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05 मई 2016

महिलाओं को इन्साफ दिलाने के लिए संघर्षरत समाज सेविका महिला नेत्री ,,संगीता माहेश्वरी

राजस्थान की महिलाओं को इन्साफ दिलाने के लिए संघर्षरत समाज सेविका महिला नेत्री ,,संगीता माहेश्वरी ,,महिलाओं की दुर्दशा और उत्पीड़न के पीछे राजस्थान में शराबखोरी को भी एक कारण मानती है ,,और इसीलिए महिला उत्पीड़न को जड़ से खत्म करने के लिए ,,सरकार से जुडी सत्ता पार्टी का हिस्सा होने के बावजूद भी ,,महिलाओं के अस्तित्त्व संरक्षण के लिए ,,संगीता माहेश्वरी ,,राजस्थान में सम्पूर्ण शराबबंदी आंदोलन के मामले में घर घर ,,बस्ती बस्ती ,,गाँव ,,गाँव ,,शराब मुक्त राजस्थान का अभियान चला रही है ,,,अजीब सा लगता है ,, सत्ता पक्ष एक तरफ तो शराब की बिक्री के लिए नए लाइसेंस ,,नयी दुकाने दे रहा है ,,वही सत्ता पक्ष से जुडी ,,महिला सेविका ,,शराब बंदी के मामले में खुलकर सामने आई है ,,लेकिन दोस्तों यह कड़वा सच है ,,,सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के इन्साफ के लिए लड़ने वाली संगीता माहेश्वरी ,,पार्टी के अनुशासन को बरकरार रखते हुए मर्यादित तरीके से ,,शराब मुक्त राजस्थान के विचार को पुरे राजस्थान में लोगो तक पहुंचा रही है ,,और इस मामले में सम्पूर्ण राजस्थान के लोग इनके इस आनदोलन से जुड़ गए है ,,राजस्थान खासकर कोटा में ,,झाँसी की रानी ,,के नाम से प्रचारित संगीता माहेश्वरी जहाँ महिलाओं पर ज़ुल्म हो ,,ज़्यादती हो वहां पुरे दम खम के साथ ,,जाती ,,धर्म ,,समाज ,,पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हठ कर पीड़िता की मदद करने के लिए तत्पर मिलती है ,,इनकी इस प्रव्रत्ति से राजस्थान की महिलाओं को तो इंसाफ मिलता है ,,लेकिन इनकी पार्टी के ही लोग ,,इनकी बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखकर इनके दुश्मन हो जाते है और इनकी टांग खिंचाई शुरू कर देते है ,,लेकिन महिलाओं को रोज़गार से जोड़कर उनकी पीड़ा हर कर उन्हें इन्साफ दिलाने के लिए संघर्षरत ,,संगीता माहेश्वरी के शराब बंदी आंदोलन में कूदने से इन्हे महिलाओं का समर्थन मिल रहा है और दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर इस लड़ाई में अपना कैरियर दांव पर लगाकर संघर्ष करने वाले संगीता माहेश्वरी ,,राजस्थान में मुख्य्मंत्री वसुंधरा सिंधिया ,,महिला आयोग की चेयरमेन सुमन शर्मा सहित कई दिग्गज महिला नेताओ के समकक्ष नहीं तो उनसे दूसरे नंबर पर अपना मुक़ाम बना चुकी है ,,,,,,,,,,,,,दोस्तों कहते है जेसा नाम ऐसी ही जीवन शेली और रहन सहन व्यवहार होता चला जाता है ...जी हाँ दोस्तों संगीत की थिरकन की तरह लोगों के दुःख हरने का काम संगीता माहेश्वरी पिछले कई सालों से समाज सेविका के रूप में कर रही है ......संगीता वेसे तो भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है और इनकी कार्यशेली सेवा भाव को देखते हुए इन्हें संगठन में कोटा देहात महिला भाजपा की अध्यक्ष बनाया गया था जो काम इन्होने इनके कार्यकाल में बखूबी निभाया ,,..यह बहतरीन प्रवक्ता और प्रचारक भी है ... संगीता पिछले कई दिनों से समाज सेवी संस्था से जुडी रहने के कारण कोटा सम्भाग की महिलाओं को एकत्रित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलवा रही है ...जबकि महिलाओं में साक्षरता कार्यक्रम चला कर उन्हें पढने और पढाने का शोक पैदा कर रही है ... संगीता के पति इंजिनियर है परिवार है,,, वोह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ साथ ,,,सामाजिक दायित्व निभाने के लिए डटी हुई है .., संगीता पीड़ित महिलाओं के साथ ,,,कंधे से कंधा मिलाकर,,, मददगार बनती है .,,.