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13 अक्तूबर 2015

पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के खिलाफ भाजपा सरकार की षड्यंत्रकारी कार्यवाही मामले में कांग्रेस एक जुट है

राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के खिलाफ भाजपा सरकार की षड्यंत्रकारी कार्यवाही मामले में कांग्रेस एक जुट है और ऐसी किसी भी बदले की भावना के विरुद्ध कांग्रेस एक जुट होकर मुक़ाबला करेगी ,,,,,,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलेट ,,पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने आज यहां जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय इंदिरा गांधी भवन में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा के शांति धारीवाल के विरुद्ध कथित सभी आरोप झूंठे बेबुनियाद ,,बदले की भावना और राजनीति से प्रेरित है ,,,कोटा ज़िले से शांतिधरीवाल के हज़ारो प्रशंसक हाड़ोती का एक ही लाल ,, धारीवाल धारीवाल के बुलंद नारो से कांग्रेस कार्यालय और आस पास के इलाक़े गूंज उठे ,,कोटा और आसपास के इलाक़े से आज जयपुर पहुंचे हज़ारो शांति धारीवाल समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर भाजपा की किसी भी प्रकार की बदले की भावना के खिलाफ सड़को पर निपटने का संकेत दिया ,,,,,,,,,,,,,,आक्रोशित कांग्रेस कार्यकर्ताओ को कई बार समझाइश के बाद वोह शांत हुए ,,,,,,,,,,,,,,इस दौरान पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने शायराना अंदाज़ में कुछ शेरो के साथ कथित आरोपों के खिलाफ तथ्य और विधि पक्ष रखते हुए पत्रकारों से कहा के आप सभी जानते है के भाजपा यह ओछी राजनीती पर क्यों उतरी है ,,,क्यों भाजपा झूंठे और मनघड़ंत आरोप लगाकर अपनी हताशा का परिचय दे रही है ,,,,,शांतिधरीवाल ने कहा के जिस एकल पट्टे के मामले में उनपर आरोप लगाया गया है वोह बेबुनियाद और मनमाना ,,मनघड़ंत ,,द्वेषतापूर्ण है ,,उन्होंने स्पष्ट किया के पट्टे जारी करने की एक सतत प्रक्रिया है जिसमे जे डी ऐ ,,नगर न्यास ,,नगरनिगम ,,पालिकाएं अपने स्तर पर सभी पत्रावलियों की जांच कर पन्द्राह हज़ार वर्ग मीटर से अधिक की पत्रावलियां औपचारिक अनुमोदन के लिए सरकार के पास भेजते है ,,जिसमे पहले उप सचिव ,,फिर सचिव पत्रावली का परीक्षण करते है फिर पत्रावली औपचारिक अनुमोदन के लिए मंत्री के पास आती है जिसे अधीनस्थ रिपोर्ट के आधार पर औपचारिक अनुमति दी जाती है ,,उन्होंने कहा के विवादित पत्रावली वर्ष दो हज़ार पांच में तात्कालिक जे डी ऐ कमिश्नर ललित पंवार ने तय्यार की ,,सभी परीक्षण के बाद पत्रावली के सभी तथ्य और दस्तावेज सही मानकर पत्रावली अनुमोदन के लिए सरकार के पास भिजवाई ,,लेकिन कुछ दिनों बाद यही कमिश्नर ललित पंवार स्वायत्त शासन सचिव बनाये गए और जो पत्रावली इन्होने कमिश्नर के नाते सही मानते हुए अनुमोदन के लिए सरकार के पास भेजी थी उसी पत्रावली को सचिव की हैसियत से पंवार साहब ने बिना किसी युक्तियुक्त कारण बताते हुए औपचारिक आदेश से निरस्त कर दी ,,जब भाजपा की सरकार थी ,,उन्होंने कहा के अगर कोई षड्यंत्र हुआ है तो प्रारम्भ काल में भाजपा की सरकार में भाजपा के मंत्रियो अधिकारियो द्वारा किया गया है ,धारीवाल ने कहा के वर्ष दो हज़ार दस में पत्रावली नब्बे बी के विधिक प्रावधान के तहत जे डी ऐ ने फिर तय्यार की ,, विधिक दस्तावेज जांच पड़ताल ,,सूक्ष्म परीक्षण की टिप्पणी के बाद ,,पत्रावली अनुमोदन के लिए सरकार के पास भिवजावी जिसे सचिव ने