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15 अक्तूबर 2015

भारत की जनता यह सर्कस देख रही है ।

26 मई 2014 को जब मोदी ने शपथ ली थी
प्लेटफार्म टिकट 3 रूपए था और आज 10 रूपए है और व्यवस्था जस की तस।
98 रूपये मे नेट वाऊचर अनलिमिटेड आता थी 2G idea का आज अनलिमिटेड 2G 250 रूपये का आता है
एक डॉलर 58 रुपये के बराबर था आज 66 रुपये के बराबर है।
काल रेट 30 पैसे मिनिट था आज 1 रूपये मिनिट है
तब कच्चा तेल 105.71 डॉलर प्रति बैरल था
और पेट्रोल 71.41 रु लीटर था !
पेट्रोल पर वैट 21% था आज 31% है
आज कच्चा तेल 40 डॉलर प्रति बैरल है
और पैट्रोल 68.50 रु लीटर है |
और दाल तुवर की 70 रूपये थी
आज 130 रूपये है।
प्याज 15 रुपये प्रति kg था
आज 80 रुपये प्रति kg है।
सर्विस टैक्स 12.36% था
आज 14% है
एक्साईज डयूटी 10% थी
आज 12.36% है
और सभी उद्योगपति दोस्त अपनी बैलेंस शीट चैक कर ले, साथ ही चार्टड अकाउटेंट साहब अपने ग्राहको और ग्राहक स्वयं कीं बैलैंस शीट जेब देख ले सारा माजरा समझ आ जाएगा |
अच्छे दिन ?
आज"मोदी" सरकार का "461" वां दिन है।
👹 ये वो सरकार है जो आपसे 100 करोड़ रुपये की गैस सब्सिडी ख़त्म करवाने के लिए...
250 करोड़ के विज्ञापन दे चुकी है।
👹 स्वच्छता अभियान का विज्ञापन बजट भी 250 करोड़ था लेकिन दिल्ली के सफाई कर्मियों की सालाना तनख़्वाह के लिए ज़रूरी 35 करोड़ इनके पास नहीं हैं।
👹 "किसान टीवी" पर सालाना सौ करोड़ का ख़र्च दे सकते हैं क्योंकि इस चैनल के सलाहकार समेत आधे कर्मचारी आर एस एस के किसी न किसी अनुशांगिक
संगठन से हैं...
मगर किसानों की खाद सब्सिडी छीन ली।
👹 इनके पास "योगा डे" के लिए 500 करोड़ हैं, रामदेव के पतंजलि को हरियाणा के स्कूलों में
योग सिखाने के लिए सालाना 700 करोड़ हैं...
मगर इन्होंने प्राथमिक शिक्षा के बजट में 20% कटौती की क्योंकि स्कूलों के लिए इनके पास पैसे नहीं
हैं।
👹 इस सरकार के पास कार्पोरेट को 64 हज़ार करोड हैं टैक्स छूट देने के लिए,
मगर आत्महत्या कर रहे किसानों का क़र्ज़ चुकाने को 15000 करोड़ नहीं हैं।
👹 स्किल इन्डिया के लिए 200 करोड़ का विज्ञापन बजट है,
मगर युवाओं की छात्रवृत्ती में 500 करोड़ की कटौती करती है।
ये वो सरकार है जो विदेशियों को 17-26 रुपये प्रति kg प्याज बेचकर 45 रुपये प्रति kg वापिस खरीदेगी। जो ट्रांसपोर्ट etc खर्चा जोड़कर 50 रुपये प्रति kg वापिस मिलेगा।
यही वो सरकार है जिसने विपक्ष और किसानों के दबाव में आकर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर घुटने टेके। चौतरफा विरोध से घिरी। काला कानून वापिस लेने का निर्णय लिया।
आख़िरकार किसानों की जीत हुई। मोदी और उनके आकाओं की हार।
👹 सरकार घाटे में है। ओएनजीसी बेचने की तैयारी है। रेलवे की ज़मीनें बेचने का टेंडर पास कर दिया है।
मगर अडानी के लिए
22000 करोड़ देने को हैं।
भारत की जनता यह सर्कस देख रही है ।

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