हमारे देश की सुप्रीम कोर्ट ने ,,हज़ारो हज़ार ,,बेबस लाचार ,,आदेशो की तरह
,, हार्दिक पटेल के आंदोलन के मामले को लेकर ,,तोड़फोड़ हिंसा ,,का हर्जाना
वसूलने को आदेशित किया है ,,,यह चुटकुला नहीं हक़ीक़त है ,,,सामान्य फैसलों
से अलग हठ कर ,,सुप्रीम कोर्ट के ऐसे हज़ारो हज़ार आदेशो पर ,,,सरकार और उसके
नुमाइंदे ,,कचोरी खाते देखे गए है ,,,ऐसे में अब वक़्त आ गया है अपने
फैसलों को ज़िम्मेदारी से लागू करवाने के लिए सुप्रीमकोर्ट को स्वायत्ता
मिले ,सुप्रीम कोर्ट खुद अपनी फ़ोर्स के ज़रिये इन फैसलों को शतप्रतिशत लागू
करवाये ,,या फिर ज़िम्मेदार लापरवाह अधिकारी ,,मंत्री को जेल भिजवाये तभी
देश में क़ानून का राज स्थापित हो सकेगा ,,,,अभी पिछले दिनों राजस्थान में
कोर्ट कर्मचारियों की हड़ताल सिर्फ इसीलिए थी के सुप्रीम कोर्ट के सेठी आयोग
के दिए गए फैसले को अब तक कई सालो बाद भी लागू नहीं किया गया ,,,,,,देश
में आंदोलन के दौरान रास्ता नहीं रोकेंगे ,,बंद नहीं किया जाएगा ,,तोड़फोड़
हिंसा हुई तो आंदोलनकारी आयोजक से इसका खर्चा लिया जाएगा ,,,पुलिस क़ानून
व्यवस्था कैसे होगी ,,अदालतों की व्यवस्था कैसे होगी ,,,स्कूलों का संचालन
,, जनता के अधिकार ,,अस्पताल में चिक्तिसा ,,,साम्प्रदायिक उन्माद को
रोकने ,,सियासी पार्टियों के चुनाव ,,इनकी मान्यता ,,निर्वाचन नियम
,,,स्कूलों में प्रवेश और शुल्क के तरीके ,,,गंगा की सफाई ,,,संसद का
संचालन ,,पुलिस द्वारा टास्क कार्यवाही शान्ति भंग वगेरा के मामलों में
पुलिस हठधर्मिता को रोकने सहित अदालतों के कार्यसंचालन ,,साक्ष्य
रिकॉर्डिंग ,,सुनवाई ,,फैसलों के वक़्त सावधानिया सहित कई मामलों में
सुप्रीम कोर्ट के अनगिनत ऐसे फैसले है जो हुए तो सही लेकिन अब तक लागू नहीं
किये गए है और अधिकतम अराजकता सिर्फ इन फैसलों को लागू नहीं करने की वजह
से होती है ,,पार्टियां बंद करती है ,,सरकार पुलिस मूकदर्शक होती है
,,,,सियासत करती है ,,पटरियां उखड़ती है ,,मकान जलाये जाते है ,,लोगों को
मारा जाता है ,, नदियां गंदी की जाती है ,,अतिक्रमण किये जाते है ,,पुलिस
अत्याचार होते है ,,अनुसंधान मनमाना होता है ,,कलेक्टर सुनवाई नहीं करते
,,कुल मिलाकर अदालत के सेकड़ो आदेश जिनसे सरकार पाबंद है उन्हें वोह लागू
नहीं करते करते है और नतीजन अराजकता का माहोल है ,, अब वक़्त आ गया है के
सुप्रीमकोर्ट को खुद स्वायत्ता मिले ,,सुप्रीम कोर्ट पिछले तीस सालों में
दिए गए अपने फैसलों की क्रियान्विति की समीक्षा करे और ऐसा नहीं हुआ हो तो
सरकार से करवाये ,,,वरना सुप्रीम कोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में प्राप्र्त
राजस्व ,,कोर्टफीस ,जुर्माने ,,,स्टाम्प ,,वगेरा से जो भी आमदनी होती है
वोह सभी सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में रखे ,,और इस बजट से अपनी फ़ोर्स अलग
तय्यार करे जो सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले की पालना सुनिश्चित करवाये और
ऐसे फैसलों की पालना नहीं करने वाले अधिकारीयों को सीधा जेल भेजने का
प्रावधान हो तभी देश में अराजकता का माहोल खत्म हो सकेगा वरना वोटों की
सियासत के लिए तो बस इस देश को यह लोग जलाते रहेंगे ,,,नीरो बंसी बजाते
रहेंगे ,,,,अपने अपने नेताओ के लोग गुणगान कर तालियां बजाते रहेंगे ,,सड़को
पर ,,कॉलेजों में ,,संसद में , विधानसभा में गुंडागर्दी होगी ,,रिश्वत
लेकर लोग मंत्री बनेगे ,,,दलबदलू होंगे ,,पार्टियों में अदल बदल होंगे
,,,रिश्वत लेकर लोकसभा में सवाल पूंछे जाेयेंगे ,,,,दसवी फेल मंत्री बनेगे
,,,बलात्कारी ,,लुटेरे ,,डकैत ,,हत्यारे सांसद ,,विधायक ,,मंत्री होकर
पुलिस को ,,अधिकारीयों को सेल्यूट करने पर मजबूर करेंगे ,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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