आपका-अख्तर खान

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18 अक्तूबर 2015

बात ही कुछ ऐसी है

उस शख्स में
बात ही कुछ ऐसी है
उसका झूंठ
उसकी बेवफाई
उसका फरेब
उसकी शोखी
उसकी ज़राफ़त
उसकी वायदा खिलाफी
सब कुछ
मान लेना मजबूरी सी है ,,अख्तर

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