दोस्तों जस्टिस शिव कुमार ,,एक क़ानून विद ,,एक न्यायधीश ,,लेकिन,, कुमार
शिव ,,,नाम उलट होते है ,,एक ख्यातनाम कवि ,,,जज़्बातो को अल्फ़ाज़ों में बाँध
कर खूबसूरती से पिरोने वाले एक जादूगर ,,एक खिलाड़ी ,,गरीबों के हमदर्द
,,मुफ्त ,,त्वरित न्याय्व्यस्था के पैरोकार ,,नीला सोना ,,यानी बून्द बून्द
पानी बचाने के लिए क्रान्तीकारी क़दम उठाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी ,
हमारे कोटा के वकील साथियो के बढे भाईसाहब ,,मार्गदर्शक ,शिवकुमार शर्मा
के बारे में कुछ भी लिखना सूरज को दिया दिखाना है ,,लेकिन में दुस्साहसी
हूँ ,ऐसा ही हूँ ,,में यह नाकामयाब कोशिश करने निकला हूँ ,,देश भर के मंचो
पर ,,दूरदर्शन ,,आकाशवाणी पर ,,मैगज़ीन अखबारों में ,,गागर में सागर भरी
कविताओ के लिए मंच लूटने वाले कुमार शिव जब शिवकुमार होते है तो देश के
मुख्य क़ानूनविदों से भी बढ़तर इनकी क़ानून की जानकारी होती है ,,दोस्तों 11
अक्टूबर 1946 को कोटा में जन्मे शिवकुमार शर्मा की प्रारम्भिक शिक्षा कोटा
में ही हुई 1964 में कोटा हर्बर्ट कॉलेज से बी कॉम ,,फिर 1966 में एल एल
बी ,,1967 में बार कौंसिल की परीक्षा पास कर वकालत की शुरुआत फिर 1968 में
हिंदी में एम ऐ पास करने वाले शिवकुमार शर्मा ,,छात्र जीवन से ही अपने
दोस्तों में शहंशाह के रूप में जाने जाते है ,,इनकी नेतृत्व क्षमता इनका
सेवा भाव देखकर कर सभी कहते थे ,,के यह छात्र कॉलेज का नाम ज़रूर रोशन करेगा
,,प्रारम्भ से ही लिखने के शौक़ीन ,,छोटो को मार्गदर्शन देने का स्वभाव
इन्हें अपने साथियो में लोकप्रिय बनाता गया ,,छात्र जीवन में इन्होंने 1966
में कॉलेज क्रिकेट टीम में रहकर ,,खूब चौके ,,छक्के मारे और कोटा
महाविद्यालय को क्रिकेट में विजेता बना दिया ,,,खेल इनका शोक ,,साहित्य
इनकी भावना ,,क़ानून और न्याय इनका स्वभाव बन गया ,,कोटा ,,ज़िला न्यायालय
,,राजस्थान उच्च न्यायलय ,,उच्चतम न्यायालय में इनकी वकालत ,,चलता फिरता
क़ानून का एनसाइक्लोपीडिया के रूप में इनकी पहचान बन गयी ,,में खुद कई बार
अटका ,,लेकिन मेरे सवाल के पूरा होने के पहले ही ,,इनके जवाब में मेरी
क़ानूनी समस्या का समाधान होता था ,,में पत्रकारिता के क्षेत्र में होने की
वजह से इनके अंदाज़ ,,इनकी साहित्यिक प्रतिभा ,,क़ानूनी पेचीदगियों के पेंच
सुलझाने की प्रतिभा का प्रशंसक था ,,शिवकुमार शर्मा ने हमेशा अपने छोटे
साथियो को ,,छोटे भाइयो का प्यार दिया ,,इनके हंसमुख स्वभाव ,,मिलनसारी की
वजह से यह सभी के लिए आकर्षण का केंद्र थे ,,,कोटा से निर्दलीय प्रत्याक्षी
के रूप में शिवकुमार शर्मा के समर्थको ने इन्हें विधायक का चुनाव भी लड़वा
दिया ,,,शिवकुमार शर्मा की क़ानूनी प्रतिभा ,,प्रशासनिक क्षमता ,,इंसाफ के
प्रति ईमानदाराना समर्पण का भाव जब राजस्थान उच्च न्यायालय और उच्चतम
न्यायालय के कॉलिजेनियम तक पहुंचा तो इनका चयन वरिष्ठ वकील होने के नाते
,,6 अप्रेल 1996 को राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस के रूप में हुआ
,,,शिवकुमार कुमार शिव से ,,फिर शिवकुमार क़ानूनविद बन गए ,,,इनके फेसलो से
एक नयी ,,अदभुत ,,न्यायिक क्रान्ती ,,सामने आयी ,,,वर्ष 2008 तक के
न्यायिक कार्यकाल में शिवकुमार ने क़रीब 50271 मुकदमो का फैसला किया जिसमे
प्राथमिकता के आधार पर 900 से अधिक जेल की अपीलों की सुनवाई कर उनका
