सियासी और विकास की द्रष्टी से सबसे उपेक्षित कोटा क्षेत्र में राजस्थान की
मुख्य मंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया सिर्फ रस्म निभाने आ रही है ,,सुना
है वह एक ही स्टेडियम में प्रतीकात्मक लोकार्पण और शिलान्यास करेंगी ,,कोटा
और कोटा के लोगो के दुख दर्द सुने बगैर वह वापस चली जायेंगी ,,,अजीब बात
है ,,कोटा जो राजस्थान को हीं नहीं पूरे देश को पत्थर देता है ,,कोटा साड़ी
देता है ,, रोज़गार देता है ,,शिक्षा देता है ,,डॉकटर ,, इंजीनियर देता है
,,पानी देता है ,,बिजली देता है और सियासत में एक से एक जांबाज़ लीडर देता
है ,,,कोटा जिसने राजस्थान के निर्माण में अपने स्वतंत्र अस्तित्व को
विलीन कर राजस्थान का निर्माण किया ,,देश को आज़ाद कराने में कोटा के लोगो
ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी ,,,कोटा जहां से भाजपा को दो सीटों से अस्सी
फिर यहां से पूरे देश में सरकार मिली ,इस कोटा और इस कोटा शहर के भोले भाले
नागरिक जिन्होने एक जुट होकर भाजपा को ज़ीरो से हीरो बनाया ,,उसी कोटा के
सियासी , ,समाजी ,,प्रशासनिक ,,विकसित अस्तित्व को तहस नहस करने के लिए
खुल कर उपेक्षा का रुख अपनाया जा रहा है ,,यहां पत्थर के व्यवसाय से जुड़े
लोगो को टैक्स के नाम पर लूटा जा रहा है ,,एक तरफ टाइल्स का युग आ जाने से
कोटा स्टोन सहित दूसरे पत्थर व्यवसाय पर तबाही का मंज़र है तो दूसरी तरफ
कोटा कोचिंग पर तलवार लटकी है ,,आई एल बंद हो गई है ,,दूसरे उद्योग बंद हो
रहे है ,,,कोटा का सौंदर्यकरण और विकास थम गया है ,,,यहाँ क़ानूनी और
प्रशासनिक दृष्टि से अराजकता का माहौल है ,,नगरनिगम की योजनाएं ठप्प पढ़ी है
,,,सहवरीत पार्षद नहीं ,,कोटा नगर विकास न्यास का चेयरमेन नहीं ,,दूसरी
समितियों ,,आयोगों में कोटा का एक भी आदमी नहीं लिया गया है ,,,,कोटा के
तेज़ तर्रार विधायकों में से एक विधायक को भी मंत्री नहीं बनाया गया है
,,पूरे तीन साल के लगभग होने को है ,,लेकिन सरकार के दांत हांथी के हो गए
है ,,अखबारों और टी वी में पोस्टर बेनरो में विकास योजनाएं है ,,धरातल पर
कोटा के साथ खुला सौतेला व्यवहार ,सियासी उपेक्षा की पराकाष्ठा है
,,एयरोड्रम को चालू करने की पहल वसुंधरा नहीं करने दे रही है ,,नए उद्योगों
के प्रति सकारात्मक माहौल नहीं है ,,वाणिज्यिक माहौल खत्म कर दिया गया है
,,किसी के भी मंत्री या मंत्री दर्जा चेयरमेन नहीं होने से कोटा में कोटा
की जनता ,,कोटा के लोग और खासकर भाजपा के कार्यकर्ता अनाथ से हो गए है ,,जो
भाजपा के कार्यकर्ता सीना फुला कर घुमा करते थे आज आम जनता से नज़रे चुरा
चुरा कर भाग रहे है ,,ऐसे में मुख्य्मंत्री वसुंधरा सिंधिया कोटा की
उपेक्षा और बढ़ा रही है ,,,कोटा सिर्फ प्रतीकात्मक यात्रा होती है ,,यहां
कोई जन सुनवाई नहीं बस आंख मिचोली ही है ,,,अभी कोटा की यात्रा दो जुलाई
एक तमाशा नहीं तो और क्या है ,,स्टेडियम पर आम सभा यही सारी योजनाओं के
प्रतीकात्मक लोकार्पण ,, पुरानी सरकार के मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत से
अधिकारियों ने यह गलती करवा कर उन्हें हमेशा के लिए सियासी तौर पर हाशिये
पर ला खड़ा किया है ,,वही गलती बार बार वसुंधरा सिंधिया कर रही है ,,यहाँ
प्रति पक्ष उनसे नाराज़ है वह अगर सामूहिक कार्यक्रमों में आती तो जो लोग
भाजपा के नेताओं के साथ अठखेलियां करते है हो सकता है लिहाज़ कर लेते लेकिन
इन हालातो में जब केवल एक गुट के कार्यक्रम में वह आ रही है तो ज़ाहिर है
दूसरे गुट के भाजपाई प्रतिपक्ष दोस्तो को उकसा कर इस यात्रा में क्रिकिराहट
पैदा कर सकते है ,,कोटा में क़ानून व्यवस्था को लेकर सवाल है ,,कोचिंगों
की आत्महत्या का सवाल है ,,एयरपोर्ट ,,बंद होते उद्योग। .पत्थर उद्योग के
सवालात है जबकि कोटा के वकीलों के साथ भाजपा के नेताओं का खुला धोखा
वकीलों को अंदर ही अंदर सुलगा रहा है ,,राजस्थान हाईकोर्ट बेंच की मांग ,,
वकीलों को कांग्रेस शासन में आंवटित प्लॉटों की दरों में कमी को लेकर चले
आंदोलन के दौरान ,,वसुंधरा के विधायक ,,सांसद खुद वसुंधरा साहिबा ने वकीलों
का आंदोलन जायज़ बताकर उनकी सभी मांगे भाजपा की सरकार आते ही पूरी करने का
सार्वजनिक और लिखित रूप में आश्वासन दिया था ,,लेकिन अब मुख्य्मंत्री बनने
के बाद ढाई सालो में वसुंधरा मेडम कोटा के वकीलों को एक मिनट का वक़्त भी
नहीं दे रही है जबकि इन ढाई सालों में असंख्य पत्र उन्हें कोटा के वकीलों
ने भेज दिए है ,,,ऐसे ही कई मामले है जिनसे वसुंधरा सरकार ने उलझा कर रखा
है ,कोटा की जनता यहां से किसी भी विधायक खासकर प्रह्लाद गुंजल को मंत्री
देखना चाहती है ,,हमेशा कोटा से सरकार में दो मंत्री रहे है पहली बार
भाजपा की सरकार में कोटा की जनता की जनता के साथ यह सियासी विश्वासघात हो
रहा है ,,जिसे देख कर कोटा की जनता गुस्से में भी है और शर्मसार भी है
,,वसुंधरा की कोटा यात्रा सुकून से गुज़र जाने के बाद ही कोटा का जिला
प्रशासन ,,खुद कार्यक्रम के आयोजक विधायक राहत की सांस ले सकेंगे ,,,अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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