राष्ट्रियगान ,,जन गण मण ,,,,को लेकर इन दिनों विवाद है ,,मुंबई टाकिज़ में
एक परिवार राष्ट्रिय गान के सम्मान में खड़ा नहीं होता ,,,विदेश में भारत के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रगान के वक़्त ,,सावधान नहीं होते ,,चलते
रहते है ,,एक अधिकारी उन्हें हाथ पकड़ कर रोकता है ,,अब तो हद हो गई
,,पश्चिमी बंगाल में कुछ कटट्रपंथियों ने एक मदरसे में ,,मोलवी को इसलिए
पीटा क्यूंकि वोह ,,बच्चो को राष्ट्रगान पढ़ा रहा था ,,राष्ट्रगान सिखा रहा
था ,,,संसद में इस राष्ट्रगान का एक ख़ास धड़े ने ,,इसे राष्ट्रगान
बनाने के मामला में घोर विरोध किया था ,,वोटिंग हुआ और आखिर बहुमत ,,जन गण
मण ,,,के पक्ष में पारित हुआ ,,,एक खास विचारधारा के लोग आज भी इस
राष्ट्रगान को स्वीकार नहीं कर सके हिअ ,,,खास धड़े का दुष्प्रचार है के यह
,,जार्ज पंचम ,,का स्तुति गान है ,,राष्ट्रगान नहीं ,,खेर यह नफरत फैलाने
वाले तो बाहुबली है ,,इनका कोई क्या बिगाड़ सकता है ,,,राष्ट्रिय गौरव अपमान
प्रतििषेध अधिनियम में अब राष्ट्रगान का अपमान आज़मानतीय अपराध है ,,,सजा
बढ़ा दी गई है ,,केंद्र सरकार इसके लिए अगर गंभीर हो जाए हर ज़िले में एक
नोडल ऑफीसर लगाया जाए जो ,,राष्ट्रिय गौरव ,,संविधान ,,तिरंगा
,,,राष्ट्रगान ,,,,,,के अपमान कार्यवाही पर निगरानी रखकर निष्पक्ष होकर
कार्यवाही करे ,,,,अगर पश्चिमी बंगाल में ऐसे कटट्रपंथियों को सज़ा नहीं
मिली तो इनके हौसले बुलंद होंगे ,,राष्ट्रगान को जॉर्ज पंचम के लिए स्तुति
गान बताने वाली विचारधारा को सज़ा नहीं मिली तो फिर आरोप प्रत्यारोप बढ़ेंगे
,,राष्ट्रगान पर खड़े होना या न होना सुप्रीमकोर्ट ने स्वम की इच्छा पर छोड़ा
है ,,इसे अपमान नहीं माना ,,ऐसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक अध्यादेश
जारी कर निरस्त करते हुए ,,राष्ट्रिय गौरव अपमान प्रतििषेध अधिनियम में
संशोधन ज़रूरी है ,,,,,,,,,,,मस्जिदों में चल रहे मदरसे ,,मंदिरो में चल रहे
संकुलों को अगर छोड़ दे तो हर मदरसे और हर संकुल ,,शिक्षा केंद्र सहित
मान्यता प्राप्त कार्यालयों में राष्ट्रगान होना चाहिए ,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 जनवरी 2016
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