मुख्यमंत्री के कोटा आगमन पर मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी 
आगामी सितम्बर माह में मुख्यमंत्री के कोटा कार्यक्रम सरकार आपके द्वार के 
वक़्त संभावित अराजकता मुद्दो के निस्तारण को लेकर चिंतित  नज़र आये 
,,,,,,,,,,,,जानकारों का कहना है के कोटा के कुछ पेचीदा ऐसे मुद्दे है के 
सरकार के कोटा आगमन तक अगर वोह निस्तारित नहीं होते है तो कोटा की सड़को पर 
आंदोलन होंगे ,,क़ानून व्यवस्था के नाम पर रोक टॉक और फिर लाठीवार होगा 
,,सरकार की बदनामी होगी ,,,वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में
 लगभग  अधिकतम अधिकारी कोटा जिला प्रशासन के शीर्ष पदों पर रह चुके है वोह 
कोटा की कई परेशानियों और नब्ज़ से वाक़िफ़ है ,,लेकिन वर्तमान में ग्रामीण 
क्षेत्रों   में पेंशन योजना बंद करने ,,,,किसानो के स्वीकृत मुआवज़े का 
वितरण नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ भयंकर आक्रोश है 
,,,इधर कोटा के वकीलों में कोटा में राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना 
,,,रेवेन्यू बोर्ड की डबल बेंच की स्वीकृति ,, अदालत परिसर में समस्याओ का 
समाधान और वकीलों को दिए गए प्लाट मामलों में पूर्व में खुद मुख्यमंत्री 
महोदय ,,कोटा सांसद ,,,सभी विधायकों द्वारा रियायती दरों  भूखंड दिलवाने के
 वायदों से सकरार बंधी है ,,वकील कई बार मिल चुके है लेकिन समाधान नहीं 
निकला है ,,,जबकि  कोटा जेल के स्थानांतरण में अड़चने ,,,अवैध क़ब्ज़े ,,,कोटा
 एयरपोर्ट की शुरुआत को लेकर आक्रोश ,,,कोटा अदालत को स्वीकृत स्थान बंधा 
धर्मपुरा की शिफ्टिंग का मामला ज्वलंत मुद्दा है ,,इधर शिक्षको में आक्रोश 
है तो राजस्थान में उर्दू विषय खत्म करने से आक्रोशित उर्दू के हमदर्द 
गुस्से में है ,,,उर्दू के मामले में आंदोलन का मुख्यालय कोटा में है और 
तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सभी कार्यक्रम कोटा में होंगे ,,यहां सभी को  
ज्ञापन देने के बाद अब तक कोई नतीजा नहीं निकलने से उर्दू के हमदर्दों में 
अंदर ही अंदर आग सुलग रही है और अगर  वक़्त रहते है उर्दू विषय के मामले में
 वाजिब निर्णय लेकर यथावत स्थिति नहीं रखी गई तो जिस दिन कोटा सरकार होगी 
उस दिन लाठी चले चाहे गोली ,,लेकिन कोटा की सड़को पर उर्दू के हज़ारो हज़ार 
हमदर्द  ,,मधुमक्खी के छत्ते की तरह शांतिपूर्ण तरीके से ऐतिहासिक  
प्रदर्शन करेंगे जो राजस्थान में अब तक का सबसे बढ़ा ,,सबसे ऐतीहासिक 
प्रदर्शन हो सकता है ,,,,,,,और भी कई मुद्दे है  जिनमे अधिकारीयों और 
जन्पर्तीिनिधियों का टकराव ,,सी ऐ डी कोंग्रेक्टर्स के भुगतान का मुद्दा 
,,,कोटा सोंदर्यकर्ण का मुद्दा ,,सियासी नियुक्तियों में ढीलाई से नाराज़गी 
का मुद्दा ,,खुद भाजपा के लोगो की आपसी खींचतान भी अपने आप में एक मुद्दा 
है ,,,ऐसे में अगर ज़रा भी सावधानी हठी तो समझ लो बढ़ी दुर्घटना घटी ,,इसलिए 
खुद सरकार ,,सरकार के ख़ुफ़िया तंत्र ,,,अधिकारीयों और खासकर  मुख्यमंत्री 
भवन में बैठे सलाहकारों को एहतियाती क़दम उठाते हुए सभी समस्याओां का समाधान
 यथासम्भव तरीके से यात्रा के पूर्व किया जाना सुनिश्चित करना होगा वार्ना 
,,सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में आम जतना की आवाज़ ,,आम जनता का इन्साफ बढ़े
 प्रदर्शन और विवादों में फंस कर रह जाएगा जिससे सरकार की बदनामी के साथ 
साथ कई महीनो तक माहोल में कड़वाहट रहने की भी संभावना है 
,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

 
 

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