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13 नवंबर 2015

पेरिस में मुंबई जैसे हमले, फायरिंग और धमाकों में 150 मौतें, कई लोग बंधक


भारत में महिलाओं की स्थिति पर रिपोर्ट में खुलासा: दोगुने हुए रेप के मामले

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली. देश में पिछले 11 साल में रेप के मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2001 की तुलना में 2014 में ये मामले दोगुने से भी ज्यादा बढ़े हैं। शादीशुदा महिलाओं की को टॉर्चर किए जाने के मामले भी ढाई गुना बढ़े हैं। यह खुलासा शुक्रवार को जारी ‘भारत में महिलाओं की स्थिति’ रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट में और क्या
यह रिपोर्ट तिरुवनंतपुरम में जेंडर इक्वलिटी या लैंगिक समानता पर इंटरनेशनल कांफ्रेंस के दौरान जारी की गई है। इसके मुताबिक 2001 में देश में रेप के 16,075 मामले थे, जो 2014 में बढ़कर 36,735 पर पहुंच गए। जबकि शादीशुदा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले 49,170 से बढ़कर 1,22,877 तक जा पहुंचे। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए बनाई गई कमिटी की चेयरपर्सन पाम राजपूत है।
उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट का मकसद हस्तक्षेप की सिफारिश करना है। वह भी महिलाओं की आर्थिक, कानूनी, राजनीतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और सामाजिक-सांस्कृतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए। चौंकाने वाली बात यह भी है कि स्वास्थ्य के मामले में 142 देशों की सूची में भारत 141 वें स्थान पर है।’ देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से बजट होना चाहिए
राजपूत ने कहा, ‘आर्थिक विकास और एजुकेशन लेवल बढ़ने के बावजूद महिलाओं के पास मर्जी से फैसले लेने की आजादी बेहद कम है।’ कमिटी ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से बजट होना चाहिए।

वक्फ बोर्ड से अबु सुफियान का पत्ता साफ,अकील अहमद को चार्ज


राजस्थान सरकार ने एक आदेश जारी कर वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबु सुफीयान को हटाकर पदस्थापन की प्रतीक्षा सुची मे रखा है। सुफियान की जगह मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यभार अस्थाई तौर पर अल्पसंख्यक मामलात विभाग के शासन सचिव अकील अहमद को सौंपा गया है।
सुफीयान को एपीओ करने के पिछे तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सुत्रों से मिली खबरों के अनुसार सुफीयान की कार्यप्रणाली से वक्फ मंत्री को नही भा रही थी।सता परीवर्तन के बावजुद काग्रेसी विचारधारा के लोगो़ के प्रति नरम रवैया और चैयरमैन लियाकत अली के साथ मिलकर मनमर्जी से मंत्री राजेन्द्र राठोड की सहमती के बिना कुछ बडी कमेटीया गठीत कर अपने व चैयरमेंन लियाकत अली के चहेते लोगों को फायदा पहुचाने के कारमाने भी इसकी प्रमुख वजह बताये जा रहे हैं। वहीं वक्फ मंत्री के निकटतम व अनुसुचित जनजाती आयोग के चैयरमेन द्वारा वक्फ मंत्री को लिखा पत्र भी चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमे उन्होने नरहड दरगाह के सचिव के द्वारा किये जा रहे घपलो के बारे मे जानकारी वक्फबोर्ड को दिये जाने के बावजुद वापस उसी व्यक्ती को सचिव बनाने पर नाराजगी व्यक्त की थी। सुत्रो के अनुसार इस मामले को लेकर चिडावा प्रधान कैलाश मेघवाल ने मंत्री से मिलकर सारे मामले की जानकारी दी थी जिस पर मंत्री ने फोन पर सुफीयान को फटकार भी लगाई थी ।
गौरतलब है कि अबु सुफीयान पहले भी विवादों मे रहकर चर्चा का विषय बने रहे है। कुछ समय पहले भ्रष्टाचार की शिकायत करने सुफीयान के कार्यालय पहुंचे नरहड दरगाह के पुर्व वाईस चैयरमेन युनुस चौपदार के साथ बदसलुकी व देख लेने की धमकी देने का मामला भी सामने आया था जिसकी जांच मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही थी। इन सभी कारनामो की कीमत सुफीयान को एपीओ होकर चुकानी पडी है ।

प्रत्येक राजनैतिक पार्टी के अंदर स्वतंत्र विचार रखने वाले लोग किनारे कर दिए जाते हैं

भाइयों कुछ हद तक आप सभी राष्ट्रवादी मित्र सही कह रहे हैं!आज प्रायः प्रत्येक राजनैतिक पार्टी के अंदर स्वतंत्र विचार रखने वाले लोग किनारे कर दिए जाते हैं,कूड़ेदान में फेंक दिए जाते हैं और कुछ हद तक तानाशाही भी चल रही है! टिकट देते समय यदि पार्टियां स्थानीय लोगों का और कार्यकर्ताओं का मन टटोल कर प्रार्थी चुनते तो निश्चित ही देश में एक स्वच्छ परम्परा की शुरुवात होती!सबसे पहली शर्त तो प्रत्येक पार्टी की यह होती है की वह उनके उच्च कमान का चमचा हो,फिर आर्थिक रूप से सदृढ़ हो,फिर बाहुबल संपन्न हो,और जीतनेवाली स्थिति में हो,तो उसे ही वरीयता दी जाती है और उसके लिए पार्टी के सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए जाते हैं,सक्रीय सदस्यता तो दूर की बात साधारण सदस्य भी ना हो तो शुबह शिवसेना में और शाम को रेल मंत्री भी बन सकते हैं,चुनाओं में हार गए तो क्या हुवा,चनाव नहीं लड़े तो क्या हुवा वित्त मंत्री,मानव संसाधन मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं,चारा चोरी के मामले में अदालत से सजा पाने के बाद चुनाव लड़ने की पात्रता खोनेवाले लोग इस देश में ऊँचे नेता बने हुवे हैं और सत्ता पर दखल हो सकती है!क्या करें देश का कानून और संविधान की गलत व्याख्या द्वारा ये सभी राजनैतिक दल के नेता कुछ भी कर सकते हैं,किन्तु दस रुपये चुरानेवाला चोर पकड़े जाने पर एक चोर वर्षों तक जेल में सड़ता रहता है,यही गणतंत्र और यही स्वाधीनता ही तो मिली है इस देश के लोगों को! इस मामले में बीजेपी भी कहीं से भी अछूती नहीं है

क़ुरआन का सन्देश

  
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