनता चाहे जाए भाड़ में
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इन सब के लिए ऐसी सरकारों को चुनने के लिए हम खुद
ज़िम्मेदार है ,,क्योंकि वोट देते वक़्त हम देश नहीं ,,देश की समस्याएं नहीं
,,सियासी पार्टियां ,,,धर्म ,,समाज ,,जाती ,,निजी स्वार्थ देखते है और फिर
यह नेता चुनने के बाद ,,हमे भाड़ में झोंकते है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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