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06 जनवरी 2016

नॉर्थ कोरिया ने टेस्ट किया हाइड्रोजन बमः एटम से हजार गुना तबाही मचाने की ताकत

नॉर्थ कोरिया में हाइड्रोजन बम का टेस्ट हुआ है।
नॉर्थ कोरिया में हाइड्रोजन बम का टेस्ट हुआ है।
सियोल. नॉर्थ कोरिया ने पहले हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया है। इसके चलते नॉर्थ-साउथ कोरिया के कुछ इलाकों में भूकंप आया है। इस घटना के बाद यूएन काउन्सिल ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। साउथ कोरिया ने भी मीटिंग की। 8 जनवरी को नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन का बर्थडे है। इस टेस्ट को उनका बर्थ डे गिफ्ट कहा गया है।
कब-कहां किया गया टेस्ट? क्या पड़ा असर? और क्या होता है हाइड्रोजन बम? 10 सवालों में जानिए पूरी कहानी...
- नॉर्थ कोरिया के स्टेट टीवी के मुताबिक, बुधवार सुबह 10 बजे (लोकल टाइम) पुन्गेय-री में हाइड्रोजन बम टेस्ट किया गया।
- इससे पहले यहां न्यूक्लियर टेस्ट भी हो चुका है।
- यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, हाइड्रोजन बम के टेस्ट की वजह से बुधवार सुबह भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.1 थी।
- जापान सरकार के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक, ''पिछले मामलों को देखते हुए ऐसा लगता है कि नॉर्थ कोरिया में जो भूकंप के झटके महसूस किए गए, वह इस टेस्ट के कारण हुए हैं।'' चीन ने भी यही आशंका जताई है।
1. नॉर्थ कोरिया ने कहां तैयार किया हाइड्रोजन बम?
- नॉर्थ कोरिया ने अपने हाइड्रोजन और एटम बम यांगयोन न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर में बनाए। इसे नॉर्थ कोरिया और यूएसएसआर (अब रूस) के बीच 1950 में हुई डील के बाद 1964 में बनाया गया था।
2. नॉर्थ कोरिया ने इस वेपन को क्यों बनाया है?
- नॉर्थ कोरिया दुनिया के सामने अपनी पॉवर बढ़ाना चाहता है। दरअसल, इसका दुनिया पर एक साइकोलॉजिकल इम्पैक्ट पड़ता है।
3. इसका नाम हाइड्रोजन बम क्यों है?
- हाइड्रोजन बम में हाइड्रोजन एटम्स का फ्यूजन होता है। इसलिए इसे हाइड्रोजन बम कहते हैं।

4. क्या होता है हाइड्रोजन बम?
- इसे हाइड्रोजन एक्सप्लोजन भी कहते हैं। एक्सप्लोजन के लिए दो स्टेज का ब्लास्ट जरूरी है।
- पहला, न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन और दूसर न्यूक्लियर फिजन रिएक्शन। शुरुआती एक्सप्लोजन में फिजन रिएक्शन होता है- इसमें एक्स-रे निकलती हैं, जिसकी वजह से दूसरा एक्सप्लोजन होता है।
- इससे ड्यूटीरियम और ट्राइटियम का फ्यूजन होता है और दो हाइड्रोजन आइसोटोप बनते हैं।
- ये दोनों आइसोटोप एक दूसरे से रिपेल करते हैं। लेकिन एक्स-रे इस रिपलेंट फोर्स को कमजोर करती हैं। जिसकी वजह से दोनों अलग हो जाते हैं। इन आइसोटोप के फ्यूजन से कई गुना एनर्जी निकलती है। यह एक्सप्लोजन ज्यादा तबाही मचाने वाला हो जाता है।
- फ्यूजन से हीट और हाई पावर किरणें निकलती हैं, जो हाइड्रोजन को हीलियम में बदल देती हैं।

5. फ्यूजन और फिजन में क्या अंतर है?
- जब दो हल्के न्यूक्ली आपस में मिलकर एक हैवी एलीमेंट बनाते हैं तो इस प्रॉसेस को फ्यूजन कहते हैं।
- जब एक हैवी न्यूक्ली दो बराबर एलीमेंट में टूट जाता है, तो उसे फिजन कहते हैं।

6. नॉर्थ कोरिया ने न्यूक्लियर टेस्ट कब किए थे।
- नॉर्थ कोरिया 2006, 2009 और 2013 में न्यूक्लियर बम की टेस्टिंग कर चुका है। ये सभी टेस्ट हेमयोंग प्रोविंस में किए गए थे।

7. क्या हैं हाइड्रोजन बम की खासियतें?
- हाइड्रोजन बम न्यूक्लियर बम से 1000 गुना ज्यादा पावरफुल होता है।
- साइज में यह न्यूक्लियर बम से छोटा होता है।
- इसे मिसाइल में इस्तेमाल करना आसान होता है।

8. किन देशों के पास हैं हाइड्रोजन बम?
- 1952 में अमेरिका ने पहली बार हाइड्रोजन बम बनाया था।
- रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस के पास भी हाइड्रोजन बम हैं।
- अब इस दौड़ में नॉर्थ कोरिया भी शामिल हो गया है। हालांकि, दुनियाभर के देश नॉर्थ कोरिया के इस टेस्ट पर आशंका जता रहे हैं।

9. क्या इसे आसानी से बनाया जा सकता है?
- फ्यूजन बम बहुत ही सोफिस्टिकेटेड होता है। यही वजह है कि इसे बनाना आसान नहीं है। इसके लिए बहुत ज्यादा मिलियन डिग्री सेंटीग्रेट टेम्प्रेचर की जरूरत होती है।
- इसकी वजह यह है कि फिजन बहुत ज्यादा एनर्जी प्रोडूयस करते हैं, जिसे बाद में फ्यूजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

10. हाइड्रोजन बम का कभी वॉर में इस्तेमाल किया गया?
- अभी तक हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल नहीं हुआ है। हालांकि, हिरोशिमा और नागासाकी पर न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किया जा चुका है।

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