नान्देड़ महाराष्ट्र के गोल्ड मेडलिस्ट कराटेबाज़ ,,ब्लॅकबेल्टर अरुण चव्हाण
बंजारा पुरे देश भर में बंजारों के विभिन्न समाजो को एकसाथ जोड़कर उनके
सामजिक ,,आर्थिक ,,शैक्षणिक उत्थान और सुरक्षा के मामले को लेकर
भारतयात्रा पर है ,आज अरुण चव्हाण ने इस मामले में कोटा प्रवास के दौरान
बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा से मुलाक़ात की और विभिन
बंजारा बस्तियों के हालात जानकर सर्वेक्षण किया ,,,,,,,,,,अरुण चव्हाण
बंजारा ने आज यहां एक मुलाक़ात के दौरान बताया के अब तक वोह तेईस राज्यों के
सभी ज़िलों ,,गाँवों का दौरा कर बंजारों को एक साथ जोड़कर आगामी चार ,,पांच
दिसंबर दो हज़ार पन्द्राह को नान्देड़ महाराष्ट्र में गोर बंजारा सम्मेलन का
आयोजन रखा है इस सम्मेलन में सभी राज्यों के दो लाख से भी अधिक बंजारों के
पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है ,,,,,,,,,,बंजारा समाज को एक जुट कर उन्हें
इन्साफ और बराबरी का दर्जा दिलाने का लक्ष्य लेकर भारत यात्रा पर निकले भाई
अरुण चव्हाण बंजारा प्रचारक के रूप में नींव की ईंट बनकर समाज के लिए
समर्पित भाव से काम कर रहे है ,,,,,,अरुण चव्हाण जो भारत की तरफ से जापान
कराटे मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में गए और वहां भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत
कर भारत का नाम रोशन किया ,,बंजारा अरुण चव्हाण ने लगातार पांच बार मार्शल
आर्ट में ब्लेक बेल्ट जीत कर लोगों को चौंका दिया ,,इनका जब ओलम्पिक के लिए
चयन होने लगा तब इन्हे राजनितिक तोर पर सिफारिश नहीं होने के कारण सिर्फ
बंजारा समाज का होने से चयनित नहीं किया गया और इनके हक़ को दुसरो को दे
दिया गया ,, बस तब से ही सरकारी नौकरी छोड़कर बंजारा अरुण चव्हाण देश भर के
बंजारों को एक जुट कर शैक्षणिक ,,,सियासी ,,,आर्थिक ,,सामाजिक स्तर पर एक
जुट कर मज़बूती देने का संदेश देने के लिए निकल पढ़े ,,,बंजारा अरुण चव्हाण
ग्यारह सालो में तेईस राज्यों का सफर तय कर चुके है और बंजारा समाज की
सत्ताईस जातियों को एक जुट कर महाबंजारा समाज बनाना चाहते है ,,,,उनका
मानना है के बाईस करोड़ से भी अधिक विभिन समाजो के बंजारे है जो अगर एक जुट
हुए तो देश के सभी बंजारों को इंसाफ मिलेगा ,,,बंजारा अरुण का कहना है के
बंजारा समाज के लोग आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेज़ो को उखाड़ फेंकने के लिए
प्रयासरत थे लेकिन अंग्रेज़ो के गुलाम बनाए कुछ राजा महाराजाओ ने बंजारा
समाज कको अठारह सो इकत्तर में आपराधिक समाज घोषित करवा दिया लेकिन फिर भी
बंजारा समाज आज़ादी की लड़ाई लड़ा उसने भारत देश ने नवनिर्माण में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई ,,,,,,,,,उनका कहना है के बंजारों का अपना इतिहास और महत्ता
है इसीलिए तो शायर नज़ीर अकबर आबादी ने साफ लिखा है सब ठाठ धरा रह जाएगा जब
लात चलेगी बंजारे की ,,,,,,,,फ़िल्मी गीत आज भी लोग गुनगुनाता है ,,एक
बंजारा गाये जीवन के गीत ,,,ऐसी कई गाथाये है जिनसे बंजारा समाज ने हमारे
देश का गौरव बढ़ाया है और देश का सर गर्व ऊँचा हुआ है ,,,,,,,,,बंजारा अरुण
ने अपने जीवन में समाज की सेवा कार्यो में रहने और आजीवन ब्रह्मचारी रहने
की क़सम खाई है ,,,,,,उन्होंने बताया के गोर वंश को ध्यान में रखकर सतगुरु
सेवालाल का नाम लेकर वोह अलग अलग राज्यों में बिखरे पढ़े बंजारा समाज के
विभिनं समुदायों को एक करने के लिए निकले है ,,,,,,और पुरे देश में गोर
सीक्वाडी मूवमेंट चला रहे है ,,इस मामले में गोर सेना का भी गठन किया गया
है ,,उन्होंने बताया नांदेड महाराष्ट्र स्थित सतगुरु सेवालाल के समाधि स्थल
पर आगामी दिसम्बर के सम्मेलन में देश भर के बंजारे आमनत्रित है
,,,,,,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ने प्रस्तावित
सम्मेलन में पूरी तरह तन ,,मन ,,धन से मदद देने का वायदा किया
,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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