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03 मार्च 2016

कन्हय्या के खिलाफ,,, छद्म राष्ट्रवाद के आरोप ,,उसके खिलाफ आंदोलन ,,समर्थन और फिर क़ानूनी कार्यवाहीं ,,प्रधानमंत्री की चुप्पी सहित कई ऐसे मुद्दे है ,,,जिसने देश को ,,,एक नई दिशा दी है ,

कन्हय्या के खिलाफ,,, छद्म राष्ट्रवाद के आरोप ,,उसके खिलाफ आंदोलन ,,समर्थन और फिर क़ानूनी कार्यवाहीं ,,प्रधानमंत्री की चुप्पी सहित कई ऐसे मुद्दे है ,,,जिसने देश को ,,,एक नई दिशा दी है ,,,,पत्रकारिता क्षेत्र में तो ,,बात साफ़ हो गयी है के ,,पत्रकारिता अब ,,,भड़वागिरी हो गई है ,,माफ़ी चाहता हूँ,,, मेरे इन अल्फ़ाज़ों के लिए ,,,लेकिन यह अलफ़ाज़,,, उन व्यापारी दलालों के लिए है,,,, जो ,खबरों में तो चमचागिरी ,, संबंधित लोगों से रिश्वत लेकर ,,,प्रभावित करने वाला ,,झूंठ दिखाकर,,,, देश को गुमराह करते ही है ,,लेकिन अब ,,फोटोग्राफ ,,फोटो शॉप से बदल कर और एडिटिंग प्रक्रिया से ,,मौके का शूट किया गया विडिओ तक ,,बदलने की हद तक ,,,,गिरावट हो गई है ,,वोह तो भला हो ,,,के आज भी देश में ऐ बी पी ,,रवीशकुमार जैसे ना जाने कितने पत्रकार है,,,,, जो देश के इन गद्दार पत्रकारों के दलालों की,,, पोल खोल कर ,,,,देश को उन्होंने सच बता दिया है ,,दूसरी तरफ ,,,,बात पुलिस की करे ,अफ़सोस,,,, पुलिस हर कार्यक्रम की विडियोरिकॉर्डिंग करती है ,,यह पुलिस ड्यूटी में शामिल है ,,और सादी वर्दी में ,,पुलिस ने यह रिकॉर्डिंग की भी ,फोटोग्राफी भी की ,,,वोह खुद अपने इटैलिजेंस ऑफिसर के ज़रिये,, प्रधानमंत्री को सच बता चुके थे ,,,के कोई देशद्रोह की कार्यवाही नहीं हुई ,खुद दिल्ली पुलिस ने कहा था ,,,के हमारे पास सुबूत नहीं ,,लेकिन हाईकोर्ट में पुलिस झूंठ बोली ,,वीडियो रिकॉर्डिंग पुलिस की होने से ही इंकार कर दिया ,,पुलिस केंद्र सरकार के हाथ का खिलौना बनी रही ,,इस्तेमाल होती रही ,,,,,,बेवजह ,,,,,हो हल्ला और छात्र संघ चुनाव में ,,,,सत्ता के दुरूपयोग और करोडो रूपये की बर्बादी के बाद भी ,,,चुनाव हार चुके संगठन के छात्र ,,छद्म राष्ट्रवादियों के हाथ के खिलोने बन गए ,,छद्म राष्ट्रवादी,,, इसे मुद्दा बनाकर ,,देश में अराजकता पैदा कर ,,सरकार के दो साल की नाकामयाबियों से ,,जनता का रुख मोड़ने की कोशिशो में थे ,,लेकिन सियासत तो सियासत है,,, कांग्रेस के राहुल गांधी इस लड़ाई में कूदे ,,लड़ाई का रुख बदल गया ,,राहुल पर आक्रमण हुए ,,हमले हुए ,,काले झंडे दिखाए ,,गोली मारने की धमकिया दी गई ,,लेकिन राहुल अड़े रहे ,,डटे रहे ,,इन गंभीर हालातों में,,, नरेंद्र मोदी चुप्पी साधकर,,, रोम जलता रहा था नीरो बंसी बजाता रहा ,,,,की तर्ज़ पर,,, सत्ता का सुख भोगते रहे ,,उनके मंत्री अखबारों ,,मिडिया और लोकसभा तक में ,,,झूंठ बोलते रहे ,,,,एक कहावत ,,एक झूंठ सो बार बोलो तो वोह सच दिखने लगती है ,,का इस्तेमाल किया गया ,,लेकिन सच ,सच होता है ,,जीत,,, सच की होती है,,, कन्हय्या की इस घटना ने साबित कर दिखाया है ,,राहुल तो एक महाशक्ति बनकर उभरे ,,लेकिन नरेंद्र मोदी ,,,,इस घटना के बाद पप्पू साबित हुए ,,,,एक कमज़ोर प्रधानमंत्री साबित हुए ,,बेबस और लाचार प्रधानमंत्री साबित हुए ,,जिसे एक भारत के नागरिक की निर्दोषिता का सुबूत खुद उसके अधिकारीयों ने मिलकर दिया लेकिन वोह उसके इंसाफ के लिए पार्टी की विचारधारा की बेबसी के चलते दो शब्द भी ना बोल सके ,, सभी सिद्धांत उन्होंने ताक़ में रख दिए ,,,,,देश के ज्वलंत मुद्दो पर खामोशी इख़्तियार करने वाले,, रोम के राजा नीरो ,,,साबित हुए इनके मंत्री झूंठे साबित हुए ,,,क़ानून विदों का तो कहना ही किया ,,इस मुद्दे को कानूनविदों