स्वीकृत कर औपचारिक अनुमोदन के लिए उनके भिजवाई लेकिन उन्होंने पत्रावली को पुन परीक्षण ,,और विधिक राय के लिए अनुमोदन के पूर्व भिजवाई और राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशो की दिशा में कार्यवाही के निर्देश दिए ,,सभी जांच पड़ताल ,,विधिक राय के बाद यह पत्रावली फिर से उनके समक्ष अनुमोदन के लिए आई जिसे औपचारिक तोर पर उन्होंने अनुमोदित किया ,,लेकिन इसी बीच एक आर टी आई कार्यकर्ता ने जब इस पत्रावली की नक़ल मांगी और जे डी ऐ ने निर्धारित समयावधि में पत्रावली उपलब्ध नहीं कराई तो उसने सुचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत अपील पेश की अपील में भी जब जे डी ऐ से पत्रावली की नक़ल वगेरा देने में टालमटोल का नज़रिया लगा तो ,,दाल में कुछ काला महसूस हुआ और पत्रावली फिर तलब कर इस पट्टे को निरस्त कर पत्रावली जांच कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और फौजदारी मुक़दमे दर्ज करने के निर्देश दिए गए ,,उन्होंने कहा के इस पत्रावली में सरकार के पास पत्रावली आवेदक के तियालीस लाख रूपये जमा है ,,उसे पट्टा नहीं मिला ,,पटटा निरस्त कर मुक़दमा दर्ज करने के आदेश दिए गए ऐसे में अवैध ,,अनियमित कृत्य या फिर आपराधिक षड्यंत्र के आरोप स्वत ही झूंठे साबित होते है ,,, शांतिधरीवाल सहज ,,सरल और मज़बूत दिखे ,,उन्होंने शायराना अंदाज़ में सरकार को चेतावनी दी के सरकार बढ़ा दिल रखती है ,,यूँ ही बेवजह पुरानी पत्रावलियों में सरकारों को नहीं घसीटती है ,,लेकिन सरकार ने जो कार्यवाही शुरू की है वोह हास्यास्पद भी है और अफसोसनाक भी ,,उन्होंने कहा के सभी जानते है वर्तमान सरकार किंतनी दूधः की धुली है ,,उन्होंने कहा के उनकी हर कार्यवाही विधिक रूप से ,,दस्तावेजी रूप से ,,,पाक साफ़ है ,,पारदर्शी है वोह किसी भी जांच का सामना करने को तय्यार है ,,लेकिन भाजपा सरकार का यह कृत्य स्वस्थ परम्परा नहीं है ,,एक खीज ,,एक खिसियानापन है ,,जिसका परिणाम उसे भुगतना होगा ,,,,,,,,,,,शांति धारीवाल जब पत्रकार वार्ता के बाद कांग्रेस कार्यालय में नीचे उतरे तो कोटा से गए उनके हज़ारो हज़ार प्रशंसक कार्यकर्ताओं ने हाड़ोती का एक ही लाल ,,धारीवाल धारीवाल से कांग्रेस कार्यालय को गूंजा दिया ,,,,कांग्रेस कार्यालय में धारीवाल के समर्थन में कोटा शहर अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ,,देहात अध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी मीणा ,,शिवकांत नंदवाना ,,,नईमुद्दीन गुड्डू ,अख्तर खान अकेला ,,,कैलाश बंजारा ,,तबरेज़ पठान ,,,मन्ज़ूर तंवर ,,रचना राठोड ,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ,आबिद कागज़ी ,,बारे जिला अध्यक्ष निजामुद्दीन विक्रम वाल्मीकि ,पंकज मेहता , रमा बजाज ,,,,समर्थ शर्मा ,बाबूलाल वर्मा सहित हज़ारो कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे ,,,,,कांग्रेस के नेताओ और कार्यकर्ताओ ने चेतावनी दी के राजस्थान के विकास पुरुष के खिलाफ अगर बदले की भावना से भाजपा आकर ने कोई भी ओछी कार्यवाही की तो कांग्रेस कार्यकर्ता चुप बैठने वाला नहीं है ,,भाजपा को इसके गंभीर परिणाम भुगतना होंगे ,,शांति धारीवाल दृढ़ ,,निर्भीक ,,नीडर ,,मज़बूत नज़र आये वोह अड़ीग थे और उन्होंने सहजता सरलता से अपने वही चिरपरिचित अंदाज़ में हँसते मुस्कुराते सभी कार्यकर्ताओ के साथ स्नेह भोज भी लिया ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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