ज़मीर ज़िंदा रख,
कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..
कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..
हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की वो उम्मीद जिन्दा रख....
बहना हो तो बेशक बह जा,
मगर सागर मे मिलने की वो चाह जिन्दा रख.....
मिटता हो तो आज मिट जा इंसान,
मगर मिटने के बाद भी इंसानियत जिन्दा रख....
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की वो उम्मीद जिन्दा रख....
बहना हो तो बेशक बह जा,
मगर सागर मे मिलने की वो चाह जिन्दा रख.....
मिटता हो तो आज मिट जा इंसान,
मगर मिटने के बाद भी इंसानियत जिन्दा रख....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)