नई दिल्ली. 2011 की जनगणना (सेंसस) के मुताबिक पिछली बार
(2001) की तुलना में हिंदुओं की तादाद 0.7 फीसदी कम हुई है, जबकि मुस्लिमों
की आबादी 0.8 फीसदी बढ़ी है। मोदी सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बात
सामने आई है।
रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर की ओर से मंगलवार को धार्मिक
आधार पर कराई गई जनगणना के नतीजे जारी किए गए। 'पॉपुलेशन बाय रीलिजियस
कम्युनिटीज ऑफ सेंसस 2011' नाम से जारी रिपोर्ट में सिखों की आबादी भी कुल
जनसंख्या की तुलना में 0.2 फीसदी कम हुई है। ईसाई और जैन धर्म मानने
वालों की आबादी 2001 से 2011 के दौरान लगभग बराबर ही रही है।
किसकी कितनी आबादी
धर्म | कुल आबादी (121.09 करोड़) | 2001-2011 में किसकी कितनी बढ़ी अबादी (प्रतिशत में) | कुल आबादी में किसका कितना % |
हिंदू | 96.63 करोड़ | 16.8 | 79.8% |
मुस्लिम | 17.22 करोड़ | 24.6 | 14.2 % |
ईसाई | 2.78 करोड़ | 15.5 | 2.3 % |
सिख | 2.08 करोड़ | 8.4 | 1.7 % |
बौद्ध | 0.84 करोड़ | 6.1 | 0.7 % |
जैन | 0.45 करोड़ | 5.4 | 0.4 % |
आंकड़े जारी करने पर सवाल भी
कई लोगों का मानना है कि मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले धर्म आधारित जगगणना के आंकड़े जारी कर इलेक्शन कार्ड खेला है। उनका कहना है कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे और राज्य की 243 सीटों में से 50 पर इसका असर पड़ सकता है।
कई लोगों का मानना है कि मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले धर्म आधारित जगगणना के आंकड़े जारी कर इलेक्शन कार्ड खेला है। उनका कहना है कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे और राज्य की 243 सीटों में से 50 पर इसका असर पड़ सकता है।
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