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22 जुलाई 2016

6000 करोड़ की हीरा कंपनी के मालिक ने बेटे से कहा-आम आदमी की तरह नौकरी खोजो



6 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक सावजी ढोलकिया ने अपने बेटे को नौकरी करने भेजा। (फाइल), national news in hindi, national news
6 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक सावजी ढोलकिया ने अपने बेटे को नौकरी करने भेजा। (फाइल)

कोच्चि. जिस शख्स के पिता का 71 देशों में 6 हजार करोड़ का कारोबार हो, क्या उसे नौकरी करने की जरूरत होगी? जाहिर है, इसका सवाल ना ही होगा। लेकिन गुजरात के सावजी ढोलकिया पर ये बात लागू नहीं होती। उन्होंने अपने बेटे द्रव्य (21) को नौकरी करने भेजा। सावजी चाहते थे कि उनका बेटा जाने कि एक आम आदमी को नौकरी कैसे मिलती है। द्रव्य ने केरल जाने का फैसला किया। US से एमबीए कर रहा द्रव्य...
- सावजी की सूरत में हरेकृष्ण डायमंड नाम की कंपनी है।
- कंपनी का 71 देशों में 6 हजार करोड़ का बिजनेस है।
- द्रव्य अमेरिका में एमबीए कर रहा है। वह भारत में छुट्टी मनाने आया है।
- सावजी ने द्रव्य को महज तीन जोड़ी कपड़े और 7 हजार रुपए लेकर नौकरी ढूंढने भेजा। साथ ही, ये भी कहा कि वह जरूरत पड़ने पर ही इन पैसों का इस्तेमाल करे।
क्या कहते हैं सावजी?
- "मैंने बेटे से कहा कि उसे पैसे कमाना सीखने की जरूरत है। साथ ही, ये भी कहा कि किसी जगह एक हफ्ते से ज्यादा नौकरी नहीं कर सकता।"
- "मैंने उसे तीन हफ्ते नौकरी करने को कहा। वह जहां भी जाए, वहां मेरी पहचान, मोबाइल और घर से मिले 7 हजार रुपए का इस्तेमाल न करे।"
- "मैं चाहता हूं कि वह जिंदगी को समझे। वह इस बात को जाने कि कैसे गरीब को नौकरी-पैसे के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उसे किसी यूनिवर्सिटी में ये एक्सपीरियंस नहीं मिलेगा।"
- बता दें कि सावजी अपने इम्प्लॉइज को बोनस के तौर पर कार और फ्लैट दिए जाने को लेकर काफी चर्चा में रहे थे।
द्रव्य ने लिया चैलेंज
- द्रव्य ने चैलेंज लिया और उस जगह जाने का फैसला किया, जिसे वह बिल्कुल नहीं जानता हो और जहां की लैंग्वेज भी उसके लिए नई हो।
- सावजी के मुताबिक, "उसने केरल के कोच्चि जाने का फैसला किया। वह मलयालम नहीं जानता है। वहां हिंदी भी ठीक से नहीं बोली जाती।"
- द्रव्य ने बताया, "कोच्चि में मुझे 5 दिन न तो नौकरी नहीं मिली और न ही रहने की जगह।"
- "60 जगह रिजेक्ट होने के बाद मैं काफी फ्रस्ट्रेट हो गया था। फिर मैंने रिजेक्शन की वजह जानने की कोशिश की। साथ ही, नौकरी की कीमत को भी महसूस किया।"
- द्रव्य जहां भी नौकरी मांगने जाता था, वहां खुद को 12th पास और गुजरात के गरीब किसान का बेटा बताता था।
पहली नौकरी बेकरी में मिली
- उसे पहली नौकरी एक बेकरी में मिली। इसके बाद उसने एक कॉल सेंटर में नौकरी की।
- द्रव्य ने कोच्चि के मैक्डॉनल्ड्स में भी नौकरी की। यहां उसे 4 हजार रुपए सैलरी मिलती थी।
- द्रव्य के मुताबिक, "मुझे पैसों को लेकर चिंता नहीं थी। मैंने सीखा कि खाने के लिए 40 रुपए कैसे कमाए जाते हैं।"
- "मैंने एक लॉज में कमरा लिया था। जिसका किराया 250 रुपए था।"
- हालांकि, द्रव्य मंगलवार को गुजरात लौट आया है।
एक इम्प्लॉयर ने क्या कहा?
- श्रीजित के नाम के फायनेंस प्रोफेशनल ने भी द्रव्य को नौकरी पर रखा।
- उसकी बेकरी पर द्रव्य से मुलाकात हुई थी। श्रीजित के मुताबिक, "मुझे वह काफी स्पेशल लगा। मेरे साथियों ने उसे नौकरी पर रखने को लेकर वॉर्निंग भी दी। लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी।"
- "मुझे हाल ही में द्रव्य की कंपनी से फोन आया। उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा और सच्चाई बताई।"

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