आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 अक्तूबर 2015

ना काहू से दोस्ती ,,ना काहू से बेर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

ना काहू से दोस्ती ,,ना काहू से बेर ,,ना जाति ना धर्म ,,ना मज़हब ,,,ना अमीरी ,,न गरीबी ,,सिर्फ गरीब ,,दलित और पीड़ितों की खिदमत ,,उनके इन्साफ के लिए संघर्ष का एक लम्बा कामयाब सफर पूरा कर चुके है भाई अशफ़ाक़ हुसेन ,,जिनका खिदमत ऐ ख़ल्क़ का यह सफर बिना किसी भेदभाव के लगातार बदस्तूर जारी है ,,,खुदा इन्हे इनके हर मंसूबों में कामयाब करे ,,,जी हाँ दोस्तों कोटा में जन्मे अशफ़ाक़ हुसेन समाजसेवक रहे स्वर्गीय इंदिरागांधी के निकटतम राजस्थान के कारो ,,जीपों के टॉप औटोमोबाइल इंजीनियर स्वर्गीय पुट्टन साहब गाइड ऑटो गेरेज वालों के पुत्र है ,,औटोमोबाइल इंजीनियरिंग का हुनर अशफ़ाक़ भाई को बखूबी आता है कहने को इनका एक गेरेज भी है ,,लेकिन गेरेज इनके अधीनस्थ लोगों के हवाले है और इन्होने खुद को जनता के हवाले ,,जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है ,,क़रीब दो दशक से भी अधिक वक़्त से दलितों और गरीबों के साथ जुड़ कर उनकी हर समस्या को उठाना ,,उसके समाधान के लिए प्रशासन तक बात पहुंचाने का काम अशफ़ाक़ भाई बखूबी कर रहे है ,,चाहे दलित और गरीबों की शिक्षा का सवाल हो ,,उनके लिए बस्ते ,,कॉपियों ,,ट्यूशन फीस का सवाल हो ,,दर्द से कराहते मरीज़ों के इलाज का मामला हो ,,खून की ज़रूरत हो ,,भूखे को रोटी ,,नंगे को कपड़े की ज़रूरत हो त्योहारो पर लोगों के आवश्यक त्योहारी जश्न की ख़ुशी दलित और गरीबों के चहरे पर लाना हो बस अशफ़ाक़ भाई हमेशा अपने समाजसेवी लोगों की टीम के साथ इनकी खिदमत को तैयार रहते है ,,,अशफ़ाक़ हुसेन खुद के धर्म मज़हब की हर रिवायत को बखूबी निभाते है रोज़े का हुक्म निभाते है तो ईद का जश्न मनाते है ,पांचो वक़्त की नमाज़ पढ़ते है ,लेकिन अपने धर्म मज़हब की रिवायत के साथ दुसरो के धर्म मज़हब का सम्मान भी पूरी तरह से करते है ,,अशफ़ाक़ हुसेन कहते है के जब में अपने धर्म मज़हब की आज़ादी और सुरक्षा का ध्यान रखता हु तो मुझे दूसरे के धर्म मज़हब को ठेस ना पहुंचे इसका ख्याल रखना ज़रूरी हो जाता है ,,वोह सियासत के नाम पर धर्म के उपयोग के खिलाफ है ,,धर्म के नाम पर हिंसा के मुखालिफ रहने वाले अशफ़ाक़ हुसेन कहते है के दलित ,,गरीब ,,ज़रुरत मंमद ,,बेवा ,,बच्चो ,,,,मरीज़ों ,,मुसाफिरों का कोई धर्म नहीं होता इनमे कोई उंच नीच का भाव नहीं होता इनका तो बस धर्म मज़हब की सीमाये लांघ कर इनकी खिदमत करना ही मुझे मेरा मज़हब सिखाता है ,,,,,,,,,,अशफ़ाक़ हुसेन खिदमत ऐ ख़ल्क़ के काम में अब पूरी तरह से समर्पित है वोह अपना कारोबार ,,अपना घर परिवार छोड़कर दलित और अल्पसंख्यक समाज के लिए समाज सेवी संगठन पॉपुलर फ्रंट सहित कई समाज सेवी संगठनो से जुड़कर एक नया भारत समस्यामुक्त भारत का सपना लेकर समाज सेवा क्षेत्र में कूद पढ़े है ,,,इस काम ले ;लिए अशफ़ाक़ भाई देश के कई क्षेत्रो में अपना सफर तय कर चुके है ,,वोह कहते है हमारे भारत में दो देश है एक अमीरो का एक गरीब दलितों का ,अमीरो का देश शोषण कर रहा है ,,,धर्म मज़हब की सियासत कर रहा है ,,देश की अर्थव्यवस्था और रोज़गार के साधनो ,,,सियासत पर क़ब्ज़ा जमाये बैठा है जबकि गरीब ,,दलित ,,पिछडो का अलग हिन्दुस्तान है जिन्हे दूसरे हिंदुस्तान के हिस्सेदारों ने जाति ,,धर्म ,,मज़हब ,,भाषा ,,उंच नीच ,,,,अमीर गरीब में बनांतकार फसादात करवा कर इनकी एकता ,ताक़त को कम किया है और हिन्दुस्तान को खोखला किया जा रहा वोह कहते है दलित और अल्पसंख्यको को अगर बराबर की हिस्सेदारी मिले ,इंसाफ़ मिले ,तो निश्चित तोर पर हमारा हिन्दुस्तान एक हिंदुस्तान होगा विश्व में सबसे बढ़ा और ताक़तवर हिंदुस्तान होगा ,,बस इसी सोच के साथ अशफ़ाक़ भाई समाजेवी संगठनो और दलित ,,गरीबों ,,अल्पसंख्यको के उत्थान में लगे संगठनो के साथ जुड़कर समाज सेवा ओर गरीब दलितों को इंसाफ दिलाने की सियासत समाज के लोकतंत्र को जीवित रखते हुए इन्साफ की लड़ाई में अव्वल दर्जे काम कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...