गौरतलब है कि अक्षरधाम में फंसे अहमदाबाद के पांच आरोपियों को सालों की मशक्कत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है।
वहीं मालेगांव और अजमेर शरीफ धमाके में हिन्दू संगठनों से जुड़े उग्र लोगों के शामिल होने के पुख्ता सबूत सामने आए, जबकि इनमें फंसे मुस्लिम लड़के अब भी केस से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक एक बार एफआईआर दर्ज होने और चार्जशीट दायर हो जाने के बाद कानून मामला खत्म करने का अख्तियार राज्य सरकार के पास है। जिस राज्य की पुलिस ने यह काम किया है, वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
वहीं मालेगांव और अजमेर शरीफ धमाके में हिन्दू संगठनों से जुड़े उग्र लोगों के शामिल होने के पुख्ता सबूत सामने आए, जबकि इनमें फंसे मुस्लिम लड़के अब भी केस से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक एक बार एफआईआर दर्ज होने और चार्जशीट दायर हो जाने के बाद कानून मामला खत्म करने का अख्तियार राज्य सरकार के पास है। जिस राज्य की पुलिस ने यह काम किया है, वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
अगर पूरे मामले की जांच सही तरह से की जाए तो कानूनन इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी जेल तक जा सकते हैं।
आईबी ने शुरुआती कोशिश की तो राज्य सरकार और पुलिस की तरफ से सहयोग का कोई संकेत नहीं मिला। मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।
आईबी ने शुरुआती कोशिश की तो राज्य सरकार और पुलिस की तरफ से सहयोग का कोई संकेत नहीं मिला। मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।
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