घरेलू हिंसा हो ....योन उत्पीडन हो ...महिलाओं की कोई भी समाजिक,,, पारिवारिक पीड़ा हो,,, , संगीता के पास अगर वोह पहुंच गयी ,,तो वोह दलगत राजनीति ..धर्म जाती भेदभाव से अलग हट कर,,, सिर्फ महिला की पीड़ा देखती है ,,,और अंतिम वक्त तक जब तक ,,,उसे न्याय नहीं दिलवाती,,, पीछे नहीं हटती है ..,,., संगीता ने अपने सेवाकाल में हजारों महिलाओं को रोज़गार दिलवाया है ,,जबकि सेकड़ों महिलाओं को इन्साफ दिलवाया है ....अपनी इस कार्यशेली में कई बार इन्हें पार्टी की निति के खिलाफ भी काम करना पढ़ा ,,,लेकिन इनके लिए महिला की पीड़ा दूर करना,,, पहला मकसद रहता है और इसीलिए,,, पार्टी के नेता बाद में इनकी पीठ थपथपाने से भी नहीं चूके है .....पीड़ित महिलाओं के इन्साफ के लिए सरकारी अधिकारीयों ,,,कर्मचारियों ,,,पुलिस अधिकारीयों से मुकाबला करना इनकी आदत है ..और महिलाओं के ज़ुलम के मामले में,,, संघर्ष इनका नारा है बुलंदी के साथ यह इस नारे को बोलती भी है ,,,और साकार भी करती है ...., संगीता एक म्रदुल स्वभावि ..कुशल नेत्रत्व की धनि ...मिलनसार ..नेक ईमानदार ...पढ़ी लिखी महिला है और इसीलिए भाजपा की नीतियों को वोह दुसरे राजनितिक दलों से बहतर बताकर भाजपा के शासन में देश का भविष्य और महिलाओं की इज्ज़त ..महिलाओं की अस्मत ..महिलाओं का मान सम्मान सुरक्षित मानती है और वोह भाजपा की सरकार चाहती है .,,.महिलाओं की इज्ज़त और अस्मत मामले में ,,,, संगीता जरा भी पक्षपात नहीं करती है ,,,वोह दामिनी के आरोपियों से भी नफरत करती है तो महिपाल मदेरणा ...बाबूलाल नागर जेसे मंत्रियों को भी सजा दिलवाने के लिए ,,,संघर्षरत रहती है वोह ,,,महिलाओं की इज्ज़त के सोदागर संत बापू आसाराम से भी घ्रणा करती है और ऐसे लोगों के खिलाफ सिर्फ और सिर्फ फांसी की मांग करती है ............ संगीता एक तरफ तो भाजपा राजनितिक दल में सत्ता में रहते हुए शराब बंदी के लिए संघर्ष कर रही है,, और दूसरी तरफ निर्भीकता और निष्पक्षता से ,,समाज सेविका बनकर महिलाओं को इन्साफ दिलाने की मुहीम में शामिल है ., संगीता पर्यावरण प्रेमी है और वन बचाओ का नारा देती है तो ..बेटी बचाओ बेटी पढाओ के लिए संघर्ष करती है ..वोह कहती है ,नारा देना एक आम सियासी बात है ,,,लेकिन नारे को सार्थक करना ,,,समाज सेविका का काम है ,,,जो वोह हर हाल में अपनी सहयोगी टीम के साथ करती रही है .., संगीता कोटा की कई दर्जन समाज सेवी संस्थाओं ...क्लबों और कार्यक्रमों से जुडी हुई है .., संगीता अपनी कार्यकर्ताओं के साथ दीपावली की खुशिया भी मनाती है,, तो होली के रंग भी बिखेरती है ,,तो दूसरी तरफ बैसाखी ....क्रिसमस और ईद के त्योहारों में भी अपनी साथिनों के साथ ,,,शामिल नज़र आती है ..वोह कहती है केसी जाती ..केसा धर्म,, केवल मानव धर्म ...मानवाधिकारों की रक्षा ही ,,उनका कर्तव्य है,, लेकिन संगीता , यह सियासी बात कहने से भी नहीं चुकती की देश की सुरक्षा देश का विकास राष्ट्रीय एकता और महिलाओं की अस्मिता इज्ज़त की सुरक्षा केवल भाजपा सरकार ही दे सकती है वह अपना आदर्श मुख्य्मंत्री वसुंधरा सिंधिया और महिला आयोग की चेयरमेन सुमन शर्मा सहित किरण माहेश्वरी जैसी दबंग महिला नेताओ को मानती है ..संगीता की निष्पक्ष और बेबाक राय के लिए उन्हें मुबारकबाद बधाई ....ईश्वर उन्हें ,,सम्पूर्ण राजस्थान शराब मुक्त मिशन में कामयाब करे ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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