उस शख्स में
बात ही कुछ ऐसी है
उसका झूंठ
उसकी बेवफाई
उसका फरेब
उसकी शोखी
उसकी ज़राफ़त
उसकी वायदा खिलाफी
सब कुछ
मान लेना मजबूरी सी है ,,अख्तर
बात ही कुछ ऐसी है
उसका झूंठ
उसकी बेवफाई
उसका फरेब
उसकी शोखी
उसकी ज़राफ़त
उसकी वायदा खिलाफी
सब कुछ
मान लेना मजबूरी सी है ,,अख्तर
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