प्रसिद्ध चिंतक ,,विचारक ,स्वाभिमानी ,,के ऍन गोविंदाचार्य ,,वन मेन ,शो
,वनमैन आर्मी ,,अब देश के नोजवानो और आम लोगों में स्वाभिमान के प्रति
जागरण कार्यक्रम के तहत ,,,राष्ट्रिय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक बनकर
,,प्रचार,,, प्रसार ,,,जागरण ,,कार्य्रकमों में जुटे है ,,,राष्ट्रिय स्वम
सेवक संघ ,,फिर भाजपा की रीती नीतियों से अलग होकर ,,एक नए राष्ट्रनिर्माण
की कोशिशों में जुटे आत्मस्वभिमानी ,,विचारधारा के धनी ,,गोविंदाचार्य से
देश को एक नईं उम्मीद बंधी है ,,वर्तमान हालातों में जब देश के हालत अस्थिर
हो ,,जो लोग सो कोल्ड ,,राष्ट्रभक्त खुद को कहते है ,,उनके हाथो में देश
आने के बाद भी ,,देश ,,देश के लोग ,,देश के गरीब ,,देश की सीमाये
,,सुरक्षित न हो ,,,आर्थिक ,,रोज़गार ,,रोज़ी ,,रोटी और न्याय के मुद्दो से
ध्यान भटकाने के लिए ,,,कृत्रिम विवाद खड़ा कर ,,,माहोल भटकाने के प्रयास हो
,,,एक मात्र संगठन आर एस एस जो सो कोल्ड राष्ट्रभक्त ,,,,खुद को कहकर
,,खुद को हमेशा ,,,भाजपा और राजनीति से दूर ,,,रखने की घोषणा करता रहा हो
,,और अब ,,,आर एस एस खुद ,,सरकार में सक्रीय हो ,,,सरकार में जिसके लगातार
मंत्री हो ,,सरकार में जिसका ,,पूरा दखल हो ,,,विधायक हो ,,सांसद हो ,,खुद
भाजपा संगठन में आर एस एस का क़ब्ज़ा हो फिर भी देश के ऐसे विकट हालात बन गए
हो ऐसे में ,,देश और देश के लोगों के स्वाभिमान को जगाकर एक और नया
नेटवर्क ,,एक नया स्वाभिमानी संगठन ,,आर एस एस का जो विकल्प हो ,,उसे बनाने
का प्रयास गोविंदाचार्य ने शुरू किया है ,,देश भर में वर्तमान हालातों में
देश के हालातो के प्रति चिंतित ,,उपेक्षित लोगों को वोह एकत्रित भी कर रहे
है ,,गोविंदाचार्य चाहे आर एस एस के प्रचारक रहे हो ,,चाहे भाजपा से जुड़े
रहे हो ,,लेकिन वोह हमेशा राष्ट्रिय मुद्दो पर संघ और भाजपा के विचारो के
भी खिलाफ बोलते रहे है ,,शायद संघ शिक्षा के एक मात्र ,,गोविंदाचार्य ऐसा
उदाहरण है ,,जो सत्ता ,,कुर्सी ,,मंत्री जैसे पदों के लालच से कोसो दूर
रहकर ,,,अपने राष्ट्रवादी सिद्धांतो पर अड़ीग है ,,,,गोविंदाचार्य यूँ तो
चिंतक ,,प्रचारक है ,,स्वाभिमान जागरण कार्यक्रम के मुखिया है ,,, लेकिन
आर एस एस का जो चेहरा वर्तमान में सिर्फ सुविधाभोगी वाला सामने आया है
,,उससे खफा कई आर एस एस के ज़िम्मेदार लोग जो ,,सत्ता ,,कुर्सी और किसी भी
समझोते से पहले ,,राष्ट्रिय हित को सर्वोच्च स्थान देते है ,,ऐसे लोगों का
भी संघ में दम घुटने लगा है ,,और अब देश में संघ का विकल्प एक उदारवादी
चेहरे के रूप में ,,गोविंदाचार्य और उनके निकटतम साथी देश के सामने लाना
चाहते है ,,इनकी विचारधारा में देश में झूंठ बोलकर ,,झूंठे वायदे कर सरकार
में आकर सुविधाये भोगने वाले सभी लोग पाखंडी है फिर चाहे वोह उनके अपने
समर्थक ही क्यों न हो ,,गोविंदाचार्य का यह स्वाभिमानी आंदोलन पुरे देश में
एक जागरण अभियान के तहत ,,कछुआ चाल से चल रहा है ,,कई लोगों को इस आंदोलन
को लेकर भ्रम भी होता है के यह सब एक नौटंकी ,,एक ढकोसला ,,एक आर एस एस की
सिस्टर कंसर्न है ,,लेकिन वर्तमान हालातों में ,,देश में जो कुछ भी चल रहा
है ,,गोविन्दाचार्य सच में खुश नहीं है ,,वोह राष्ट्रिय मुद्दो में देश के
साथ है ,,ऐसे में सभी पार्टियों ,,,सभी सो कोल्ड राष्ट्रभक्तो से तंग और
आजिज़ आ चुके लोग अब गोविंदाचार्य के आंदोलन से जुड़ने लगे है ,,गोविंदाचार्य
के सेंध अब अल्पसंख्यकों में भी लग गयी है ,,वोह निराश अल्पसंख्यकों
,,दलितों को समझने में कामयाब हो रहे है ,,के कोई भी पार्टी वर्तमान
हालातों में उनकी हितेषी नहीं ,, सभी पार्टियां उन्हें सिर्फ शो पीस के रूप
में वोटर समझकर टिशू पेपर की तरह ही उपयोग करते है और पार्टियां वोटर तो
इस कैडर के लोगों को बनाती है ,,फिर सत्ता में आने के बाद ,,ब्राह्मण
,,बनियों ,,सामन्तियों ,,चमचो ,,चापलूसों को इन लोगों का शासक बनाकर इन पर
फिर अत्याचार करती है ,,गोविंदाचार्य के आंदोलन ने दिल्ली ,,बिहार के
चुनावों को भी प्रभावित किया है और आगामी चुनावों में इनकी विचारधारा की
प्रमुख भूमिका उत्तरप्रदेश ,,हरियाणा ,,पंजाब सहित सभी राज्यों में रहेगी
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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