वाराणसी. साधु-संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई
हिंसक झड़प के बाद शहर के चार पुलिस स्टेशनों के तहत लगाए गए कर्फ्यू को
हटा लिया गया है, लेकिन तनाव को देखते हुए शहर में धारा 144 लागू कर दी गई
है। गोदौलिया, गिरजाघर, चौक, दशाश्वमेधघाट मार्ग, मदनपुर और बांस फाटक
जैसे इलाके जहां कर्फ्यू लगाया था, वहां बैरिकेडिंग कर लोगों को जाने से
रोका जा रहा है। पुलिस ने करीब 29 लोगों को हिरासत में लिया है। उधर, बताया
जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खुद वाराणसी के एसएसपी
आकाश कुलहरी को फोन कर शहर में शांति-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है।
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज का विरोध
पिछले दिनों मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में
सोमवार को प्रतिकार यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें हजारों लोग मौजूद थे।
जुलूस के गोदौलिया पहुंचते ही कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव करना
शुरू कर दिया। पुलिस की जीप और 4 बाइकाें में आग लगा दी। मामला बढ़ता देख
पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस
लगातार आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट से फायरिंग करती रही। इस दौरान
साधु-संतों के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कवरेज
के दौरान कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं। डीएम राजमणि यादव ने स्पष्ट
कर दिया है कि कल यानी मंगलवार को शहर के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
इसमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित सीबीएसई और आईसीएसई के सभी स्कूल शामिल
हैं।
प्रशासन सोशल मीडिया पर रख रहा नजर
कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने शहरवासियों से किसी भी प्रकार की अफवाहों में न आने की अपील की है। फिलहाल, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रशासन सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्हॉट्सएप और फेसबुक पर निगरानी रख रहा है। यदि इन माध्यमों से किसी भी प्रकार की कोई गलत सूचना या अफवाह फैलाई जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने शहरवासियों से किसी भी प्रकार की अफवाहों में न आने की अपील की है। फिलहाल, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रशासन सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्हॉट्सएप और फेसबुक पर निगरानी रख रहा है। यदि इन माध्यमों से किसी भी प्रकार की कोई गलत सूचना या अफवाह फैलाई जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
देशभर के साधु-संत प्रतिकार यात्रा में शामिल
प्रतिकार यात्रा में देशभर के साधु-संतों के साथ ही साध्वी प्राची और
चक्रपाणि महाराज भी शामिल थे। इस दौरान साध्वी प्राची ने कहा कि प्रशासन ने
मूर्ति विसर्जन को लेकर रास्ता नहीं निकाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब
तक सीएम अखिलेश खुद साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी नहीं मांगते
तब तक आंदोलन चलता रहेगा। दादरी मामले को लेकर उन्होंने कहा कि एक तरफ
काशी में संतों पर लाठियां बरसाई जाती हैं और दूसरी तरह सीएम गाय काटने
वालों को 45 लाख रुपए देते हैं। साध्वी प्राची विश्व हिंदू परिषद से
ताल्लुक रखती हैं।
चक्रपाणि महाराज ने कहा-गोली खाने आया हूं काशी
चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संत गोली खाने काशी पहुंचे हैं। अयोध्या, मथुरा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी साधु यहां आए हैं।
अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई यात्रा
बता दें कि प्रतिकार यात्रा अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई
थी। प्रतिकार यात्रा निकलने का रूट टाउनहॉल से मैदागिन चौराहा से गुजरते
हुए चौक और गोदौलिया चौराहा से दशाश्वमेध घाट तक तय किया गया था।
अविमुक्तेश्वरानंद वाराणसी के विद्यामठ के स्वामी हैं और स्वामी
स्वारूपानंद के प्रमुख शिष्य हैं।
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