ने सियासी बनादिया ,,कांग्रेस ,,भाजपा ,,कम्युनिज़्म हो गया ,,भाजपा के वकील गुंडागर्दी पर उत्तर आये ,,लड़ाई झगड़ा मार पिटाई की ,,,बेहूदा हरकतों ने राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ,,,देश के वकीलों का मान सम्मान,,,, मिटटी में मिला दिया ,,दूसरी तरफ क़ानूनी समझ रखने वाले ,,,,,वकीलों की सियासत ने,, देश के वकीलों और वकालत को,,, शर्मसार किया है ,,,क़ानून एक छोटा वकील भी जानता है ,,देश की सभी अदालतों में,,, एक क़ानून,, ज़मानत का है ,,जो निचली अदालत में ज़मानत ख़ारिज होकर ,,,सेशन में फिर हाईकोर्ट ,,,फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का प्रावधान है ,,,दिल्ली सरकार ,,दिल्ली पुलिस ,,,चीख चीख कर कह रही थी के ,,वोह कन्हैया की ज़मानत का विरोध नहीं करेंगे ,,,लेकिन अफ़सोस ,,क़ानून के धोखेबाज़ों ने ,,,मामले में सियासी गर्माहट पैदा करने के लिए ,,,,क़ानून की मान मर्यादाओ को त्याग कर ,,सीधे सुप्रीम कोर्ट में,,, कन्हय्या का ज़मानत प्रार्थना पत्र ,,,पेश कर क़ानून को शर्मसार कर दिया ,,,जो कन्हैया ,,,,तीन दिन दिन में ज़मानत पर ,,,आज़ाद होने वाला था ,,उस कन्हैया को,,, मुद्दा गरमाए रखने के लिए बेवजह ,,क़ानूनी दांव पेच के नाम पर दो सप्ताह से अधिक जेल में रहना पढ़ा ,,सियासत गर्माती रही और देश में इस बेवकूफी की वजह से ,,,अराजकता का माहोल रहा ,, ऐसे ज्वलंत मुद्दों में ,,,कोर्ट प्रशासन का भी रुख साफ़ नहीं रहा ,,,न सुरक्षा ,न , हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही ,,बात समझ नहीं आई ,,फैसलों में अदालते पत्रावली के तथ्यों से अलग हठकर ,,,अपनी टिप्पणियाँ ,,,अगर करने लगे ,,गीत ,,,गज़लें ,,लिखने लगे ,,,तो फिर,,, फैसलों की अहमियत किया रह जायेगी ,,ज़मानत के दौरान ,,,प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं ,,अभियुक्त देश छोड़ कर भागेगा तो नहीं ,,गवाह टेम्पर विद नहीं होंगे ,,पत्रावली में क्या सुबूत है,,, देखना होते है ,,लेकिन अब फैसलों में कहानियां ,,गीत ,,ग़ज़ल,,, लिखने की परम्परा गैरकानूनी होने के बाद भी शुरू सी हो गई है ,,,,इधर भारत ने एक बार फिर खुद को अटूट भारत ,,अखंड भारत ,,,सत्यमेव जयते वाला भारत साबित किया है ,,सोशल मिडिया से लेकर सभी मीडिया में गंदगी फैलाकर छद्म राष्ट्रवाद की आग ,,ओरिजनल राष्ट्रवाद के आगे ,,बेबस,,, लाचार हो गई ,,लेकिन देश के छात्र संगठन ,,वकील संगठन ,,प्रबुद्ध लोग इस घटना में अपने अपने विचारों के बाद ,एक्सपोज़ हो गए है ,,,,पार्टी ,,सियासत से पहले देश और देश की सोच होना चाहिए ,,यूँ षड्यंत्र कर किसी को भी उलझाकर आखिर कब तक सियासत करते रहोगे ,,कब तक इस देश को बाँट कर ,,यहां नफरत फैलाकर इस देश को तबाह और बर्बाद करते रहोगे ,,,,,,,,कब तक ज्वलंत मुद्दो पर बिना किसी ठोस प्रमाण के राष्ट्रवाद के प्रमाणपत्र देते रहोगे ,,कब तक इन गंभीर हालातों में खामोश रहकर ,,गलत लोगों को आगे गंदे हालात बनाने के लिए मौक़ा देते रहोगे ,,आखिर कब तक ,,,,कब तक ,,कब तक ,,,,,,,,,, में शुक्रगुज़ार हूँ ,,राष्ट्रिय स्वाभिमान ,, युवा स्वाभिमान आंदोलन की टीम का ,,गोविंदाचार्य का जो देश के इस संकट की घडी में निष्पक्ष रहे ,,देश के साथ रहे ,,,और निर्भीकता से देश के सामने छद्म राष्ट्रवाद का मुक़ाबला कर ओरिजनल राष्ट्रवाद की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर खुद को एक बार फिर सियासत से ऊपर ,,मुद्दो से ऊपर ,,,,सिर्फ राष्ट्रभक्त ,,राष्ट्रभक्त साबित किया ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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