दोस्तों पिछले दिनों मेने ,,दो मुंह के जुड़े हुए धड़ वाले सांप ,,का फोटु
डाला,,, जिसमे उस सांप का जिस्म एक ,,,लेकिन चेहरे चार थे ,,सवाल किया ,,यह
कोनसी सियासी पार्टी है ,,माफ़ी के साथ कहता हूँ ,,जिसके दिल में जो था
,,,वोह उसने लिखा ,,किसी ने भाजपा ,,किसी ने कांग्रेस ,,किसी ने आप ,,किसी
ने तृणमूल ,,वगेरा वगेरा ,,लेकिन दोस्तों ,,मेरी विनम्र राय में ,,यह
सियासी पार्टी ,,कोई और नहीं ,,,यह हम है ,,खुद हम ,,यानी में ,,में मतलब
आप इसमें शामिल है ,,व्यक्तिगत मेरी विनम्र राय में ,,हम ऐसे चौमुखे हो गए
है ,,छद्म राष्ट्रवाद की बात करते है ,,छद्म हिन्दुवाद ,,छद्म मुस्लिमवाद
की बात करते है ,,छद्म ईमानदारी ,,छद्म राष्ट्रीयता की बात करते है ,,हम
खुद को ईमानदार पूरी दुनिया को बेईमान ,,खुद को राष्ट्रवादी दूसरे लोगों को
गद्दार समझ कर खुद ही खुद को प्रमाणपत्र देकर खुश हो लेते ,,,कुछ हम लोग
समूह बना लेते है ,,लेकिन सच में आज हमारे इस मुल्क में जो कुछ भी हो रहा
है ,,इसके लिए ,,हम चौमुखे लोग ही ज़िम्मेदार है ,,हिन्दू है ,,लेकिन हिन्दू
नहीं ,,,हिन्दू धर्म को नहीं मानते ,,दलित ,,महिला के नाम पर हम भेदभाव
करते है ,, ओरतो को मंदिर में पूजा करने जाने से रोकते है ,,हम मुसलमान है
लेकिन हम मुसलमान नहीं ,,,टुकड़ों में बँटे है ,,धर्म के नाम पर चन्दाखोरी
हमारी सभी धर्मों की गाथा बन गई है ,,देश ,,देश का संविधान जाए भाड़ में हम
तो बस ,,एक सियासी पार्टी ,,एक सियासी विचारधारा के गुलाम हो गए है
,,हिन्दू बच्चे को ,,बचपन से मुसलमानो के खिलाफ ,,,नफरत सिखाते है ,,तो
मुस्लिम बच्चे को ,,बचपन से हिन्दू भाइयो के ख़िलाफ़,, नफरत सिखाते है ,,कहा
जा रहे है हम लोग ,, जिसकी लाठी उसी की भेंस की बात करते है ,,,हम लोग
,,,,,हमारे सामने ,,किसी लड़की का अपहरण होता है ,,किसी की हत्या होती है
,,भ्रष्टाचार होता है ,,लूट होती है ,,,जो भी अपराध होता है,,, हम खामोश
रहते है ,,हमारी सियासी पार्टी के नेता,,, क़ानून तोड़ते है ,,बकवास करते है
,,,हम उनके खिलाफ खड़े होकर ,,,सच का साथ देने की जगह ,,,उनके पैरोकार बन
जाते है ,,संसद में आरक्षण के खिलाफ,, एक भी सवाल नहीं उठाने वाले सासंद को
हम चुनते है ,,संसद में लोकपाल ,,या कोई और बिल पारित नहीं करने वाले
सांसद को हम चुनते है ,,,,संसद में हंगामा कर ,,हमारी गाढ़ी कमाई पानी में
बहाने वाले,,, सांसद हम चुनते है ,,फिर हम खुद को ईमानदार ,,राष्ट्रभक्त
,,कर्तव्यनिष्ठ और सियासी पार्टियों को दोगला ,,चौमुखा कहते है ,,आज देश का
जो भी ढांचा है ,,जो भी हालात है ,,इसके लिए हम ज़िम्मेदार है ,,में और आप
ज़िम्मेदार है ,,,केजरीवाल को दिल्ली में हम और आप लाये ,, नरेंद्र मोदी को
प्रधानमंत्री हमने,, आपने बनाया ,,हमने कभी सोचा ,,जो वायदे किये वोह पुरे
नहीं हुए,,, तो हम जवाब मांगे ,,हमने कभी पूंछा सीमा पर ,,,एक सर के बदले
दस सर लाने के जुमले का क्या हुआ ,,बाबा रामदेव,,, जिन्होंने आँख मिचका कर
वायदा किया था,, के उनकी जान की बाज़ी लगाकर भी,,, वोह कालाधन वापस देश में
मंगाकर आम लोगों की गरीबी ,,दरिद्रता दूर करेंगे ,,लेकिन आज उनकी जान की
सुरक्षा पर हज़ारों करोड़ रूपये क्यों खर्च हो रहे है ,,कभी हमने अन्ना से
पूंछा ,,,अब आपके आंदोलन ,,आपकी देशभक्ति कहा है ,,कभी हमने जनरल वी के
सींघ से पूंछा ,,फौजियों को इंसाफ क्यों नहीं मिला ,,नहीं पूंछा,,,
