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04 सितंबर 2015

RSS-BJP को-ऑर्डिनेशन मीटिंग: पीएम बोले स्वयंसेवक होने पर गर्व, जल्द दिखेंगे नतीजे

फोटो- मध्यांचल भवन से निकलते हुए पीएम मोदी शाम 6:40 बदे
फोटो- मध्यांचल भवन से निकलते हुए पीएम मोदी शाम 6:40 बदे
नई दिल्ली. RSS-BJP को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी RSS नेताओं से मुलाकात करने मध्यांचल पहुंचे। यहां नेताओं की मौजूदगी में पीएम का 15 मिनिट का भाषण भी हुआ जिसमें मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बड़े बदलावों के लिए काम कर रही है। पीएम ने कहा कि सरकार के कामकाज के नतीजे जल्द ही दिखाई देने लगेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद लगभग 45 मिनिट तक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपना भाषण दिया। भागवत ने अपने भाषण में सरकार के कामकाज की तारीख की और कहा कि मोदी सरकार सही दिशा में काम कर रही है।
पीएम ने दिया को-ऑडिनेशन मीटिंग में भाषण
पीएम ने अपने भाषण में कहा कि उन्हें आरएसएस का स्वंय सेवक होने पर गर्व। उन्होंने कहा कि यह संघ के संस्कारों का ही नतीजा है जो वे आज यहां हैं। मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज पर बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार देश में बड़े बदलावों के लिए काम कर रही है और उसके नतीजे जल्द ही दिखाई देने लगेंगे। 15 मिनिट के अपने भाषण में पीएम ने कहा कि जब उनकी सरकार को देश की बागडोर मिली थी तब देश के हालात अच्छे नहीं थे। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के कामकाज के नतीजे आने में समय लगेगा लेकिन नतीजे जल्द ही दिखाई देने लगेंगे। पीएम के भाषण के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत और 100 से ज्यादा पदाधिकारी मौजूद थे।
आरएसएस ने दिए कई सुझाव
तीन दिनों की को-ऑर्डिनेशन मीटिंग के बाद शुक्रवार की शाम मध्यांचल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संघ के नेताओं ने बताया कि मीटिंग में किन मुद्दों पर विचार किया गया। संघ के नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "संघ को सरकार से किसी तरह का अनुदान नहीं मिलता, लेकिन संघ समाज की ताकत से काम करता है। संघ के विचार से प्रेरणा लिए हुए लोग सत्ता संभाल रहे हैं, तो हमारा दायित्व बनता है कि हम सरकार को उसके कामकाज को लेकर बताएं। तीन दिनों में आतंरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा पर बात हुई। देश की कैपैबिलिटी बढ़ाने के लिए आंतरिक सुरक्षा के सबंध में शासन को सही नीति अपनाने के सुक्षाव दिए गए हैं। आर्थिक मोर्चे पर भी भारतीय चिंतन और विचार के आधार पर आधुनिक समय में हम अपने मॉडल को विकसित करें। पश्चिम के कई मॉडल फेल हो चुके हैं, यह हमें समझना चाहिए। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए विकास का मॉडल बनाया जाए। गांव को लोग कमाई, पढ़ाई और दवाई की वजह से छोड़ रहे हैं। गांवों में इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए सुझाव दिए गए हैं।"
शिक्षा पर भी हुआ मंथन
होसबोले ने कहा, "शिक्षा के भारतीयकरण और आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय मूल्यों का ध्यान रखने वाली शिक्षा व्यवस्था को विकसित करना चाहिए। शिक्षा के दायरे से कोई बाहर नहीं रहे। आने वाले 5 सालों में 100 फीसदी साक्षरता हासिल करने के लिए उपाए किए जाने चाहिए। सार्क देशों के सदस्य होने के नाते पड़ोसी देशों से बेहतर संबंध रखने होंगे। पड़ोसी देशों के साथ अपने सांस्कृतिक संबंध और अच्छे कैसे हो सकते हैं, इस पर भी विचार हुआ। शोषित, वंचित और दलितों को स्वाभिमान की जीवन देने के लिए भी ऐसी योजनाओं पर जोर दिया गया है। यह सरकार की समीक्षा बैठक नहीं थी, सिर्फ समन्वय पर बात हुई। यहां निर्णय लेने जैसी कोई बात नहीं हुई। धार्मिक जनगणना पर हमारे कार्यकर्ता अध्यन करके रिपोर्ट बनाएंगे। उसमें इस विषय पर बात हो सकती है।"

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