में अक्सर
देखता हूँ
गरीब के
बच्चे को
हँसते हुए ,,
में अक्सर
देखता हूँ
अमीर को
रोते हुए ,,
मुझे अहसास
होता है
खुशियो के लिए
रुपयो की नहीं
मोहब्बत की
ज़रूरत है ,,,,,अख्तर
देखता हूँ
गरीब के
बच्चे को
हँसते हुए ,,
में अक्सर
देखता हूँ
अमीर को
रोते हुए ,,
मुझे अहसास
होता है
खुशियो के लिए
रुपयो की नहीं
मोहब्बत की
ज़रूरत है ,,,,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)