पूंछेंगे भी नहीं ,,में भी कांग्रेस से,, जो गलतियां कांग्रेस की है,,, वोह
सवाल नहीं करता ,,जब आप में मुझमें ,,देश से बढ़कर ,,मेरी अपनी पार्टियां
,,मेरा अपना धर्म,,, अहमियत रखने लगा है ,,,तो फिर ,,हम कैसे राष्ट्रभक्त
हो सकते है ,, सीमाओ पर ,,,पिछली सरकार में भी ,,जवान मरते थे,, तब हमारी
प्रतिक्रिया दूसरी ,,आज हमारे जवान मरते है ,,,तो हमारी प्रतिक्रियां खामोश
,,,,भ्रष्टाचार पहले होता था,,, तो प्रतिक्रिया दूसरी ,,आज भ्रष्टाचार
होता है,,, तो हम खामोश ,,,कल फिर हमारी सरकार होगी ,,,तो इन मुद्दो पर में
खामोश हो जाऊँगा ,,आखिर कब तक ,,कब तक यह सब चलेगा ,,चलो उठो ,,देश से
,,धर्म से ,,पार्टियों से ,,विचारधाराओं से ,,सो कोल्ड राष्ट्रभक्ति से
,,,ऊपर उठो ,,,हम सब,,, इन सारी बातों से ऊपर उठे ,,एक नया हिन्दुस्तान
बनाये ,,एक नया भारत महान बनाये ,,अरे नफरत करने वाले मेरे भाइयो ,,,कभी
तुमने सोचा है ,,,एक मुस्लिम जब दुःख दर्द से तड़पता हुआ,,, अस्पताल में खून
का इन्तिज़ार करता है ,,तब एक हिन्दू भाई,,, उसे खून देकर बचाता है ,,कभी
तुमने सोचा,,, सीमाओां पर हिन्दू भी ,,,तो मुसलमान भी,, शहीद हो जाता है
,,कभी तुमने सोचा ,,,हिन्दू आस्थानो पर ,,,मुस्लिम भी सर झुकाता है,, तो
मुस्लिम आस्थानो पर हिन्दू भाई भी ,,,अपना सर झुकाता है ,,एक मस्जिद के
बाहर ,,,जब नमाज़ी नमाज़ पढ़कर,,, बाहर निकलते है ,,तो कई हिन्दू बहने ,,अपने
बीमार मासूम बच्चे को ,,,मस्जिद के बाहर लेकर,,, इसलिए खड़ी रहती है ,,के
नमाज़ियों की दुआओं से ,,,उस बच्चे की तबियत ठीक होगी ,,कई हिन्दू अस्थानो
पर ऐसे ही होता है ,,इस परस्पर भरोसे में बस्ता है हमारा असली हिंदुस्तान
,,दोस्तों एक घायल तड़पता रहता है ,,तब उसे अस्पताल भर्ती कराते वक़्त ,,कोई
नहीं पूंछता तू हिन्दू है या फिर मुसलमान,,, उसे भर्ती कराया जाता है
,,इलाज कराया जाता है ,,इसमें बस्ता है हमारा हिन्दुस्तान ,,जब किसी की मोत
होती है,, तो रोने वाले ,,अंतिम संस्कार प्रक्रिया में शामिल होने वालों
में आप भी होते हो ,,,में भी होता हूँ ,,इसे कहते है हिन्दुस्तान ,,दोस्तों
भूलो ,,,इस सो कोल्ड राष्ट्रभक्ति को ,,इस धर्मान्धता को ,,,संवेधानिक
राष्ट्रीयता की ,,,हम बात करे ,,,,जो ज़ख्म ,,हम हमारे इस देश को दे रहे है
,,आओ इन ज़ख्मो को हम सब मोहब्बत ,,प्यार ,,एकजुटता ,,इंसानियत के मरहम को
लगाकर भर दे ,,आओ मेरे साथ आओ ,,आओ प्लीज़,,, चले आओ ,,हम संकल्प ले
,,,चुनाव में कोई पार्टी नहीं ,,कोई धर्म विचारधारा नहीं ,,कोई पंथ नहीं
,,सिर्फ और सिर्फ ,,,क़ाबलियत ,,हमारे समाज और देश के लिए बेहतर करने वाली
शख्सियत को ही,, हम चुनकर भेजे,,, तभी देश आगे बढ़ सकेगा ,,वरना ,,पार्टियों
,,विचारधाराओं के गुलाम बनाकर ,,,हम रोबोट बन गए है ,,हमारी मानवता
,,हमारे संस्कार ,,हमारी राष्ट्रीयता इस रोबोट में गुम हो गई है हमारे
रिमोट चंद सोदेबाज़ों के हाथों में है जिस पर हम चलते है हमे इस रिमोट को
तोड़कर खुद भारत के संचालन का रिमोट बनना होगा ,,इसे तलाश कर हमे खुद को
जीवंत ,,मानवतावादी बनाना होगा ,,,वरना हमे किसी दूसरे को दोष देने का
,,कोई हक़ नहीं है ,,अगर हम ऐसा नहीं करते ,,,तो हम भी ऐसे ही चौमुखे सांप
है ,,,,खुद अपने आप के ,,देश के ,,समाज के ,,धर्म के ,,विश्वासघाती है
,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)