निस्तारण शामिल है ,,शिवकुमार फुलकोर्ट में भी बैठे तो सिंगल ,,डबल बेंच
में भी बैठे ,,इनके क्रांतिकारी फैसले चाहिए किरायेदारी क़ानून को लेकर हो
,,चाहे किसी लड़की अपहरण के मामले में पुलिस की राठोड़ी का मामला हो ,,हथकड़ी
का मामला हो ,,पुलिस प्रताड़ना का मामला हो ,,प्रारम्भ से ही पक्षकार को
मुफ्त विधिक सहायता का मामला हो ,,हर मामले में इनके अनुकरणीय फैसले लोगो
के दिलो दिमाग पर छा जाने वाले हुए ,,शिवकुमार शर्मा पुरे छ साल विधिक
न्यायिक प्राधिकरण के चेयरमेन रहे और आज जो विधिक न्यायिक प्राधिकरण का
ढांचा ,,गाँव गाँव ,,ताल्लुका तक पहुंचा इसके लिए जस्टिस शिवकुमार नीव की
ईंट रहे है ,,किसी भी गिरफ्तार शुदा व्यक्ति को गिरफ्तार होते ही थानास्तर
पर ही मुफ्त वकील उपलब्ध करना ,,रिमांड की शुरुआत में ही मुल्ज़िम को सरकारी
खर्च पर वकील उपलब्ध करना ,,मुफ्त विधिक सहायता उपलब्ध करण ,,विधिक
साक्षरता के प्रति जाग्रति अभियान मामले में इनका कार्यकाल पुरे देश में
सर्वोच्च रहा है ,,ज्वेनाइल कोड मामले में बच्चो को न्याय दिलवाने के लिए
भी इनके महत्वपूर्ण क़दम रहे है ,,जबकि शिवकुमार शर्मा , ,,केंद्रीय विधि
आयोग के सदस्य रहकर ,,कई क़ानूनी खामियों को दूर कर ऐतिहासिक संशोधन के
सुझाव दे चुके है ,,जो आज क़ानून की किताबो में संशोधन किये जाकर पढाये जा
रहे है ,,शिवकुमार शर्मा को ,राजस्थान में निजी स्कूलों में फीस निर्धारण
समिति का चेयरमेन भी बनाया और इनके कार्यकाल में निजी स्कूलों की अधिकतम
फीस की लूट पर अंकुश लगाया जा सका ,,,,वर्तमान में शिवकुमार शर्मा के
परिवार के सदस्य इनके विधिक ज्ञान से प्रेरित होकर न्यायिक सेवा में
कार्यरत है ,,,जबकि इनका पुत्र और पुत्रवधु फिल्म एक्टिंग से लेकर छोटे
परदे के एक्टिंग के बादशाह कहलाने लगे है ,,,आप राजस्थान साहित्य एकेडमी के
नामित सदस्य भी रहे है ,,साथ ही हिंदी विधिक सतर्कता समिति के सदस्य भी
रहे है ,,,जबकि खेल के मैदान में राजस्थान ओलम्पिक एसोसिएशन के सदस्य भी
रहे है ,,,शिवकुमार शर्मा ने शिव के नाम से जब वकालत की तो बेहिसाब मुकदमो
को क़ानूनी रास्ता बताकर अपने पक्षकार के हक़ में फैसले करवाये ,,जब जस्टिस
बने तो समाज को इनके फेसलो से इंसाफ मिला तो वकीलो और क़ानून से जुड़े लोगो
को एक नयी दिशा एक नयी सीख मिली ,,शिव कुमार जब भी शिव कुमार से कुमार शिव
हुए तो इन्हें तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इनकी हर साहित्यिक पंक्तियों पर
इन्हें सुनने वालो का प्यार मिला ,,आज शिवकुमार कुमार शिव होकर जब सोशल
मिडिया फेसबुक पर अपने धुरन्धर अंदाज़ में हमारे साथ जुड़कर अपने अल्फ़ाज़ों
में एक नई सोच ,,एक नया फलसफा लेकर आते है ,,तो कुमार शिव कोटा के है
,,हमारे बीच रहने वाले हमारे अपने बढे भ्राता है सोचकर हमारा सीना गर्व से
चोढा हो जाता है ,,और शिवकुमार शर्मा के सम्मान में खुद ब खुद सेल्यूट के
लिए हाथ उठ जाता है ,,,,कई दर्जन पुस्तक प्रकाशन का संग्रह इनकी धरोहर है
,वोह लिखते है ,,ठोकर खाकर गिरा चाँद
ऐसे फैली है थवल चाँदनी
जैसे पिसे हुए गेंहूँ की
कई बोरियाँ बिखर गई हों---
(गीत का मुखड़ा ----गीत संग्रह"एक गिलास दुपहरी"से)
ऐसे फैली है थवल चाँदनी
जैसे पिसे हुए गेंहूँ की
कई बोरियाँ बिखर गई हों---
(गीत का मुखड़ा ----गीत संग्रह"एक गिलास दुपहरी"से)
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