इंटरनेशनल डेस्क। सऊदी अरब में जिंदगी आसान नहीं है, खासकर
महिलाओं के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। हालांकि, इस बार यहां की महिलाओं के
लिए खुशी का मौका है, क्योंकि वो सऊदी के इतिहास में पहली बार वोट डालने जा
रही हैं। पहली बार यहां वोटर लिस्ट में महिलाओं के नाम जोड़े गए हैं। वैसे
यहां के अजीबोगरीब कानून और पाबंदियां महिलाओं के लिए हमेशा मुश्किलें
खड़ी करते रहे हैं। यहां महिलाओं की ड्राइविंग पर रोक है और रेप जैसे अपराध
में आरोपी को सजा तभी मिल सकती है, जब उसके चार चश्मदीद हों। हम यहां सऊदी
अरब के ऐसे ही कुछ अजीबोगरीब नियमों और पाबंदियों के बारे में बता रहे
हैं।
अकेले सफर करने पर पाबंदी
40 साल के ऊपर की फातिमा रियाद में रहती हैं। वह तब तक प्लेन में बैठ नहीं सकती, जब तक उनके पास अपने बेटे द्वारा लिखित अनुमति नहीं होगी। यहां कानूनी रूप से बालिग होने के बावजूद महिलाओं का कोई अस्तित्व नहीं है। सऊदी में हर महिला का पुरुष अभिभावक होना चाहिए। इसमें उसके पिता से लेकर अंकल, भाई, बेटे होते हैं। किसी भी सऊदी महिला को पढ़ाई, काम, यात्रा, शादी और यहां तक डॉक्टरी जांच के लिए भी घर के पुरुष सदस्य से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है। वहीं, न्याय की बात तो भूल जाइए, बिना किसी भी पुरुष अभिभावक वो केस तक फाइल नहीं कर सकती।
40 साल के ऊपर की फातिमा रियाद में रहती हैं। वह तब तक प्लेन में बैठ नहीं सकती, जब तक उनके पास अपने बेटे द्वारा लिखित अनुमति नहीं होगी। यहां कानूनी रूप से बालिग होने के बावजूद महिलाओं का कोई अस्तित्व नहीं है। सऊदी में हर महिला का पुरुष अभिभावक होना चाहिए। इसमें उसके पिता से लेकर अंकल, भाई, बेटे होते हैं। किसी भी सऊदी महिला को पढ़ाई, काम, यात्रा, शादी और यहां तक डॉक्टरी जांच के लिए भी घर के पुरुष सदस्य से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है। वहीं, न्याय की बात तो भूल जाइए, बिना किसी भी पुरुष अभिभावक वो केस तक फाइल नहीं कर सकती।
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