नई दिल्ली. प्लेन क्रैश में मारे गए बीएसएफ जवानों को होम
मिनिस्टर राजनाथ सिंह बुधवार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सफदरजंग एयरपोर्ट
पर विक्टिम्स की फैमिली ने राजनाथ को घेर लिया। एक बीएसएफ जवान की बेटी ने
उनसे सवाल किया, ''हर बार सिपाही की फैमिली ही क्यों रोती है सर?'' बता
दें कि मंगलवार को उड़ान भरते ही बीएसएफ का प्लेन क्रैश हो गया था, जिसमें
10 की मौत हुई थी।
किसने पूछा राजनाथ से सवाल?
- बताया जा रहा है कि जिस लड़की ने राजनाथ से सवाल किया, वह बीएसएफ जवान रवींद्र कुमार की बेटी हैं।
- उन्होंने पूछा, ''सर, आप मुझे जवाब दीजिए सर, पुराने जहाज में
बैठाने की क्या जरूरत थी? आप जवाब दीजिए सर। गलत बात, गलत बात। जवाब दीजिए
सर।''
- कुमार एयरफोर्स से बीएसएफ में आए थे।
राजनाथ की भी आंखें नम हुईं
- श्रद्धांजलि देते वक्त होम मिनिस्टर की भी आंखें नम हो गईं।
- इस दौरान विक्टिम्स की फैमिली ने उनसे पूछा कि बीएसएफ को पुराने प्लेन क्यों दिए जाते हैं?
- दिल्ली के एलजी नजीब जंग भी मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
- इस दौरान विक्टिम्स की फैमिली ने उनसे पूछा कि बीएसएफ को पुराने प्लेन क्यों दिए जाते हैं?
- दिल्ली के एलजी नजीब जंग भी मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
एफआईआर दर्ज
- दिल्ली पुलिस ने इस मामले में धारा 304 ए (लापरवाही की वजह से मौत), 336, 337 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
- सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस आगे के एक्शन के लिए डीजीसीए जांच की डिटेल का इंतजार करेगी।
जांच के लिए डीजीसीए ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) क्रैश के मामले की जांच कर रहा है।
- बताया जा रहा है कि डीजीसीए पुराने प्लेन के एंगल से भी जांच कराएगा।
- बीएसएफ के प्लेन क्रैश की घटना की जांच करने के लिए डीजीसीए ने चार एक्सपर्ट लोगों की कमेटी बनाई है।
- डीजीसीए का कहना है कि यह जांच बीएसएफ और डीजीसीए दोनों मिलकर कर रहे हैं।
- एक्सपर्ट प्लेन के सीवीआर (कॉकपिट वायस रिकॉर्डर) की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी हादसा किस वजह से हुआ।
- डीजीसीए का कहना है कि यह जांच बीएसएफ और डीजीसीए दोनों मिलकर कर रहे हैं।
- एक्सपर्ट प्लेन के सीवीआर (कॉकपिट वायस रिकॉर्डर) की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी हादसा किस वजह से हुआ।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रैश हुए सुपरकिंग एयरक्राफ्ट के कनाडा बेस्ड मैन्युफैक्चरर को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा।
- इनक्वॉयरी प्लेन की उड़ान भरने की काबिलियत (air worthiness) के एंगल से भी होगी।
- इस बीच, बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने कहा कि प्लेन में कोई खराबी नहीं थी।
कैसे होती है प्लेन क्रैश हादसे की जांच
सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट प्रफुल्ल बख्शी ने बातचीत में बताया
- जांच में देखा जाता है कि फ्लाइंग कंडीशन क्या थी। फ्लाइंग के वक्त मौसम कैसा था। पायलट के पास फ्लाइंग का पूरा एक्सपीरियंस था या नहीं।
-बख्शी के मुताबिक बताया जा रहा कि पायलट के पास 200 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था, जो मुझे लगता है कि कम था। मेरे हिसाब से तो पायलट के लिए कम से कम 550 से लेकर 700 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस होना चाहिए।
-एटीसी को यह बताना होगा कि टेक ऑफ के वक्त पायलट से उनकी क्या बात हुई और उसे क्या निर्देश दिए गए थे।
- प्लेन के भीतर सीवीआर (कॉकपिट वायस रिकार्डर) जिसे ब्लैक बॉक्स भी कहते है उसकी जांच से पता चलता है कि हादसे की वजह क्या थी।
- सीवीआर में प्लेन की स्पीड़, आरपीएम (पंखों के घूमने की स्पीड़) आग लगने की वजह। आग बैटरी की वजह से या फिर किसी पक्षी के टकराने या फिर फ्यूल ने आग पकड़ी सबकी जानकारी मिल जाती है।
- सीवीआर में पायलट और एटीएस के बीच की बातचीत भी रिकार्ड होती है। जिससे घटना की वजह का पता चलता है।
सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट प्रफुल्ल बख्शी ने बातचीत में बताया
- जांच में देखा जाता है कि फ्लाइंग कंडीशन क्या थी। फ्लाइंग के वक्त मौसम कैसा था। पायलट के पास फ्लाइंग का पूरा एक्सपीरियंस था या नहीं।
-बख्शी के मुताबिक बताया जा रहा कि पायलट के पास 200 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था, जो मुझे लगता है कि कम था। मेरे हिसाब से तो पायलट के लिए कम से कम 550 से लेकर 700 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस होना चाहिए।
-एटीसी को यह बताना होगा कि टेक ऑफ के वक्त पायलट से उनकी क्या बात हुई और उसे क्या निर्देश दिए गए थे।
- प्लेन के भीतर सीवीआर (कॉकपिट वायस रिकार्डर) जिसे ब्लैक बॉक्स भी कहते है उसकी जांच से पता चलता है कि हादसे की वजह क्या थी।
- सीवीआर में प्लेन की स्पीड़, आरपीएम (पंखों के घूमने की स्पीड़) आग लगने की वजह। आग बैटरी की वजह से या फिर किसी पक्षी के टकराने या फिर फ्यूल ने आग पकड़ी सबकी जानकारी मिल जाती है।
- सीवीआर में पायलट और एटीएस के बीच की बातचीत भी रिकार्ड होती है। जिससे घटना की वजह का पता चलता है।
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