एक अजीब नामाकूल भाईसाहब है ,,पिछले दिनों ,,ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के
महासचिव होने के हिसाब से ,,मिस कॉल मोहम्मद हुसैनवार्ड पार्षद की
मानवाधिकार कार्यो की सेवाभाव को देखते हुए ,,उन्हें ,,प्रतीक चिन्ह देकर
हमारी संस्था की तरफ से सम्मानित किया गया ,,टी वी ,,अखबार ,,,सोशल मीडिया
पर भी सार्वजनिक किया ,,सभी की जानकारी में था ,,लेकिन एक सुबह की सेर के
चुगलखोरों में से मेरे एक समाजी शुभचिंतक ने आदरणीय सर को याद दिलाया
,,देखिए भाईसाहब ,,,अख्तर साहब यह कर रहे है ,,आपके राज में यह हो रहा
है ,,अब ऐसे मेरे समाज के लोगो का में किया करू ,,सोचता हूं एक चुंगल खोर
ग़ीबत एवार्ड शुरू करू और इस एवार्ड से इन भाईजान को नवाज़ ही दु,,
सार्वजनिक रूप से जाकर ,,,में फिर कहता हूं,, समाज की जाजम पर समाज होता
है ,,पार्टियां नहीं यह मुस्लिम समाज के चुगलखोर ग़ीबत पार्टियों के अलावा
दूसरे सभी समाज समझ गए है ,,और मुझे खुशी है के यह चुगलखोर भाईसाहब मुझे कई
इफ्तार पार्टियों में अलग अलग सियासी पार्टी के लोगो कै साथ जुगलबंदी करते
दिखे ,,अब इन जनाब को किया पता के वह भाईसाहब है सब जानते है ,,इन जनाब
चुगलखोरों की तरह कई लोगो को रोज़ निकालते है ,,उनके बाल धूप में सफेद नहीं
हुए है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानएक अजीब नामाकूल भाईसाहब है
,,पिछले दिनों ,,ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव होने के हिसाब से ,,मिस
कॉल मोहम्मद हुसैनवार्ड पार्षद की मानवाधिकार कार्यो की सेवाभाव को देखते
हुए ,,उन्हें ,,प्रतीक चिन्ह देकर हमारी संस्था की तरफ से सम्मानित किया
गया ,,टी वी ,,अखबार ,,,सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक किया ,,सभी की जानकारी
में था ,,लेकिन एक सुबह की सेर के चुगलखोरों में से मेरे एक समाजी
शुभचिंतक ने आदरणीय सर को याद दिलाया ,,देखिए भाईसाहब ,,,अख्तर साहब यह कर
रहे है ,,आपके राज में यह हो रहा है ,,अब ऐसे मेरे समाज के लोगो का में
किया करू ,,सोचता हूं एक चुंगल खोर ग़ीबत एवार्ड शुरू करू और इस एवार्ड से
इन भाईजान को नवाज़ ही दु,, सार्वजनिक रूप से जाकर ,,,में फिर कहता हूं,,
समाज की जाजम पर समाज होता है ,,पार्टियां नहीं यह मुस्लिम समाज के चुगलखोर
ग़ीबत पार्टियों के अलावा दूसरे सभी समाज समझ गए है ,,और मुझे खुशी है के
यह चुगलखोर भाईसाहब मुझे कई इफ्तार पार्टियों में अलग अलग सियासी पार्टी के
लोगो कै साथ जुगलबंदी करते दिखे ,,अब इन जनाब को किया पता के वह भाईसाहब
है सब जानते है ,,इन जनाब चुगलखोरों की तरह कई लोगो को रोज़ निकालते है
,,उनके बाल धूप में सफेद नहीं हुए है ,,,,महरबानी करके मुझे बताये ,,क्या
मुझे ऐसे चुगलखोरों से घबराकर मेरे समाज के लोगो से मिलना जलना बंद कर देना
चाहिए ,,या फिर भाईसाहब जिस तरह से सामाजिक कार्यकमों में अपने समाज के
सभी पार्टियों के लोगो के साथ मिलते है ऐसे ही मुझे भी कंटीन्यू रखना
चाहिए ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)