आपका-अख्तर खान

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20 जुलाई 2016

उठाओ खंजर

लो उठाओ खंजर
मेरे सीने में घोंप दो ,,
बस यह दिल है
इसे बचा लेना ,,
इसमें मेरी जान है ,,
जो धड़कनो के साथ
सावन का झूला ,,
झूल रही है ,,अख्तर

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