कोटा जिन स्मार्ट लोगों के कारण स्मार्ट बना ,,,उनका नाम अगर कोटा के
रचनात्मक सौंदर्यकरण और विकास से हटा दिया जाए तो यह उनके साथ ज़्यादती है
,,कोटा को स्मार्ट बनाने में सिर्फ और सिर्फ दो चतुर्वेदी और दो धारीवाल का
ही मुख्य हाथ रहा है ,,,एक स्मार्ट सिटी पर जो खर्च होगा उससे तो कई गुना
ज़्यादा खर्च अकेले शानतीधारीवाल के कार्यकाल में कोटा पर हुआ है ,,,,,,,जी
हाँ दोस्तों प्रोफेसर ललित किशोर चतुर्वेदी को कोटा में थर्मल ,,मेडिकल
कॉलेज ,,इंजीनियरिंग कॉलेज लाये ,,,कोटा बाईपास के संघर्ष के
लिए खुद का मुख्यमंत्री पद तक दाव पर लगा दिया ,,मुख्यमंत्री भेरो सिंह
शेखावत से सीधा टकराव किया ,,कोटा ओपन यूनिवर्सिटी सहित कई सौगाते कोटा को
विकसित और खूबसूरत बनाने के लिए ललित चतुर्वेदी के कार्यकाल में हुई ,
कोटा ग्रामीण स्कूटर में पूल बने ,,सड़के बनी ,,सी ऐ डी की सिंचाई योजना
तय्यार हुई ,रिखब चंद धारीवाल जिन्होंने कोटा को उद्योग नगरी का रूप दिया
,,इधर उधर भटक रहे उद्योपतियों को एकत्रित कर यहां उद्योग खुलवाकर कोटा को
रोज़गार से जोड़ा ,,,,,,,,जबकि भुवनेश चतुर्वेदी के काल में कोटा मेग्नेट
सिटी बना ,,बी टू का दर्जा कोटा को मिला ,,कोटा यूनिवर्सिटी खुली ,,,कोटा
में सड़कों का जाल बिछा ,,,कोटा को नगर निगम का दर्जा मिला ,,रेलवे ओवर
ब्रिज बना ,,, कोटा एयरपोर्ट को शुरू करने के प्रयास हुए
,,,,,,,,,,,,,कई विद्यालय खुले ,,उद्योगो को राहत मिली ,जबकि आधुनिक कोटा
के जनक शांति धारीवाल के कार्यकाल में कमाल हो हो गया करोड़ों करोड़ रूपये
कोटा पर खर्च हुए कई वैकल्पिक मार्ग ,,उद्यान , ,,ओवर ब्रिज बनाये गए
,,कोटा को सजाया ,,संवारा गया ,,,कोटा के औद्योगिक माहोल को रचनात्मक
सुरक्षा मिली जबकि कोटा के सोंदर्यकर्ण और पर्यटन योजनाओ पर ऐसे चार चाँद
लगे के कोटा आज बुलंदियों के सातवे आसमान पर है ,,लेकिन अफ़सोस सिर्फ और
सिर्फ यहां एयरपोर्ट नहीं होने से यहां से आई आई टी गई ,,ट्रिपल आई टी आई
लेकिन काम शुरू नहीं हुआ ,एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पाइप लाइन में है
,,,सम्पर्क साधन कमज़ोर है और इसीलिए पुरे देश को पानी ,,बिजली ,,,हरियाली
,,शिक्षा ,डॉक्टर ,,इंजीनियर देने वाले इस कोटा शहर को सुपर स्मार्ट होने
पर भी सीटी की कतार में पीछे खड़ा कर दिया गया है ,,,इन्तिज़ार में खड़ा किया
गया है ,,कोटा के साथ अन्याय है लेकिन अगर कोटा को स्मार्ट सिटी का दर्जा
दिलाने वाली हस्तियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी गई और
शांतिधरीवाल को स्वागत कर ज़िंदाबाद नहीं किया गया तो यक़ीनन कोटा के विकास
और सोंदर्यकर्ण के प्रति चिंतित लोग उत्साहवर्धित नहीं हो पाएंगे
,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)